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Updated: 21 सितम्बर, 2018 02:14 AM
मनीष जैसल
मनीष जैसल
  @jaisal123
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भारतीय सिनेमा उद्योग का सबसे बड़ा परिवार 'कपूर ख़ानदान' अपने तमाम किस्सों कहानियों के लिए जाना जाता है. इस खानदान के पुरुषों ने हिंदी सिनमा को जिस तरह से नए आयाम दिए वह जगजाहिर है. इसके अलावा एक तथ्य यह भी रहा कि कपूर खानदान की लड़कियां फिल्मों में काम नहीं करेंगी, लेकिन लोलो (करिश्मा) और बेबो (करीना) ने इसे गलत साबित किया.शख्सियत पर अगर गौर करें तो पाएंगे कि एक ओर जहां पृथ्वीराज कपूर ने समाजवादी विचारों के साथ नाटक और सिनेमा के क्षेत्र में अहम योगदान दिया, वहीं शोमैन राजकपूर, सिनेमा में नृत्य को अलग पहचान देने वाले शम्मी कपूर, जेंटल मैन की छवि वाले शशि कपूर, नए दौर के नायक ऋषि कपूर, परदे के पीछे रहने वाले वाले रणधीर और राजीव के अलावा लाखों युवाओं का ड्रीम बनते रणबीर कपूर ने कपूर खानदान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. लेकिन यहां गौर करना होगा कि कपूर खानदान की लड़कियों ने भी समानांतर खुद को इसी इंडस्ट्री में स्थापित किया है. वह भी खुद के बल पर.

करीना कपूर, जन्मदिन, कपूर खानदान, बॉलीवुडकरीना के बारे में ये कहा जाता है कि वो हमेशा ही अपनी इमेज को लेकर चूजी रही हैं

परिस्थितियां भले ही विपरीत न रही हों पर पुरुष सत्ता के खिलाफ खुद को स्थापित करना करिश्मा के लिए आसान नहीं था.चूंकि करिश्मा कपूर ने 90 के दशक में ही फ़िल्मों में पदार्पण कर लिया था तो कपूर खानदान की अगली पीढ़ियों के लिए प्लेटफ़ॉर्म तैयार था. ख़ुद करिश्मा ज़्यादा चर्चित भले ही न हो पाई हों पर गोविंदा और अनिल कपूर के साथ उनकी फ़िल्में ख़ूब चली.फ़िल्मों में गांव की परम्परा हो या शहरी पारिवारिक जीवन करिश्मा ने इसे बखूबी निभाया था.

कपूर खानदान की बेटियां अभी चर्चित नहीं हुई थी.वह मुकाम करिश्मा को नहीं मिला जो कपूर खानदान के पुरुषों को प्राप्त था. ऐसे में रणधीर कपूर और बबिता की दूसरी बेटी करीना मील का पत्थर साबित हुई. 21 सितम्बर 1980 को जन्मी करीना कपूर का नाम लियो टालस्टाय के उपन्यास अन्ना कैरेना से लिया गया था.

करीना कपूर, जन्मदिन, कपूर खानदान, बॉलीवुड    ऐसे कम ही मौके होते हैं जब निर्देशक कलाकार की तारीफ करते हैं और इस मामले में करीना लकी हैं

करीना लव्स कैमरा एंड कैमरा लव्स करीना

करीना लव्स कैमरा एंड कैमरा लव्स करीना एक चर्चित कथन है. मौजूदा समय में भी अगर आप किसी भी निर्देशक के करीना पर दिए बयान को सुनेंगे तो पाएंगे कि करीना निर्देशकों को खूब भाती रहीं हैं. निर्देशक सुधीर मिश्रा को वह हर कैरेक्टर और सीन को समझने वाली अभिनेत्री लगती हैं तो संजय लीला भंसाली को उनके व्यक्तित्व में अलग छाप दिखती है. गोविंद निहलानी उन्हें एक्टिंग की पूरी तालीम ली हुई अभिनेत्री मानते हैं. हर कैरेक्टर में व्यवहार के अनुसार डूबना करीना से बेहतर शायद ही किसी को आता हो.

अपनी पहली ही फिल्म से ही जिस तरह करीना चूजी रही हैं वह उन्हें औरों से अलग बनाता है. सन 2000 में कहो न प्यार है के लिए राकेश रोशन ने रितिक रोशन के साथ करीना को डेब्यू करने का ऑफ़र दिया. करीना के सहर्ष स्वीकार भी किया लेकिन शूटिंग के कुछ ही दिनों बाद वह फिल्म से अलग हो गयीं. खबरो में यह भी खूब चला कि फिल्म में रितिक रोशन को ज्यादा फोकस किया गया था. ऐसे में करीना ने फिल्म छोड़ दी थी. बाद में करीना की फ़िल्मी शुरुआत जे.पी दत्ता की फिल्म रिफ़्यूजी (2000) के कैरेक्टर 'नाज़' से होती है.

करीना, कपूर खानदान की ऐसी पहचान बनी जिसे लेकर आज भी हिंदी सिनमा गौरवान्वित होता है. बहन करिश्मा की शूटिंग देख कर मन में अभिनेत्री बनने की चाह भी थी, तो वहीं बीकॉम अनुत्तीर्ण होने के बाद वकालत करने का भी चस्का उन्हें लगा. बचपन में नर्गिस और मीना कुमारी को फ़ॉलो किया तो बाद में माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी उनकी पसंदीदा बन गई. हिंदी सिनमा के मशहूर निर्देशक कलाकार राजकपूर की पोती करीना देखते ही देखते हिंदी सिनमा की आइकॉन बन गई.

