सैलरी से टैक्स बचाने के 10 सबसे अच्छे तरीके!
इनकम टैक्स के लिए इन्वेस्टमेंट प्रूफ देने की तारीख अब नजदीक आ गई है. पर अगर कोई खास इन्वेस्टमेंट किया नहीं है तो सैलरी बचाने के लिए क्या तरीका खोजा जाए?
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साल के इस महीने से ही लोग इनकम टैक्स की चिंता में तरह-तरह के जुगाड़ करने की सोचते हैं. ज्यादातर लोगों को 80C के तहत 1.5 लाख का डिडक्शन दिखता है, लेकिन इसके अलावा भी कई तरह से टैक्स बचाया जा सकता है.
1. रेंट रसीद...
अगर कोई इंसान सेल्फ-एम्प्लॉयड है जैसे होम ट्यूटर, बिजनेस करता है या कुछ और तो उसके लिए सेक्शन 80GG है. जिनके सैलरी स्ट्रक्चर में HRA नहीं है वो इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 80 (GG) का फायदा उठा सकते हैं.
कितना मिलेगा फायदा?
1. सालाना सैलरी के 10% से अधिक रेंट दिया जा रहा है तो फायदा मिलेगा. इसका नियम भी HRA की तरह ही है. 2. 5000 रुपए प्रति माह.3. कुछ खास नियमों के अंतरगत सालाना इनकम का 25% (इसमें सैलरी की गणना अलग तरह से की जाती है.)
2. होम लोन और रेंट रसीद का झोल?
वैसे तो लोगों को लगता है कि वो रेंट रसीद अगर लगा रहे हैं तो होम लोन इंट्रेस्ट में टैक्स बेनेफिट नहीं ले सकते हैं, ऐसा है भी. या तो कोई टैक्स बचाने के लिए होम लोन के डॉक्युमेंट्स लगा सकता है या फिर सिर्फ रेंट रसीद, लेकिन छूट सिर्फ उन लोगों को मिलती है जिनका अपना घर तो है, लेकिन किसी दूसरे शहर में और नौकरी के लिए किसी दूसरे शहर में रह रहे हैं. ऐसे में कोई इंसान होम लोन और रेंट रसीद दोनों का फायदा ले सकता है.
3. पढ़ाई के लिए लोन..
अगर किसी इंसान ने बेहतर पढ़ाई के लिए लोन लिया है तो वो इंट्रेस्ट के लिए इनकम टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है. ये सेक्शन 80E के तहत होगा. ये सिर्फ खुद के लिए नहीं बल्कि किसी रिश्तेदार (जो आप पर निर्भर हो) के लिए भी वैलिड है. ये डिडक्शन लोन रिपेमेंट शुरू होने के 8 साल तक ही क्लेम किया जा सकता है.
4. डोनेशन या चैरिटी..
ये डिडक्शन इसलिए लोग भूल जाते हैं क्योंकि 80G के तहत होने वाला ये डिडक्शन इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करने के दौरान नहीं होता है. जिस तरह के चैरिटेबल ट्रस्ट में पैसा डोनेट किया जाएगा उस तरह का डिडक्शन होगा. ये डिडक्शन 50% या 100% रकम का होता है जो दान की गई है.
5. विकलांगता के आधार पर...
विकलांगता के आधार पर सेक्शन 80U के तहत कोई इंसान टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है. ये 75000 से लेकर 1,25,000 तक होता है. ये इस आधार पर तय किया जाता है कि विकलांगता किस स्तर पर है.
6. बच्चों की फीस..
ट्यूशन फीस (स्कूल, कॉलेज) आदि की रसीदें भी टैक्स बचाने के काम आ सकती हैं. ये भी सेक्शन 80C के तहत ही फाइल किया जाता है.
7. मेडिकल बिल..
I-T एक्ट कुछ खास बीमारियों के लिए भी टैक्स डिडक्शन की सुविधा देता है. इसके लिए सेक्शन 80DDB में अप्लाई किया जा सकता है. जिन बीमारियों के लिए डिडक्शन होता है वो रूल 11DD के तहत बताई जाती हैं. इसके तहत 40 हजार तक का डिडक्शन हो सकता है. अगर सीनियर सिटिजन या सुपर सीनियर सिटिजन हो तो 60 हजार और 80 हज़ार तक का डिडक्शन हो सकता है.
8. सेविंग्स अकाउंट का डिडक्शन..
लगभग सभी टैक्स देने वालों के पास एक या अधिक सेविंग्स बैंक अकाउंट होता है, लेकिन ये बहुत ही कम लोगों को पता होता है कि 80TTA के तहत टैक्स सेविंग्स बैंक इंट्रेस्ट पर भी बचाया जा सकता है.
9. होम लोन पर इंट्रेस्ट...
होम लोन के इंट्रेस्ट पर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. ये टैक्स बेनेफिट सेक्शन 24 के अंतरगत आता है. ध्यान देने वाली बात ये है कि ये डिडक्शन सिर्फ होम लोन के लिए ही है.
अगर रेंट मिल रहा है...
अगर किसी के पास कोई घर है और उसे रेंट पर चढ़ा रखा है तो न तो रेंट रसीद काम आएगी और न ही कोई अपना होम लोन दिखाकर टैक्स बेनेफिट ले सकता है.
10. घर की मरम्मत के लिए लोन..
लोगों को सेक्शन 80EE, 80C और सेक्शन 24 के बारे में पता होता है, लेकिन अक्सर लोग ये नहीं देखते कि एक डिडक्शन घर की मरम्मत के लिए लिए गए लोन पर भी मिलता है. ये सेक्शन 24b के अंतरगत आएगा. इसमें 30 हजार तक का डिडक्शन मान्य है.
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