सलमान के अलावा भी 'सुल्तान' में हैं 5 बेहद खास बातें
फिल्म सुल्तान से अगर सलमान को हटा दिया जाए तो और भी बहुत कुछ गौर करने लायक है. जानिए वो 5 बातें जो 'सुल्तान' को खास बनाती हैं...
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ईद पर भाई आए हैं तो बॉक्स ऑफिस पर हंगामा तो होना ही था और उनको 'सुल्तान' तो बनना ही था. फैन्स को जमकर ईदी मिली है भाई के अंदाज की. यदि आंकड़ों के हिसाब से देखें तो बॉक्स पर पहले ही दिन सुल्तान ने करीब 40 करोड़ रुपए की कमाई की. लेकिन, ये फिल्म सलमान खान के स्टारडम के अलावा भी बहुत कुछ कहती है.
फिल्म से अगर सलमान को हटा दिया जाए तो बहुत कुछ है गौर करने लायक. अगर पर्दे पर आप सलमान से अपनी नजर हटा पाएं तो. यहां जानें वो 5 बातें जो सलमान के बिना भी 'सुल्तान' को खास बनाती हैं...
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1. मुस्लिम समुदाय का नया चेहरा
सलमान और अनुष्का, दोनों ही मुस्लिम समुदाय के किरदार हैं. लेकिन जिस अंदाज में सुल्तान और आरफा अपने समाज से जुड़े हैं, वह देखना सुखद है. अक्सर इस समुदाय को टोपी और बुर्के से जोड़ दिया जाता है लेकिन निकाह के समय 'कुबूल है' के अलावा कुछ परंपरागत नजर नहीं आता. यह फिल्मों और समाज, दोनों के लिए एक अच्छी पहल है.
कुछ भी स्टीरियोटाइप नजर नहीं |
2. महिला सशक्तिकरण-
सलमान भले ही फिल्म में अपनी माचो इमेज के साथ छाए हुए हैं लेकिन यह फिल्म चुपके से महिला सशक्तिकरण का मैसेज भी दे गई है. यूं तो अनुष्का के एक ही डायलॉग ने इसे साबित कर दिया कि- तुम बैठकर देखो, अब टाइम लड़कियों का है. और इसके साथ ही आरफा को कुश्ती लड़ते देखना, उसके पापा का मेल फ्रेंड्स के साथ घूमने-फिरने पर पाबंदी नहीं लगाना, सिर पर दुपट्टा नहीं लेना, उसे उसके मन की बात कहने की आजादी होना, रिश्ते में घुटना नहीं जैसी तमाम बातें महिलाओं को आगे बढ़ाने का संदेश दे जाती हैं.
महिला सशक्तिकरण का संदेश देती है फिल्म |
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3. स्पोर्ट्स में स्पॉन्सर का महत्व
अब कुकरेजा नहीं होता तो बताओ बेचारा 'सुल्तान' फाइट कैसे करता. जिन्होंने फिल्म देखी है, वे जरूर मुस्कुरा रहे होंगे और जो सिर खुजला रहे हैं, वो फिल्म देखने के बाद ऐसा पक्का करेंगे. लेकिन खेल और खिलाड़ी कैसे बिजनेस की गिरफ्त में आते हैं और किस कदर वे स्पॉन्सर्स पर निर्भर करते हैं, फिल्म इस पहलू को भी छूती नजर आती है.
खेलों में स्पॉन्सर का महत्व बताती है फिल्म |
4. इज्जत और गुरूर कमाने का फर्क
सफलता के पीछे पागल होना अच्छी बात है. आखिर लाइफ का कोई मकसद तो हो. लेकिन इसे सर पर सवार कर गुरूर पाल लेना बहुत रिस्की है. भाई ने भी फिल्म में इसे महसूस किया है और वह भी बहुत दर्द के साथ. तो आप भी थोड़ा अलर्ट हो जाएं और लाइफ में बैलेंस बनाने की प्रैक्टिस शुरू कर दें. ऐसा न हो कि बहुत देर हो जाए.
लाइफ में बैलेंस बनाने की सीख |
5. ब्लड डोनेशन की अहमियत
हम अक्सर सोचते हैं कि ब्लड डोनेट करने से क्या होगा लेकिन 'सुल्तान' की कहानी का ट्विस्ट इसी में है. तो सुपर सलमान की फिल्म से कुछ सबक लें और उनके सच्चे फैन होने के नाते अब से नियमित रक्त दान करें.
फिल्म में बच्चे की मौत का दर्दनाक पहलू भी है, जिसे समय पर खून नहीं मिल पाया है. |
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