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समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
@5745259062180641
‘धर्मवीर’ छत्रपति शंभू राजे के शौर्य और बलिदान की कहानी सुनाता उनका समाधि स्थल
हिन्दवी स्वराज्य के विस्तार और हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए समर्पित रहा है. चैत्र अमावस्या, विक्रम सं. 1743 तद्नुसार 11 मार्च 1686 को औरंगजेब ने नृशंसता से उनकी हत्या की दी थी, तिथिनुसार इस वर्ष 21 मार्च को उनका बलिदान दिवस है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
@5745259062180641
‘स्व’ के आधार पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्थापित किया ‘हिन्दवी स्वराज्य’!
राज्य संचालन के अन्य क्षेत्रों में भी शिवाजी महाराज ने ‘स्व’ की भावना के आधार पर व्यवस्थाएं बनायीं. स्वराज्य की अपनी मुद्रा होनी चाहिए इसलिए महाराज ने मुगलों द्वारा चलाई गई मुद्रा बंद करके सोने और तांबे के नये सिक्के जारी किए थे. शिवाजी ने बड़े आर्थिक व्यवहार के लिए स्वर्ण मुद्रा बनवायी, जिसे ‘होन’ नाम दिया गया. जबकि सामान्य आर्थिक व्यवहार के लिए तांबे की मुद्रा बनवायी गई, इस ताम्र मुद्रा को ‘शिवराई’ कहा गया.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
जावेद अनीस
Rahul Gandhi: वर्तमान में भारतीय राजनीति के दारा शिकोह
राहुल गांधी अपनी बहुचर्चित 'भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से पहली बार खुद को इतने प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने में कामयाब हुये हैं. जैसा उनका वर्तमान स्वरूप है, वे बंधुतत्व के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में उभरे हैं.
संस्कृति
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
औरंगजेब की हिंदी डिक्शनरी, मैनेजर पांडे का काम; निराला की जनेऊ से बैर, आखिर इंटेंशन क्या है?
भारत का जितना नुकसान उसके अपने आधुनिक लेखकों/विचारकों ने किया है, उतना किसी और ने नहीं. किसी भी आक्रमणकारी ने नहीं. अरबों, गजनियों, खिलजियों और मुगलों ने भी नहीं. कैसे- इंटेशन, औरंगजेब की डिक्शनरी, मैनेजर पांडे की श्रद्धांजलि, निराला की जनेऊ, छठ और तुलसी पूजा के बहाने समझते हैं.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
औरंगजेब ने सिर्फ डायरेक्ट एक्शन किया, स्क्रिप्ट तो अकबर की थी, और वह रत्तीभर भी महान नहीं था
अकबर महान नहीं था. वह औरंगजेब से ज्यादा सहिष्णु भी नहीं था. इसके लिए इतिहास के बहुत से पन्नों को पलटने की जरूरत नहीं है. महज कुछ पन्ने इतिहास के उस काले सच को नंगा कर देते हैं.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
औरंगाबाद को उद्धव सरकार के आखिरी दिन संभाजीनगर बनाने की क्या मजबूरी थी?
यह अपने आप में शर्मनाक है कि विदेशी हत्यारे के नाम से एक जिले पहचाना जा रहा है और संभाजी महाराज के रूप में मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले युवा राजा को सदियों से अपमानित किया जा रहा है. उद्धव ठाकरे को बताना चाहिए कि क्या मजबूरी थी जो उन्होंने आख़िरी क्षण में नाम बदलने का फैसला लिया.
संस्कृति
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
औरंगजेब के इतिहास की 'ईमानदारी' को उसकी बेटी जेबुन्निसा की गुमशुदा कहानी से समझिए!
औरंगजेब की बेटी जेबुन्निसा की कहानी मुग़ल सल्तनत के आलमगीर के समूचे व्यक्तित्व को तार तार कर देती है.
समाज
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
पैगंबर साहेब-औरंगजेब को एक ही तराजू पर रखना बंद करें मुसलमान
देश में मजहब के नाम पर जिस तरह हर हफ्ते अराजकता का माहौल पैदा किया जा रहा है उसपर नरेंद्र मोदी और समूचे विपक्ष की चुप्पी खतरनाक है. जनता चुप जरूर है लेकिन जो चीजें हो रही हैं, उसे बिल्कुल पसंद नहीं करती. उसके सब्र का बांध टूटा तो चीजें भयावह होने से कोई नहीं रोक सकता.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
शिवाजी महाराज या औरंगजेब में भारत का बड़ा 'हीरो' कौन, दोनों का एक साथ हीरो बनना क्यों असंभव है?
यह हैरानी का विषय है कि एक दूसरे के खिलाफ खूनी संघर्ष करने वाले और जान लेने वाले सभी पक्षों को देश का नायक कैसे माना जा सकता है. यह बिल्कुल असंभव धारणा है बावजूद शिवाजी को हीरो मानने वालों के साथ ही औरंगजेब को भी हीरो मानने वाले लोग हैं. औरंगजेब को हीरो मानने वाले लोग कौन हो सकते हैं आइए इस बारे में जानते हैं.