जीएसटी के लागू होते ही आपको होंगे ये 9 नुकसान!
जीएसटी बिल लागू होने के बाद सरकार फायदे तो गिनवा रही है और इसमें कोई शक नहीं कि इससे रेवेन्यू बढ़ेगा भी, लेकिन इससे आम इंसान को 9 इंडायरेक्ट नुकसान भी होंगे.
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जीएसटी बिल जिसकी लंबे समय से चर्चा हो रही थी वो लोकसभा में पास हो गया. तय तारीख के हिसाब से 1 जुलाई 2017 से ये लागू हो सकता है. होगा कुछ ऐसा कि जीएसटी के लागू होते ही देश में अलग-अलग जगहों पर लगने वाले 18 टैक्स खत्म कर दिए जाएंगे और एक यूनिवर्सल टैक्स लगेगा. भारतीय संसद ने वित्त वर्ष 17-18 में आने वाले वित्तीय वर्ष से भारत में जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) को लागू करने पर निर्णय दे दिया था. दुनिया के लगभग 165 देशों में जीएसटी लागू है, यहाँ तक की पाकिस्तान में भी.
आज तक हम किसी भी उत्पाद या सेवा को लेते समय या खरीदते समय अलग अलग प्रकार के टैक्स सरकार को देते आए हैं, जैसे कि सेल्स टैक्स, वैट, सर्विस टैक्स आदि, जुलाई के बाद से सिर्फ जीएसटी ही रहेगा. इसकी अनुमानित दर 18% हो सकती है. मसलन अगर कोई मोबाइल चेन्नई में बना है और मुझे नोएडा में खरीदना है तो उसपर तीन राज्यों का टैक्स लगने की जगह केवल एक ही टैक्स लगेगा.
हालांकि, ये एक तरह से महंगाई भी बढ़ाएगा. जीएसटी से सिर्फ फायदे ही नहीं कई नुकसान भी होंगे. जैसे कि...
1. वर्तमान में आप सेवाओं पर 14.5 प्रतिशत टैक्स देते हैं. जैसे 1000 रुपए के मोबाइल बिल पर आप 145 रुपए सर्विस टैक्स देते हैं. जीएसटी आने के बाद यह 18 प्रतिशत हो जाएगा यानी कि आपको 145 की बजाए 180 रुपए चुकाने होंगे. इस तरह से देखा जाए तो रेस्त्रां में खाना, हवाई टिकट, बीमा प्रीमियम आदि कई सेवाएं महंगी हो जाएंगी.
2. एविएशन कंपनियों पर जीएसटी का गहरा असर पड़ सकता है. फिलहाल घरेलू यात्राओं का रेट कम है, लेकिन जीएसटी लगने के बाद जैसे ही हवाई यात्राएं महंगी होंगी ट्रैफिक भी कम होगा. ऐसे में नई-नई विमानन कंपनियों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा. फिलहाल ये टैक्स सिर्फ 6-9% लगता है (क्लास के हिसाब से), लेकिन जीएसटी के बाद ये 15% के ऊपर हो जाएगा.
3. दुनिया भर में सबसे कम बीमा भारत में (कुल भारतीय आबादी का 5%) होता है और जीएसटी लागू करने से बीमा कंपनियों को अधिक लाभ मिलेगा क्योंकि टैक्स सीधा बीमा कंपनियों के पास जाएगा.
4. बैंकिंग और फाइनेंशियल क्षेत्र में प्रभावी टैक्स दर 14% है, जो सिर्फ ट्रांजैक्शन पर लगती है उसके इंट्रेस्ट पर नहीं. जीएसटी के तहत शुल्क आधारित लेनदेन की दर 18-20% तक बढ़ने की संभावना है. जीएसटी के लागू होने से लोन प्रोसेसिंग फीस, डेबिट / क्रेडिट कार्ड फीस, इंश्योरेंस प्रीमियम आदि जैसे वित्तीय सेवाओं की लागत में बढ़त होगी.
5. कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, डीजल, पेट्रोल और एटीएफ जैसे प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी से बाहर रखे जाने की संभावना है, लेकिन दुगने इंडायरेक्ट टैक्स की वजह से लागत बढ़ने की संभावना है.
6. अर्थशास्त्रियों के अनुसार, देश में जीएसटी के लागू होने से नए घर खरीदने की कीमत 8% तक बढ़ जाएगी और घर खरीदने वाले में 12% की कमी आएगी.
7. जीएसटी लागू होने पर आईटी कंपनियों को भी नुकसान होगा. जीएसटी के बाद वर्कफोर्स से लेकर प्रोडक्शन की लागत तक सब बढ़ जाएगा.
8. जीएसटी एक भ्रामक शब्द है, एक टैक्सेशन सिस्टम के नाम पर 2 प्रकार का टैक्स लग सकता है. जैसे एक सेंट्रल टैक्स और एक स्टेट टैक्स. इसके नियमों के बारे में अभी भी कुछ साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है. इन दो के अलावा एक इंटरस्टेट जीएसटी भी लागू हो सकता है.
9. अधिकतर इंडायरेक्ट टैक्स अब जीएसटी के तहत आने लगेंगे.
अलग-अलग नामों से 165 देशों में जीएसटी पहले ही लागू हो चुका है. जीएसटी को लागू होने पर एक देश दोनों तरीकों से सकारात्मक और नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है. नकारात्मक पक्ष को नकराना सही नहीं होगा, जीएसटी लागू करने से पहले इसके हर पहलू पर विचार करना होगा.
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