Beta movie के 30 साल: इस फिल्म की वजह से आमिर खान कभी अवॉर्ड फंक्शन नहीं गए!
इंद्र कुमार के निर्देशन में बनी फिल्म 'बेटा' के रिलीज हुए 30 साल हो चुके हैं. साल 1992 में रिलीज हुई ये फिल्म ब्लॉकबस्टर रही थी. इस फिल्म ने अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित की लोकप्रियता में चार चांद लगा दिए थे. लेकिन इस फिल्म से जुड़ा एक अहम विवाद भी है, जिसने आमिर खान को कभी अवॉर्ड फंक्शन में नहीं जाने दिया.
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30 साल पहले बॉलीवुड फिल्म 'बेटा' रिलीज हुई थी. फिल्म की रिलीज के वक्त इसके लीड एक्टर अनिल कपूर की उम्र करीब 35 साल, तो एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित की उम्र 24 साल रही होगी. इस फिल्म ने रिलीज होने के साथ ही बॉक्स ऑफिस पर धमाका कर दिया. फिल्म लोगों को खूब पसंद आई. फिल्म के निर्देशक इंद्र कुमार ने इस फैमिली ड्रामे में रोमांस का ऐसा तड़का डाला कि सिनेमाघर सीटियों और तालियों से गूंज उठे. फिल्म ने अनिल कपूर को हर घर का 'बेटा' बना दिया, तो माधुरी दीक्षित को 'धक-धक गर्ल' कहा जाने लगा. इसमें काम करने वाले सभी कलाकार अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, अरुणा ईरानी, अनुपम खेर, लक्ष्मीकांत बेर्दे, आकाश खुराना और आदि ईरानी की लोकप्रियता में चार चांद लग गए. इतना ही नहीं महज 3 करोड़ रुपए के बजट में बनी इस फिल्म ने 24 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया. यदि आज की महंगाई के हिसाब से देखे तो ये रकम 450 करोड़ रुपए होती.
कमाई के साथ ही फिल्म बेटा को कई बड़े अवॉर्ड फंक्शन में सम्मानित किया गया. उस साल आयोजित फिल्म फेयर अवॉर्ड में इसने पांच पुरस्कार जीते. इसमें बेस्ट एक्टर अनिल कपूर, बेस्ट एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित, बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अरुणा ईरानी, बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर अनुराधा पौडवाल, बेस्ट कोरियोग्राफर सरोज खान को घोषित किया गया. फिल्म के गाने 'धक-धक करने लगा' को कई अवॉर्ड मिले. इस सेरेमनी में बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्टनिस्ट आमिर खान भी मौजूद थे. उस साल उनकी फिल्म 'जो जीता वही सिकंदर' रिलीज हुई थी. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बेहतर प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही क्रिटिक्स ने भी फिल्म में आमिर के अभिनय की सराहना की थी. इसकी वजह से आमिर को उम्मीद थी कि बेस्ट एक्टर का खिताब उनको ही मिलेगा. लेकिन स्टेज पर डिंपल कपाड़िया जैसे ही पहुंची, उन्होंने बिना लिफाफा खोले सीधे अनिल कपूर के नाम का ऐलान कर दिया.
उस वक्त फिल्म बेटा की सफलता अनिल कपूर और आमिर खान की दोस्ती के बीच में आ गई थी.
आमिर खान को ये बात बहुत बुरी लगी. वो बहुत निराश हुए. इसके बाद लगातार कई वर्षों तक उनके साथ ऐसा ही होता रहा. इस दौरान उनकी फिल्में 'हम हैं राही प्यार के' और 'रंगीला' रिलीज हुईं. दोनों ही फिल्मों ने कमाल किया. उन्हें दर्शकों का भी खूब प्यार मिला. लेकिन फिल्मफेयर से लेकर आईफा तक आमिर खान को कोई अवॉर्ड नहीं मिला. उनकी जगह उसी दौरान रिलीज हुई 'बाजीगर' और 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' के लिए शाहरुख खान को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिल गया. इसके बाद तो आमिर ने अवॉर्ड फंक्शन में जाने से ही तौबा कर लिया. तबसे लेकर आजतक वो किसी अवॉर्ड सेरेमनी में नहीं गए हैं. बीच में बस एक अवॉर्ड सेरेमनी में गए, लेकिन वो भी लता मंगेशकर के बुलावे पर, उनके गेस्ट बनकर. यह बात बहुत कम लोगों को पता है कि आमिर खान के किसी अवॉर्ड फंक्शन में नहीं जाने के पीछे असली वजह अनिल कपूर और उनकी फिल्म 'बेटा' ही थी.
इस बारे में एक इंटरव्यू में अनिल कपूर ने कहा था, ''मैं हमेशा मानता हूं कि उस साल के फिल्म फेयर बेस्ट एक्टर के अवॉर्ड के असली हकदार आमिर खान ही थे. क्योंकि उनकी फिल्म 'जो जीता वही सिकंदर' वास्तव में एक अलग तरह की फिल्म थी, आउट ऑफ द बॉक्स, और मैं यह कह सकता हूं कि फिल्म के लिए सभी ने कड़ी मेहनत की थी. मैंने भी ये फिल्म देखी और मुझे बहुत अच्छी लगी. इसी दौरान फिल्मफेयर अवार्ड हुआ, जहां मैंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता, लेकिन मैं हैरान रह गया. मैंने इसे इसलिए जीता क्योंकि यह उस समय की बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी. इस फिल्म में मेरे अभिनय को हर किसी ने सराहा था. डिंपल कपाड़िया ने जब बिना लिफाफा खोले मेरे नाम का ऐलान किया तो मुझे लगा कि मेरे साथ मजाक है, लेकिन मुझे बाद में पता चला कि ज्यूरी और वोट के आधार पर सबसे अधिक फिल्म 'बेटा' को ही वोट मिले थे.''
बताते चलें कि फिल्म 'बेटा' में अनिल कपूर ने राजू का किरदार निभाया है, जो कि बड़ी जायदाद का मालिक होते हुए भी अनपढ़ है. वो अपनी सतौली मां (अरुणा ईरानी) की हर बात मानता है. उसे भगवान की तरह पूजता है. लेकिन सतौली मां उसके सीधेपन का फायदा उठाती है. इसमें उसका भाई और भाभी साथ देते हैं. राजू की शादी सरस्वती (माधुरी दीक्षित) से हो जाती है. इसके बाद सतौली मां का खेल खराब होने लगता है. सरस्वती पढ़ी लिखी तेज तर्रार लड़की है. शादी के बाद से अपनी सास की असलियत जान जाती है. इसके बाद तमाम कोशिशों के बाद वो अपने पति की आंख पर पड़ी पट्टी खोलने में कामयाब हो पाती है. फिल्म में अनिल और माधुरी के बीच कई रोमांटिक गाने फिल्माए गए हैं, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया है. उन पर फिल्माया गया गाना 'धक-धक करने लगा' सुपरहिट हुआ था. फिल्म के इस गाने ने ही माधुरी को बॉलीवुड में 'धक-धक गर्ल' का टैग दिया था.
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