पद्मावती विवाद के दौर में ज़रूर देखनी चाहिए चित्तौड़ की ये दास्ताँ
शरत कुमार | November 29,2017
चित्तौड़गढ़ और पद्मावती से जुड़े सारे भ्रम दूर करने आ गया है खुद एक किला
मैं चित्तौड़गढ़.... बलिदान की उन सैंकड़ों कहानियों का गवाह रहा हूं, जिन पर वर्तमान को मुझपर अभिमान है... कभी लहू देकर मेरा सम्मान किया गया... तो कभी उन जलती चिता को देखकर मैंने आंसू बहाए... जो मेरी बेटी थी... जो मेरा बेटा था... मेरी धरती पर उन बेटों ने जन्म लिया है.... उन बेटियों ने जन्म लिया है, जिनपर आज भी मुझे गर्व है... आज मैं अपनी कहानी सुना रहा हूं.