असद एनकाउंटर: अन्य सूबों को भी लॉ एंड आर्डर के मामले में यूपी सीएम से प्रेरणा ले ही लेनी चाहिए!
यदि बाकी के सूबे असद एनकाउंटर प्रभावित हो जाते हैं तो इससे होगा ये कि अपराधियों के बीच एक सख्त सन्देश जाएगा और यक़ीनन इससे कानून व्यवस्था सुधरेगी। बाकी अब जबकि यूपी एसटीएफ ने असद अहमद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. इतना तो साफ़ हो गया है कि जुर्म की जड़ें कितनी भी गहरी क्यों न हों, लेकिन एक न एक दिन उसका किला गिरता जरूर है.
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यूपी पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. उमेश पाल हत्याकांड के शूटर और माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे असद को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया है. जरायम की दुनिया में अतीक का बेटा असद उस वक़्त सुर्ख़ियों में आया जब बीते 24 फरवरी को प्रयागराज में दिनदहाड़े उमेश पाल की हत्या हुई. उमेश पाल की हत्या के बाद पुलिस ने असद के सिर पर 5 लाख का ईनाम रखा था, असद भी किसी शातिर अपराधी की तरह बार बार अपने ठिकाने बदलते रहा लेकिन अंत में जीत पुलिस की ही हुई और झांसी के पारीक्षा डैम के पास यूपी एसटीएफ ने असद अहमद और अतीक के शूटर गुलाम को ढेर कर दिया.
अतीक के बेटे की मौत से यक़ीनन अपराधियों का मनोबल टूटेगा
असद की मौत के बाद से ही सोशल मीडिया पर बातों का सिलसिला शुरू हो गया है. तमाम लोग हैं जो असद को मिटटी में मिलाने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शान में कसीदे पढ़ रहे हैं और यही कह रहे हैं कि यूपी के मुखिया के जो भरे सदन में कहा उसे कर के दिखाया.
⚠️ GRAPHIC CONTENT | First Visual: #Asad, son of mafia turned-politician #AtiqAhmed and Ghulam, both wanted in Umesh Pal murder case of Prayagraj and carrying a reward of Rupees five lakhs each; killed in encounter with the UPSTF team in Jhansi. pic.twitter.com/x03FlQ5G74
— Subodh Kumar (@kumarsubodh_) April 13, 2023
हो सकता है कि असद जैसे दुर्दांत अपराधी की मौत के बाद कुछ लोग मानवाधिकारों की दुहाई दें. ऐसे लोगों को ये बताना बहुत जरूरी है कि असद कोई छोटा मोटा अपराधी नहीं था. राजधानी लखनऊ में बैठकर अपने नेक्सस को चलाने वाले असद का मरना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि यदि ये नहीं मारा जाता तो आने वाले वक़्त में प्रयागराज और आसपास में अपराध विशेषकर रंगदारी के मामलों में तेजी से इजाफा होता.
ध्यान रहे उमेश पाल हत्याकांड के बाद चर्चाएं तेज हो गयीं थीं कि यदि पुलिस अतीक और उसके गैंग को वक़्त रहते ठिकाने नहीं लगाती तो प्रयागराज समेत सूबे के बाकी के हिस्सों में रंगदारी के मामलों में इजाफा होगा.
#BreakingNews Asad and Ghulam, son of Atiq Ahmed carrying a prize of 5 lakhs, were killed in an encounter by UPSTF in Jhansi. Asad was the conspirator and main accused in the Umesh Pal murder case #Encounter #UPPolice #UmeshPalCase #AtiqAhmedUP STF #Asad pic.twitter.com/6LcqDvc73e
— INDIA TODAY (@India_To_Today) April 13, 2023
अपराध पर यूपीएसटीएफ के इस एक्शन के बाद यूपी समेत देश भर में राजनीति तेज हो गयी है. ओवैसी जैसे लोग इसे जहां एक तरफ एक वर्ग को खुश करने की कार्रवाई बता रहे हैं. तो वहीं वो लोग जो इस मामले पर यूपी पुलिस और यूपीएसटीएफ की सराहना कर रहे हैं उनका मानना यही है कि झांसी में अतीक अहमद के बेटे के एनकाउंटर से सूबे के तमाम अपराधियों को सबक मिलेगा.
ये संविधान का एनकाउंटर है, अगर एनकाउंटर ही करना है है तो फिर जजों और अदालतों का क्या काम है, अदालतों पर ताला लगा दीजिए @asadowaisi #AtiqueAhmad #AsadAhmed #गुलाम #YogiKaNayaUP #yogi pic.twitter.com/uElYs6tJhm
— T Raghavan (@NewsRaghav) April 13, 2023
बहरहाल इस एनकाउंटर पर हम अपनी राजनीतिक समझ के हिसाब से तर्क रख सकते हैं. इसके पक्ष में और विपक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत कर सकते हैं लेकिन इस बात में कोई शक नहीं है कि इस एनकाउंटर को सिर्फ़ उत्तर प्रदेश के ही नहीं बल्कि पूरे देश के राजनेताओं को देखना चाहिए. तमाम मुख्यमंत्रियों को इस घटना से सबक लेते हुए ऐसा एक्शन प्लान अपने अपने सूबों में भी लागू करना चाहिए.
इस आवाज को महफूज़ रखनाइसे लम्हें नहीं सदियां सुनेंगी...#मिट्टी_में_मिला_दूंगा pic.twitter.com/ZIn9s7uD8u
— pranay vikram singh (@pranaybharat) April 13, 2023
बाकी के सूबे यदि इस घटना के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रभावित हो जाते हैं तो इससे होगा ये कि अपराधियों के बीच एक सख्त सन्देश जाएगा और यक़ीनन इससे कानून व्यवस्था सुधरेगी. कुल मिलाकर अब जबकि सीएम योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशों के बाद यूपी एसटीएफ ने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है, इतना तो साफ़ हो गया है कि जुर्म की जड़ें कितनी भी गहरी क्यों न हों लेकिन एक न एक दिन उसका किला गिरता जरूर है.
अतीक के मामले में हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि ये अतीक को पूर्व की सरकारों से मिला पॉलिटिकल माइलेज ही था जिसके चलते पुलिस अतीक पर हाथ डालने से पहले दो बार सोचती थी, ऐसे में अगर आज उसी अतीक की सूबे में कुत्ते से बदतर हालत हुई है तो इसके लिए यूपी के मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं. ये योगी के सख्त फैसले ही हैं जिन्होंने यूपी में अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए हैं.
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