Sushant Singh Rajput: हंसती आंखों वाले उदास लड़के, जहां रहो खुश रहो!
सुशांत सिंह राजपूत तुम जहां हो वही रहो और खुश रहो. यहां वापिस लौटने की दरकार नहीं है. यहां कुछ भी तो नहीं बदला है. क्यों आओगे यहां ? वहीं खूब प्यार करो और प्यार में रहना. झूठ क्यों कहूं कि तुम्हारा जन्मदिन याद था, ट्विटर पर ट्रेंडिंग दिखा तब याद आया कि आज तुम्हारा जन्मदिन है, तो लिखा तुम्हें. बाक़ी क्या कहूं. किसी दूसरी दुनिया में ये दिन मुबारक हो तुम्हें!
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क्या तुम्हें पता है कि तुमने इस छोटी सी ज़िंदगी में क्या-क्या हासिल किया? तुम्हें ज़रा भी आइडिया है कि तुम्हें कितना प्यार करते हैं वो जिन्हें तुम छोड़ कर चले गए? तुम जानते भी हो तुम्हारे जाने के बाद Twitter पर ऐसा एक दिन नहीं गया जिस दिन तुम ट्रेंड न किए हो. तुम्हें कैसे बताएं कि तुम्हें किस क़दर चाहने वाले चाहते हैं. काश कि तुम उस रात ठहर गए होते, काश कि उस रात को तुमने किसी उस अपने को कॉल कर लिया होता जिसे तुम बता सकते थे कि किस क़दर उदासी तुम पर भारी हो रही है, कि सांस लेने में मुश्किल हो रही है, कि सबके होने के बाद भी ज़िंदगी कितनी ख़ाली-ख़ाली सी है. काश!
जानते हो बारहा यही होता है जिनके लिए हम सोचते हैं कि इन्हें मुहब्बत बेपनाह मिल रही होगी, इनका वास्ता ग़म से पड़ता ही नहीं होगा, ये ख़ुशबदन लोग हैं उनकी ज़िंदगी सबसे बेरंग होती है. वो अपने आसमान में अकेले टिम-टिमा रहे होते तारें होते हैं. लोगों को लगता है कि इतने तारों के बीच में भला ये तारा अकेले कैसे होगा, कोई लोगों को बताए कि तारों के बीच में ही तारें अकेले होते हैं.
आज भी पूरे देश के सामने सुशांत सिंह की मौत किसी पहेली से कम नहीं है
कई बार तो जल-जल कर इस क़दर थक जाते हैं कि बुझ जाना ही रास्ता बचता है उनके पास. तुम वही अकेले तारे की ज़िंदगी जी रहे थे. तुम चले गए और लाखों थ्योरी गढ़ी गयी. TRP का गंदा खेल खेला गया. कितने लोग स्टार तुम्हारी मौत के बाग तुम्हारी बात करके बन गए. कितने ऐसे दोस्त पैदा हुए जिनको शायद तुम जानते तक नहीं थे.
सबने बढ़िया से बेचा तुम्हारी मौत को लेकिन जो तुम्हें प्यार करते थे वो अब भी लड़ रहे हैं तुम्हारे लिए. वो हर दिन एक हैशटैग के साथ इस लड़ाई को जारी रखे हुए हैं. क्या पता शायद उस दूसरी दुनिया से तुम ये सब देख पा रहे हो या नहीं? दूसरी दुनिया होती भी है क्या? अगर होती है तो वहां तुम ख़ुश तो हो न?
क्या उस दुनिया में भी उदासी एक शय है? या वहां सिर्फ़ हरसिंगार के फूल खिलते हैं? वहां प्यार में दिल नहीं टूटते? वहाँ कोई डिप्रेशन में नहीं जाता? और जो चले जाते होंगे किसी कारण उदासी वाले घर में तो बाक़ी के लोग होते हैं वहां उसे सुन पाने के लिए?
सुनो, तुम अगर वहां ख़ुश हो तो वहीं रहना. यहां वापिस लौटने की दरकार नहीं है. यहां कुछ भी तो नहीं बदला है. क्यों आओगे यहां ? वहीं खूब प्यार करो और प्यार में रहना. झूठ क्यों कहूं कि तुम्हारा जन्मदिन याद था, ट्विटर पर ट्रेंडिंग दिखा तब याद आया कि आज तुम्हारा जन्मदिन है, तो लिखा तुम्हें. बाक़ी क्या कहूं. किसी दूसरी दुनिया में ये दिन मुबारक हो तुम्हें!
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