रविशंकर प्रसाद को दिवाली पर रिलीज हुई 3 फिल्मों ने बता दिया कि देश में मंदी है!
हमने Housefull4, Saand Ki Aankh और Made in China, तीनों फिल्मों के शाम के शो बुक करने के बहाने थिएटर्स में पहले दिन का जायजा लिया. जिसमें पाया कि भारत में वास्तव में 'मंदी' चल रही है.
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अक्टूबर के शुरुआत में ही केंद्रीय कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि देश में फिल्में करोड़ों कमा रही हैं, कहां है मंदी? 25 अक्टूबर को तीन हिंदी फिल्में रिलाज हुई हैं. Housefull4, Saand Ki Aankh और Made in China. मौका दिवाली का है. यानी उम्मीदें की जा रही थीं कि दिवाली पर ये फिल्में Box office पर धमाके करेंगी. जमकर प्रमोशन भी किया गया. इस मैदान में दो खिलाड़ी मुख्य थे- पहली थी हाउसफुल 4 की टीम, जिन्होंने प्रमोशन के लिए मुंबई से दिल्ली की रेल यात्रा तक कर डाली. और दूसरी थी Saand ki Aankh जिसमें शूटर दादी बनीं Tapsee Pannu और Bhumi Pednekar ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी. Rajkumar Rao की फिल्म Made in China प्रचार के मामले में थोड़ी फिसड्डी साबित हुई. लेकिन सवाल ये है कि जिन्होंने जमकर प्रमोशन किया उन्हें आखिर क्या मिला? तो जवाब है...निराशा.
जी हां, शुरुआती रुझान बता रहे हैं कि बॉक्स ऑफिस पर इन तीनों फिल्मों का डब्बा गोल है. Housefull 4 फिर भी कुछ बेहतर स्थिति में दिखाई दे रही है. क्योंकि तीनों फिल्मों के सितारों पर Akshay Kumar का स्टारडम भारी है. लेकिन Saand Ki Aankh और made in China के सितारे गर्दिश में दिखाई दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर Housefull 4 ट्रेंड कर रही थी, लेकिन बाकी दोनों फिल्मों पर तो लोगों के रिएक्शन्स भी दिखाई नहीं दे रहे थे. जो लोग ट्विटर पर पब्लिक रिएक्शन देखने के बाद फिल्में देखने जाते हैं उन्हें इस बार काफी समस्या हुई.
दिवाली पर रिलीज फिल्मों को इस बारक अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला
दिवाली पर बॉक्स ऑफिस पर धमाका नहीं हुआ
शुक्रवार, उसपर से दिवाली वाला वीकेंड लेकिन दर्शक नहीं मिल रहे. ये थोड़े आश्चर्य की बात जरूर है कि त्योहार के मौके पर भी ऐसे नजारे देखने को मिल रहे हैं. लेकिन सच यही है कि रिलीज के पहले दिन फिल्में देखने वाले थिएटर से नदारद दिखाई दिए.
हमने दिल्ली से सटे नोएडा के एक बड़े थिएटर में तीनों फिल्मों के शाम के शो बुक करने के बहाने पहले दिन का जायजा लिया. वक्त शाम का चुना क्योंकि शाम को ही सबसे ज्यादा लोग फिल्में देखते हैं. और बुकिंग करते वक्त हमने पाया कि भारत में वास्तव में 'मंदी' चल रही है.
Housefull 4
पहले बात करते हैं हाउसफुल की. हाउसफुल 4 अक्षय कुमार ने अपने ही कांधों पर ढो रखी है. इसलिए ये फिल्म चल सकती है. बताया जा रहा है कि इस वीकेंड Housefull 4 को ही सबसे ज्यादा स्क्रीन्स दी गई हैं. इसलिए कमाई तो यही फिल्म करेगी. लेकिन उस हिसाब से भी ये फिल्म मात खाती दिख रही है. क्योंकि पहला शो देखकर आए लोगों ने जो रिव्यू दिए हैं वो इस फिल्म के लिए काफी खतरनाक साबित हो रहे हैं. फिल्म को बकवास कहा जा रहा है और इसीलिए दर्शक इसे देखने से डर रहे हैं.
