'बीवी पास चाहिए तो घर में संडास चाहिए'
'टॉयलेट एक प्रेमकथा' के ट्रेलर ने ये साबित कर दिया कि अक्षय कुमार सच में खिलाड़ियों के खिलाड़ी हैं. वो टॉयलेट जैसे टाइटल पर भी एक गंभीर फिल्म समाज को दे सकते हैं.
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'बीवी पास चाहिए तो घर में संडास चाहिए', जी हां अब शायद लोग ऐसे ही मानेंगे. देश के प्रधानमंत्री पिछले तीन साल से लोगों को कह कहकर थक गए कि घर में शौचालय बनवाइए, और हालात तो ऐसे हैं कि जिनके घरों में टायलेट बनवा दिए वो भी उसे स्टोर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. मने लोगों को खुले में शौच करने का जो शौक लगा हुआ है, उससे निकलने के लिए अब शायद इसी फिल्म की जरूरत थी.
काफी समय से अक्षय कुमार की फिल्म 'टॉयलेट एक प्रेमकथा' का इंतजार था. लोगों को इस बात की उत्सुकता भी थी कि अक्षय इस टाइटल के साथ दर्शकों को क्या देने वाले हैं. लेकिन ट्रेलर ने ये साबित कर दिया कि अक्षय कुमार सच में खिलाड़ियों के खिलाड़ी हैं. वो टॉयलेट जैसे टाइटल पर भी एक गंभीर फिल्म समाज को दे सकते हैं.
उन्होंने टॉयलेट को प्रेमकथा से जोड़कर ये साबित कर दिया कि लोग स्वच्छता अभियान को भले ही अभियान की तरह न लेते हों, लेकिन इस संजीदा से मामले को अगर प्रेम और पत्नी से जोड़ दिया जाए तो असर काफी असरदार होगा.
देखिए वो ट्रेलर जिससे समाज में बदलाव की उम्मीद निशचित तौर पर की जा सकती है-
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