'रईस' की झलक देखिए, पता चल जाएगा शाहरुख अब भी हैं एक्टिंग के 'बादशाह'
'रईस' के ट्रेलर के बाद अब दर्शकों को फिल्म का इंतजार है, लेकिन खुद शाहरुख भी इस फिल्म के ज़रिए अपने लिए नए आयाम तलाश रहे हैं. उनके लिए यह सबसे चुनौतीपूर्ण फिल्म होगी.
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"अम्मी जान कहती थीं, कोई धंधा छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता". इस दमदार डायलॉग से शुरुआत होती है शाहरुख खान की बहुप्रतिक्षित फिल्म 'रईस' के पहले ट्रेलर की. इस फिल्म का इंतज़ार फैन्स को तो है ही, लेकिन खुद शाहरुख भी इस फिल्म के ज़रिए अपने लिए नए आयाम तलाश रहे हैं.
फिल्म 'रईस' की कहानी 1970 और 1980 के दौरान गुजरात के शराब माफिया रहे अब्दुल लतीफ की ज़िदगी पर आधारित है. शारहरुख के किरदार का नाम रईस आलम है जो खुद को मियां भाई कहकर बुलाता है और जिसके लिए धंधा ही सबकुछ है. वो कुछ इस अंदाज में अपनी बिजनेस फिलॉसफी को समझाता है, ''जो धंधे के लिए सही वो सही, जो धंधे के लिए गलत वो गलत. इससे ज़्यादा कभी सोचा नहीं.' वहीं एसीपी गुलाम पटेल बने नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी पहली बार किंग खान के साथ स्क्रीन शेयर कर रहे हैं. फिल्म में जहां रईस रुकना नहीं चाहता वहीं एसीपी उसे छोड़ना नहीं चाहता. अगर रईस महत्वकांक्षी माफिया है तो एसीपी जिद्दी पुलिस ऑफिसर, ''आप मुझे कहीं भी ट्रांसफर कर दीजिए, रईस को नहीं छोड़ूंगा."
शारहरुख के किरदार का नाम रईस आलम है जो खुद को मियां भाई कहकर बुलाता है |
फिल्म में पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान, अतुल कुलकर्णी और जीशान अयूब भी हैं. एक और खास बात है और वो ये कि फिल्म में सनी लियोन का एक आइटम सॉन्ग है 'लैला मैं लैला...' हां, अब ये तो देखकर ही पता चलेगा कि सनी अपने अंदाज़ में ज़ीनत अमान की मदमस्त अदाओं और लटके-झटकों को मात दे पाती हैं या नहीं.
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फिल्म 'रईस' के ट्रेलर से साफ है कि स्टोरी और प्रोजेक्शन के मामले में रईस कुछ अलग नहीं है. हां, इस बार ट्रीटमेंट अलग है जिसका श्रेय निर्देशक राहुल ढोलकिया को जाता है. ये वही ढोलकिया हैं जिन्होंने साल 2005 में आई कल्ट फिल्म 'परजानिया' के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता था. आजकल के सोशल मीडिया के जमाने में फिल्म के ट्रेलर को कई बार फिल्म से भी ज़्यादा तवज्जो दी जाती है.
ट्रेलर देखकर ही दर्शक अपनी राय बनाते हैं और किसी भी फिल्म को हिट या फ्लॉप करार देते हैं. ऐसे में अब हर फिल्म का ट्रेलर बेहतरीन होता है. लेकिन 'रईस' के ट्रेलर में जो बात खास है वह शाहरुख की एक्टिंग. जी हां, हर एक सीन में उनकी आंखें और बॉडी लैंग्वेज जबरदस्त है. एक-एक एक्सप्रेशन फिल्म की कहानी बयां करने वाला है. अगर आपको लगता है कि शाहरुख अच्छे कोच (चक दे इंडिया और डियर ज़िदगी) हैं तो मियां भाई का अंदाज़ उससे भी ज़्यादा बेहतरीन है.
ट्रेलर रिलीज़ से एक दिन पहले शाहरुख ने फिल्म का एक नया पोस्टर भी जारी किया था. पोस्टर को देखकर 70 के दशक की बॉलीवुड फिल्में याद आ जाती हैं. नीली कमीज़ और जींस पहने शाहरुख फिल्म 'दीवार' के अमिताभ बच्चन की याद दिलाते हैं. उस पोस्टर में लिखा गया है, 'अपना टाइम शुरू'. ऐसा सिर्फ शाहरुख जैसा सुपरस्टार ही कर सकता है जो निगेटिव किरदार भी उसी खूबसूरती और सिनेमाई पर्फेक्शन से निभाता है जितना वो किसी फिल्म में राज या राहुल बनकर दर्शकों को लुभाता है.
काफी प्रभावित करता है फिल्म का पोस्टर |
हालांकि 'रईस' के समाने चुनौतियां भी कम नहीं हैं. कई बार इसकी की रिलीज को लेकर पेंच फंस चुका है. फिल्म इसी साल सलमान की 'सुल्तान' के साथ रिलीज होने वाली थी. उसके बाद शाहरुख ने दीवाली पर फिल्म रिलीज करनी चाही, लेकिन 'ऐ दिल है मुश्किल' और 'शिवाय' की रिलीज के चलते उन्होंने अपना मन बदल लिया. उधर, आमिर दो साल पहले ही क्रिसमस पर 'दंगल' की रिलीज का ऐलान कर चुके थे. फिर शाहरुख ने 26 जनवरी 2017 को फिल्म रिलीज करने का फैसला किया लेकिन उस दिन ऋतिक रोशन की फिल्म 'काबिल' रिलीज होने वाली थी. ऐसे में शाहरुख ने राकेश रोशन से मुलाकात कर 'काबिल' की रिलीज डेट आगे बढ़ाने के लिए कहा लेकिन वे नहीं माने. अब 'काबिल' और 'रईस' दोनों एक साथ अगले साल 25 जनवरी को रिलीज होंगी.
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माहिरा खान है शाहरुख की हिरोइन |
यही नहीं उरी हमले के बाद पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान की मौजूदगी को लेकर भी 'रईस' हाल ही में खूब चर्चा में आई थी. ऐसी भी अफवाहें थीं कि पाकिस्तानी कलाकारों के विरोध को देखते हुए फिल्म से माहिरा खान को फिल्म से बाहर कर दिया जाएगा. लेकिन ट्रेलर देखकर साफ है कि ऐसा कुछ भी नहीं हैं. मियां भाई यानी शाहरुख फिल्म में अपनी माशूका माहिरा खान के साथ बेधड़क रोमांस कर रहे हैं. अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि जिस तरह देश में उरी हमले के बाद से एक तबके ने एंटी मुस्लिम माहौल बना दिया है वह फिल्म को कितना प्रभावित कर पाएगा. हालांकि नोटबंदी के बाद से उरी हमले और सर्जिकल स्ट्राइक पर बहस थोड़ी कम हो गई है शाहरुख के लिए यह एक तरह की राहत ही है.
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