करीना कपूर, जन्मदिन, कपूर खानदान, बॉलीवुड    करीना के बारे में सबसे दिलचस्प बात ये है कि हमेशा उन्होंने नए ट्रेंड सेट किये हैं

अभिनेत्रियों की दुनिया में खुद की अलग पहचान बनाना कपूर खानदान की इस लड़की के लिए काफ़ी मुश्किलों भरा नहीं रहा. खुद में कॉडिफ़ेंस ऐसा कि बड़े से बड़े निर्देशकों की फिल्मों को ठुकराना बाएं हाथ का खेल हो गया. मधुर भंडारकर की फिल्म हीरोईन के लिए जब करीना को कास्ट किया गया तो करीना ने मना किया फिर यह रोल ऐश्वर्या राय के पास गया. ऐश्वर्या ने भी इस किरदार को मना किया तब जाके फिर करीना ने इसे स्वीकारा.

कामयाबी का आलम यह रहा कि फ़िल्म दर्शकों का एक नया वर्ग तैयार कर पाई जो वयस्क विषयों को देखने के लिए तैयार थी. खबरों की मानें तो इस फ़िल्म में करीना ने 130 ड्रेस बदली थी. यह नया ट्रेंड अब भी फ़िल्मों में बदस्तूर जारी है. एक के बाद एक फ़िल्मों को करते हुए करीना एक्टिंग, डांस, संवाद अदायगी तीनों में अव्वल रही हैं.

करीना अब तक हिंदी सिनमा के मशहूर सभी खान सुपरस्टार के साथ भी काम कर चुकी हैं. सभी में उन्हें उनके किरदार के लिए सराहा जाता है. कहा जा सकता है कि सिनेमा का पर्दा हो या अखबारों के पन्नें सभी करीना को खुद की सेल्फ़ आइडेंटिटी से ही जाना पहचान गया. जीरो फिगर का तमगा हो या योगा की सिने स्टूडेंट, सभी में करीना ने खुद को साबित किया.

शाहिद कपूर के साथ प्रेम सम्बन्धों में रहते हुए जब वी मेट में काम किया तब भी वह किसी तरह के अनर्गल प्रेस व्यूज़ नहीं देती थी. सहर्ष अपने रिलेशन को स्वीकारा और सहर्ष ही ब्रेकअप को भी मान लिया. फ़िल्म तो हिट हुई पर यह हिट जोड़ी टूट गई. बाद में नवाब खानदान के वारिस सैफ अली खान के साथ नजदीकियां भी बढ़ी और 2012 में शादी भी की. कपूर ख़ानदान की बेटी अब प्रतिष्ठित नवाब परिवार की बहू करीना कपूर खान हैं.

करीना कपूर, जन्मदिन, कपूर खानदान, बॉलीवुड    करीना ने ऐसा बहुत कुछ किया है कि अगर आज राज कपूर होते तो वो भी उनपर गर्व करते

मीडिया के कैमरे हमेशा से करीना के आगे पीछे नाचते रहे. फिर वह चाहे हीरोईन में उनके ड्रेस बदलने के रिकार्ड हों, या फिर उनके सूर्य नमस्कार का रिकार्ड,  जीरो फिगर  की कहानी घरों में करीना की बदौलत चर्चित हुई तो वहीं शादी के बाद बेबी बंप का फोटोशूट एक फैशन सा बन गया. आज जो स्टार्स अपने बच्चों को लेकर जितना उत्साहित दिखते हैं और बड़ी से बड़ी पार्टी में लेकर दिखती हैं उसका आगाज भी करीना ने ही किया है. बेटे तैमूर खान का फ़ोटो शूट इसकी ऐतिहासिक शुरुआत है.

सुधीर मिश्रा की चमेली हो, गोविंद निहलानी की देव, मणिरत्नम की युवा हो या फिर विशाल भारद्वाज की ओमकारा सभी में करीना का किरदार उन्हें अलग पहचान देता है. उन्हें पुरुष किरदार से कहीं अधिक सशक्त बनाता है. हिंदी सिनेमा में महिला किरदारों की बदलती स्थिति में जो भी परिवर्तन हमें देखने को मिलते हैं उसका श्रेय करीना कपूर खान को जाता है. अब आप सोच सकते हैं कि अगर कपूर खानदान की लड़कियां अगर फिल्मों में नहीं आती तो सिनेमा में स्त्री की बदलती छवि का स्वरूप यह नहीं होता जो वर्तमान दौर में है.

नायिकाओं में जिस तरह का ट्रेंड कल्चर आज देखने को मिलता है उसको लेकर करीना काफ़ी पहले से ही सजग रही हैं.  ट्रेंड मेकर राजकपूर जिस तरह फिल्मों में खुद के प्रयोग द्वारा शोमैन बने थे ऐसे ही करीना ने भी अपनी फिल्मों से महिला चित्रण को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. अगर राजकपूर आज होते और ये देखते तो निश्चित ही वो गौरवान्वित होते और कहते कि कपूर खानदान की लड़की करीना, लड़कों से कम नहीं है.

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लेखक

मनीष जैसल मनीष जैसल @jaisal123

लेखक सिनेमा और फिल्म मेकिंग में पीएचडी कर रहे हैं, और समसामयिक मुद्दों के अलावा सिनेमा पर लिखते हैं.

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