Your Honor Review: कानून के दांव पेंच, एक पिता की मजबूरियां कुछ यूं है 'योर ऑनर'
Your Honor Review in Hindi : सोनी लिव ओरिजिनल्स (Sony Liv Originals) पर जिमी शेरगिल (Jimmy Shergill) की वेब सीरीज 'योर ऑनर' शुरू हुई है. सीरीज में जिमी एक 18 साल के बेटे के पिता है जो जज हैं. सीरीज में दिखाया गया है कि जिमी का बेटा गुनाह करता है और जिमी उसे बचाने के लिए उसी कानून को ढाल बनाते हैं.
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Your Honor Review in Hindi : यूं तो भारत (India) में कोरोना (Corona) के मामलों की शुरुआत जनवरी में हुई मगर मार्च के चौथे सप्ताह जब प्रधान मंत्री देश की जनता से मुखातिब हुए तो इस बात का अंदाजा हो गया कि बीमारी उतनी भी साधारण नहीं है जितना देशवासी उसे मान रहे थे. बीमारी से तमाम सेक्टर्स प्रभावित हुए. असर बॉलीवुड पर भी दिखा नतीजा ये निकला कि इंडस्ट्री से जुड़े तमाम बड़े- छोटे नामों को आज हम ओ टीटी का रुख करते हुए बड़ी ही आसानी के साथ देख सकते हैं. जिमी शेरगिल (Jimmy Shergill) को ही देख लीजिए. Zee 5 की चर्चित सीरीज रंगबाज से ओ टीटी पर दर्शकों को अपनी एक्टिंग से दीवाना बनाने वाले जिमी एक बार फिर सोनी लिव (Sony Liv) की बहुचर्चित सीरीज 'योर ऑनर' (Your Honor) से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले हैं. इस सीरीज की जो सबसे खास बात है वो है उनका एक अधेड़ जज का किरदार अदा करना.
अपनी वेब सीरीज योर ऑनर में जिमी ने वो कर दिखाया जिसे शायद ही कोई एक्टर सोच पाए
कानून के दायरे में रहते हुए कानून के दांव पेंच दिखाती है 'योर ऑनर'
सीरीज क्राइम थ्रिलर है और जैसा कि हम बता चुके हैं सीरीज में दिखाया गया है कि जिमी शेरगिल जज हैं. जज बने जिमी का जवान बेटा एक एक्सीडेंट कर देता है. सीरीज में यहीं से शुरू होता है ट्विस्ट एंड टर्न.
जिमी के बेटे की गाड़ी से जिस लड़के का एक्सीडेंट हुआ है वो शहर के गैंगस्टर का बेटा है. चूंकि नौबत थाना पुलिस कोर्ट कचहरी तक आ जाती है दिखाया यही गया है कि कैसे अपने पद का इस्तेमाल करते हुए जिम्मी अपने बेटे को बचाते हैं.
कहानी किस तरह सधी हुई है इसे हम ट्रेलर देखकर भी समझ सकते हैं. ट्रेलर साफ कर देता है कि जिमी जानते हैं कि उनके बेटे से गलती हुई है मगर फर्ज के आगे बेटे का प्यार आ जाता है और वो यही कोशिश करते हैं कि ऐसा क्या करें कि बेटे को बचा लिया जाए.
दिलचस्प है कि जब तमाम तरह की तफ्तीश के बाद ये केस अदालत में आता है तो इसपर फैसला सुनाने की जिम्मेदारी जिमी की होती है. अब जिमी ईमानदारी से फैसला सुनाते हैं ? या कोर्ट रूम में भी एक जज के मुकाबले वो एक बाप बन जाते हैं और अपने बेटे को बचा ले जाते हैं जवाब तो सीरीज देखने के बाद ही पता चल पाएंगे.