Housefull4 देखने के लिए शाम के शो में भी आधी सीटें भी नहीं भरी गईं
सांड की आंख
फिल्म सांड में आंख एक बायोपिक फिल्म है. और बायोपिक फिल्मों को दर्शक काफी पसंद करते हैं. और इसलिए ये फिल्में अच्छी चलती हैं. फिल्म सांड की आंख उत्तर प्रदेश के बागपत की शूटर दादियों चंद्रो और प्रकाशी तोमर की जिंदगी और बड़ी उम्र की शूटर बनने की कहानी है. तापसी पन्नू और भूमि पेडनेककर लीक से हटकर रोल कर रही हैं, सारा ग्लैमर छोड़ छाड़कर दोनों 60 साल की बूढ़ी दिखाई दे रही हैं. उस लिहाज से तो ये फिल्म सीरियस और इंस्पायरिंग है जिसमें दोनों एक्ट्रेस का काम देखने लायक है. लेकिन फिल्म को लिमिटेड लोग ही देखने के लिए गए, जो शायद शूटर दादी या फिर तापसी और भूमि के फैन्स ही रहे होंगे.
पूरे थिएटर की सिर्फ एर ही रो भरी है
Made in China
यूं तो राजकुमार राव बॉलीवुड के भविष्य कहे जाते हैं. उनकी अदाकारी खूब पसंद की जाती हैं लेकिन वो भी दर्शकों को थिएटर तक लाने में नाकामयाब साबित हुए. कमी न राजकुमार राव या उनकी हिरोइन मौनी रॉय के काम में है और न ही फिल्म के निर्देशक Mikhil Musale में जिन्हें अपने निर्देशन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार तक मिल चुका है. कमी है तो सिर्फ दर्शकों की जो इस शानदार फिल्म तक को देखने नहीं जा रहे.
Made in China को देखने के लिए जो लोग गए वो वास्तव में राजकुमार राव के सच्चे फैन्स थे
Made in China को देखने गए लोगों का कहना है कि ये फिल्म है तो अच्छी लेकिन इसे देखने के लिए दर्शक ही नहीं आए-
@taran_adarsh ur take on #MadeInChina... I opted it ahead of #Housefull4 I liked #MadeInChina it proves good content doesn't need mega star cast. Still disappointed when entered in #PVR My frend n me were only 2 people fr #NationalAnthem now total 9 people in whole audi. pic.twitter.com/UytA5yZoOn
— Arvind Misra (@sanumisra) October 25, 2019
Film Trade analyst और क्रिटिक सुमित कदेल का कहना है कि सांड की आंख और मेड इन चाइना को इस वक्त रिलाज करने का निर्णय बेहद खराब था. उन्होंने दोनों ही फिल्मों के लिए चिंता जताई है उनका कहना है कि ये फिल्में सोमवार तक भी थिएटर में टिक जाएं तो गनीमत होगी.
तो क्या इसे मंदी नहीं कहा जाएगा?
मंदी है...मंदी है...मंदी है. ये एक बात पिछले काफी समय से देश के बिगड़ते हालातों की तरफ इशारा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था पर हमारे मंत्री तो शांत हैं लेकिन फिल्मों की कमाई की दलीलें देकर भारत की economy sound होने की बात कर रहे हैं. अक्टूबर के शुरुआत में ही केंद्रीय कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि देश में फिल्में करोड़ों कमा रही हैं, कहां है मंदी. उन्होंने कहा था कि 2 अक्टूबर को तीन फिल्में रिलीज हुईं- war, sye raa narasimha reddy और joker. इन तीनों फिल्मों की कुल कमाई 120 करोड़. देश में जब अर्थव्यवस्था अच्छी है तभी तो एक दिन में 120 करोड़ रुपया रिटर्न आता है.
लेकिन 25 अक्टूबर को दिवाली के मौके पर रिलीज हुई तीनों फिल्मों ने रविशंकर प्रसाद को गलत साबित करते हुए ये दिखा दिया है कि भारत में वाकई मंदी चल रही है. नहीं तो देखने लायक फिल्मों को भी अगर दर्शक नहीं मिल रहे तो इसकी वजह वो फिल्में नहीं, बल्कि हालात हैं.
लोग एक बार को भले ही कॉमेडी न देखें, लेकिन आम आदमी के बिजनेस मैन बनने के संघषों की कहानी को हर कोई देखना चाहेगा. उसपर से अगर वो आदमी राजकुमार राव हो तो कहने ही क्या. वहीं, महिला सशक्तिकरण की सच्ची कहानी को पर्दे पर उतारे वाली फिल्म सांड की आंख को भी पसंद करने के एक नहीं कई कारण हैं. पर इन फिल्में ने भी हाउसफुल 4 की वजह से रहे-सहे दर्शक भी खो दिए. वरना दिवाली पर तो शाहरुख खान जैसे बड़े-बड़े सितारे अपनी फिल्में रिलीज किया करते थे. लेकिन इस दिवाली सितारों की चमक फीकी रही. और वजह वो खुद नहीं बल्कि आर्थिक मंदी है जनाब !
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