रानी हॉ अपने साथ भारत से चाय लेकर कोरिया पहुंची थीं. कोरिया के लोगों को चाय से परिचित कराने का श्रेय रानी हॉ को दिया जाता है, इसलिए उन्हें टी पर्सन आफ कोरिया भी कहा जाता है.