जिमी की एक्टिंग में गंभीरता है जिसका श्रेय डायरेक्टर को
कहते हैं या तो इंसान अपनी पिछली गलतियों से सीखता है या फिर अनुभवों से जिमी का मामला भी कुछ ऐसा ही है. 18 साल के जवान बेटे के पिता बने जिमी के फैंस भले ही उनके लुक को लेकर थोड़ा विचलित हों मगर बात जब अदाकारी की आएगी तो यही मिलता है कि जिमी ने अपना रोल पूरी शिद्दत और ईमानदारी के साथ निभाते हए बस कमाल कर दिया है. सीरीज में जिमी का लुक तो दमदार है ही बात अगर उनकी आवाज की हो तो सीरीज देखते हुए मिलता है कि जिमी ने इसका भी पूरा फायदा उठाया है.
सीरीज में जो डायलॉग उनके हिस्से में आए हैं वो लबे समय तक दर्शकों को प्रभावित करेंगे. कानून के दायरे में रहते हुए एक जज कैसे अपने काम को अंजाम देता है? कैसे उसके पर्सनल रिश्ते उसे प्रभावित करते हैं इसकी कहानी है 'योर ऑनर' बाकी जिस तरह का सस्पेंस इस सीरीज में रखा गया है उसके लिए डायरेक्टर ई निवास बधाई के पात्र हैं.
इजराइली शो क्वोडो का भारतीय रूपांतरण
सोनी लिव ओरिजिनल्स पर प्रदर्शित योर ऑनर इजराइली शो क्वोडो का हिंदी रूपांतरण है इसलिए कोशिश यही हुई है कि ज्यादा फेर बदल न हो और किरदार और कहानी जस के तस रहें. बाकी जिमी इस सीरीज की आत्मा हैं और ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि अपने काम से जिम्मी ने बॉलीवुड या ये कहें कि सिनेमा इंडस्ट्री की लाज रख ली है.
कहां रह गयी 'योर ऑनर' कमज़ोर
यूं तो इस सीरीज में ज्यादा कुछ कमी नहीं है बस अगर अन्य किरदारों के चयन करते हुए भी कलाकारों पर गौर कर लिया जाता तो ये सीरीज सफलता के नए आयाम स्थापित करती. मगर चूंकि इस कहानी में जो भी पात्र थे उन्होंने अपना 100 परसेंट दिया है इसलिए इसे देखा जा सकता है. कहानी के प्लाट में इतने उतार चढ़ाव हैं कि दर्शकों को बोरियत का एहसास नहीं होगा. कम ही सीरीज होती हैं जिनको देखते हुए इस बात का एहसास होता है कि इसे पूरी ख़त्म करके ही उठना है. ओर ऑनर का मामला कुछ ऐसा ही है. जब आप इसे देखना शुरू करेंगे तो इसे ख़त्म करके या फिर इसके ठीक ठाक एपिसोड खत्म करके ही उठेंगे.
एक 18 के बेटे का पिता बनना जिमी के लिए चैलेंजिंग था
सीरीज कैसी भी हो मगर हमें इसे इसलिए भी देखना चाहिए कि पहली बार जिमी के रूप में किसी एक्टर ने अपने आप से एक बड़ा चैलेन्ज लिया है. अब तक जैसा बॉलीवुड का रुख है हमने उम्रदराज एक्टर्स को कॉलेज स्टूडेंट मगर ये पहली बार है जब जिमी की उम्र का एक्टर एक १८ साल के बेटे का पिता बना हो साफ़ है कि सफलता पाने के लिए जिमी शेरगिल ने अपने आप से एक बड़ा जुआं खेला है.
सीरीज हिट होती है या फ्लॉप फैसला जनता करेगी मगर निर्देशक से लेकर एक्टर्स तक मेहनत सबसे की है जिसकी तारीफ होनी चाहिए और हमें उन गलतियों को नजरअंदाज कर देना चाहिए जो इस सीरीज को एक स्ट्रांग स्टोरी लाइन होने बावजूद थोड़ा हल्का और बोझिल कर रही हैं.
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