अर्जेटीना-नीदरलैंड फुटबॉल 'युद्ध' का अंजाम सामने आने लगा है...
अर्जेंटीना और नीदरलैंड के बीच हुए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में अपने फैसलों से विवादों में आए स्पेन के रेफरी Mateu Lahoz को वापस घर भेज दिया गया है. चाहे वो अर्जेंटीना के खिलाड़ी हों या फिर नीदरलैंड के दोनों ही ने तमाम गंभीर आरोप Lahoz द्वारा लिए गए फैसले पर उठाए हैं.
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Fifa World Cup 2022 के सबसे रोमांचकारी मैचों में से एक अर्जेंटीना और नीदरलैंड क्वार्टर फाइनल मैच तमाम फुटबॉल प्रेमी सालों साल याद रखेंगे. भले ही इस मैच में पेनल्टी शूट आउट के जरिये नीदरलैंड को हराकर अर्जेंटीना सेमी फाइनल में एंट्री कर गयी हो और उसका मुकाबला क्रोएशिया से होने वाला हो. मगर करीब दो घंटे ग्राउंड पर अर्जेंटीना और नीदरलैंड के बीच जैसा 'युद्ध' हुआ उसके परिणाम तो आने ही थे. गाज मैच रेफरी Mateu Lahoz पर गिरी है जिन्हें विवादों में आने के बाद वापस घर भेज दिया गया है. Lahoz अब शेष मुकाबलों में अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज कराएंगे.
मैच शुरू भर था. जैसा रुख बतौर रेफरी लाहोज़ का था, उन्होंने सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी थीं मगर ट्विस्ट तब आया जब 72 मिनट पर एक ऐसा फैसला दिया जिसने नीदरलैंड के खेमे में मायूसी को जन्म दे दिया. यहां रेफरी ने नीदरलैंड के खिलाड़ी को कार्ड दिखाया और अर्जेंटीना को पेनल्टी का फायदा दिया जिसे मेसी ने गोल में परिवर्तित कर इतिहास रच दिया.
नीदरलैंड और अर्जेंटीना के बीच हुए मुकाबले में ऐसा बहुत कुछ हुआ है जो फुटबॉल फैंस को लंबे समय तक याद रहेगा
जैसा मुकाबला दोनों टीमों में हुआ यदि उसे देखें और उसका अवलोकन करें तो साफ़ था कि स्पेनिश रेफरी लाहोज़ अर्जेंटीना की कमियों को नजरअंदाज कर रहे थे लेकिन दिलचस्प ये रहा कि उसी अर्जेंटीना ने Mateu Lahoz के खिलाफ शिकायत दर्ज की है.
बताते चलें कि स्पेनिश रेफरी ने मैच के दौरान कुल 15 येलो कार्ड दिखाए जिसमें उनका वो येलो कार्ड भी सुर्खियां बटोर रहा है जो उन्होंने मेसी को दिखाया. माना जा रहा है कि ये बतौर रेफरी Mateu Lahoz के अटपटे फैसले ही थे जिसके कारण दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों के बीच हाथापाई तक की नौबत आई,
जैसे निर्णय लाहोज ने लिए उससे अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी मेसी तक आहत नजर आए. मैच के बाद मीडिया से बात करते हुए मेसी ने कहा है कि रेफरी के बारे में वह बात नहीं करना चाहते हैं. वहीं उन्होंने फीफा पर बड़ा हमला करते हुए ये भी कहा कि फीफा को इस तरह के फैसले लेने के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि उन्हें (मेसी को ) ऐसा लगा कि स्पेन के रेफरी इस मैच में फैसले सुनाने लायक नहीं थे.
मेसी ने कहा कि रेफरी के बारे में वह बात नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि अगर आप रेफरी को लेकर कुछ कहेंगे तो वह एख्शन लेंगे. लेकिन फीफा को उनके बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि जो काम करने के लिए लायक ना हो आप उसे ऐसी जगह पर रेफरी नहीं रखेंगे.
रेफरी पर हमला करते मेसी ने ये भी कहा कि खेल शुरू होने से पहले ही हम डरे हुए थे क्योंकि हमें पता था कि वो (Mateu Lahoz) क्या करने वाले हैं. मेसी ने बहुत स्पष्ट होकर ये भी कहा कि जब रेफरी इस काबिल न हो तो उसे इतने महत्वपूर्ण मैच में जगह नहीं देनी चाहिए.
ऐसा नहीं है कि येलो कार्ड के चलते सिर्फ अर्जेंटीना की तरफ से मेसी ने ही मुखर होकर लाहोज का विरोध किया है. अर्जेंटीना के गोलकीपर Emiliano Martinez ने भी रेफरी के रुख पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है और उन्हें व्यर्थ बताया है. Martinez के मुताबिक लाहोज ने बिना किसी कारण के नीदरलैंड को 10 अतिरिक्त मिनट दिए.Martinez का मानना था कि Mateu Lahoz हर हाल में क्वार्टर फाइनल मुकाबले में नीदरलैंड को जिताना चाहते थे.
जैसी गर्मी मैदान पर अर्जेंटीना और नीदरलैंड के खिलाड़ियों के बीच दिखी इस बात में कोई शक नहीं है कि क्वार्टर फाइनल में खेला गया ये मुकाबला वर्ल्ड कप ख़त्म होने के बाद भी लोगों के बीच चर्चा का विषय रहेगा. ये बात भी यूं ही नहीं है. दरअसल इस मुकाबले में बात लड़ाई झगड़े की आ गयी है तो फीफा ने अर्जेंटीना पर जांच बैठा दी है. ध्यान रहे कि मैच रेफरी Mateu Lahoz ने सिर्फ दोनों टीमों के खिलाड़ियों को नहीं बल्कि अर्जेंटीना के मैनेजर को भी येलो कार्ड दिखाया था.
बहरहाल भले ही क्वार्टर फाइनल मुकाबले में अर्जेंटीना ने पेनल्टी किक की बदौलत नीदरलैंड को हरा दिया हो लेकिन जैसा मैच दोनों टीमों के बीच हुआ. जैसी गर्मी दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों के बीच देखने को मिली ये मैच याद किया जाएगा. बाकी बात जांच पर हुई है तो रेफरी Lahoz जांच में बाइज्जत बरी होते हैं या दोषी पाए जाते हैं फैसला वक़्त करेगा लेकिन इस बात में कोई शक नहीं है कि मैच के दौरान जैसा ट्रीटमेंट दोनों टीमों में था दर्शकों को मजा क्वार्टर फाइनल ने फाइनल वाला दे दिया है.
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