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सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
गुलाम मोहम्मद की मां ने जो कहा, वो 'अपराधियों' की पैरवी करने वालों को सुनना चाहिए!
एनकाउंटर में मारे गए उमेश पाल के हत्यारे गुलाम मोहम्मद का शव लेने से उसकी मां और भाई ने इनकार कर दिया है. जबकि अतीक का परिवार और उसके हिमायती असद को 'शहीद' बनाने पर तुले हैं. दोनों ओर के लोगों में फर्क है संस्कारों का...
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
असद एनकाउंटर: अन्य सूबों को भी लॉ एंड आर्डर के मामले में यूपी सीएम से प्रेरणा ले ही लेनी चाहिए!
यदि बाकी के सूबे असद एनकाउंटर प्रभावित हो जाते हैं तो इससे होगा ये कि अपराधियों के बीच एक सख्त सन्देश जाएगा और यक़ीनन इससे कानून व्यवस्था सुधरेगी। बाकी अब जबकि यूपी एसटीएफ ने असद अहमद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. इतना तो साफ़ हो गया है कि जुर्म की जड़ें कितनी भी गहरी क्यों न हों, लेकिन एक न एक दिन उसका किला गिरता जरूर है.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
चाहे जो भी हो एक मां को ये 10 बातें अपनी बेटी को नहीं सिखानी चाहिए
जमाना बदल रहा है इसलिए मांओं को भी अपनी सोच बदलनी होगी. आपकी बेटी बाहर जाती है, दोस्तों से मिलती है, कॉलेज जाती है...उसकी भी अपनी एक सोच है, अपना एक नजरिया है. ऐसे अगर आप उससे वही घिसी पिटी पुरानी बातें कहेंगी तो वह आपसे दूर होती जाएगी.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
खेत में काम कर रही डीएसपी की मां ने पढ़ाई को बताया जमीन से बेहतर, आपकी क्या राय है?
कई लोगों को यह अजीब लग सकता है कि जिसका बेटा डीएसपी है उसकी मां खेत में भैंस के लिए घास काट रही हैं. मगर दुनिया की हर मां शायद ऐसी ही होती है. कुछ भी हो जाए वह अपना काम नहीं छोड़ सकती है. अपना स्वाभिमान नहीं छोड़ सकती.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
जो लोग कहते हैं कि पुरुष सैक्रिफाइस नहीं करते हैं, वे झूठ बालते हैं
यह धारणा गलत है कि सारा त्याग लड़कियां करती हैं. ऐसा कहने वाले शायद किसी जिम्मेदार शादीशुदा पुरुष से नहीं मिले हैं. पुरुष भी त्याग करते हैं. कभी बहन, कभी पत्नी, कभी मां तो कभी बेटी के लिए वो भी कुर्बानियां देते हैं. वो परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए दिन रात काम करते हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
पैरालाइज पिता के पेशाब करने पर गला दबाकर मारने वाले बेटे को जितनी लानत दी जाए कम है
समझ नहीं आ रहा है कि इस कुकर्म के लिए बेटे को किस भाषा में लानत दी जाए. ऐसी औलाद होने से बेहतर तो बेऔलाद होना ही है...
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
70 साल के ससुर ने 28 साल की बहू से शादी करके उसके जीवन का उद्धार तो बिल्कुल नहीं किया
क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि लड़कियां अकेले नहीं रह सकती. उनको सहारे की जरूरत होती है. इसलिए पति के नाम पर बुजुर्ग इंसान भी चलेगा. वह भी ससुर, जो पिता समान होता है. यह शादी नहीं लड़की की बर्बादी है.
समाज
| बड़ा आर्टिकल
श्वेत कुमार सिन्हा
@409932558004725
...और अपने पिता के आंसू देख जब मैं हज़ार मौत मरा
'सर, दादू अब सो गए हैं. आप भी जाइए और जाकर आराम करिये.' नर्स ने धीमे स्वर में कहा. पिताजी के शांत और निश्चल चेहरे पर नज़रें टिकाए मैं आईसीयू से बाहर आ गया. पर मन तो वहीं पिताजी के सिराहने छोड़ आया था और कहां जानता था कि यह उनसे मेरी आखिरी मुलाकात होगी.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
बेटी तुम्हें हमारी तरफ से आजादी है मगर इन बातों का ध्यान रखना
कई माता-पिता अपनी बेटियों को भी उतना ही प्यार दुलार देते हैं जितना बेटों को. वे बेटियों की शिक्षा में कोई कमी नहीं करते हैं. वे चाहते हैं कि उनकी बेटी पढ़लिख कर कुछ बने और अपने पैरों पर खड़ी हो. वे अपनी बेटी को आजादी तो देते हैं मगर कंडीशन अप्लाई के साथ और यहीं पर वे गलती करते हैं.