निर्मला सीतारमण के बजट में 10 बातों पर होगा खास फोकस
यूं तो चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में ही मोदी सरकार ने कई अहम घोषणाएं कर दी थीं, लेकिन माना जा रहा है कि इस बार का बजट भी जनता के लिए कई सौगात लाएगा. बजट में महिला सुरक्षा से लेकर बिजली, पानी और स्वास्थ्य तक से जुड़ी अहम घोषणाएं हो सकती हैं.
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मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट पेश होने वाला है. सबसे अहम बात ये है कि ये पहला ऐसा बजट है, जो कोई पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री पेश करेंगी. इस बजट के ठीक बाद कई अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में भाजपा इस बजट में कुछ ऐसे लुभावने वादे जरूर करेगी, जिससे जनता को सीधा फायदा हो. यूं तो लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में ही मोदी सरकार ने कई अहम घोषणाएं कर दी थीं, लेकिन माना जा रहा है कि इस बार का बजट भी जनता के लिए कई सौगात लाएगा. बजट में महिला सुरक्षा से लेकर बिजली, पानी और स्वास्थ्य तक से जुड़ी अहम घोषणाएं हो सकती हैं. आइए नजर डालते हैं कुछ संभावित घोषणाओं पर.
1- टैक्स स्लैब में बढ़ोत्तरी
बजट में होने वाली सबसे अहम घोषणा होती है टैक्स की घोषणा. पिछली बार के अंतरिम बजट में भी ये सोचा जा रहा था कि शायद सरकार टैक्स स्लैब में बढ़ोत्तरी कर दे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब इस बार उम्मीद की जा रही है कि मोदी सरकार टैक्स स्लैब को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर दे. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि ये बजट लोगों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है.
2- वॉटर मैनेजमेंट
अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पानी बचाने पर जोर दिया है. हर साल देश के कई हिस्से सूखे मार झेलते हैं, लेकिन कोई भी सरकार उस ओर कोई खास कदम नहीं उठाती है. इस बार भी कई जगहों पर लोग पानी के लिए तरसे हैं. यहां तक कि दिल्ली में भी पीने के पानी कि किल्लत हुई. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बार के बजट में वॉटर मैनेजमेंट को लेकर कोई न कोई घोषणा जरूर होगी. हो सकता है कि सरकार पानी बचाने को लेकर कोई नई योजना भी शुरू कर दे. वैसे भी, हम और आप भले ही इस बात का अंदाजा नहीं लगा पा रहे हों कि पानी को लेकर बजट में कुछ घोषणा होगी या नहीं, लेकिन शेयर बाजार ने इसकी संभावनाएं भांप ली हैं. तभी तो वॉटर ट्रीटमेंट इंडस्ट्री की कंपनी VA Tech Wabag के शेयरों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं.
बजट में महिला सुरक्षा से लेकर बिजली, पानी और स्वास्थ्य तक से जुड़ी अहम घोषणाएं हो सकती हैं.
3- इलेक्ट्रिक व्हीकल
बिजली से चलने वाले वाहनों को लेकर बात तो कई बार होती है, लेकिन अभी तक कोई भी सरकार दृढ़ संकल्प के साथ इसे लागू करने के प्रयास करती नहीं दिखी है. नोटबंदी और जीएसटी जैसे सख्त फैसले लेने वाली मोदी सरकार से इस बार उम्मीद की जा रही है कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर भी बजट में कुछ घोषणा जरूर करेगी. दरअसल, अभी बाजार में इलेक्ट्रिक वाहन काफी महंगे हैं. हो सकता है कि सरकार उन पर कुछ सब्सिडी का ऐलान कर दे. साथ ही अभी इलेक्ट्रिक वाहनों के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर भी नहीं है. हो सकता है कोई इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए सरकार कुछ बजट की घोषणा कर दे. इस समय बढ़ने वायु प्रदूषण को देखते हुए इलेक्ट्रिक वाहन समय की मांग बन चुके हैं, जो बात मोदी सरकार अच्छे से समझती है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार मोटर कंट्रोलर, ब्रेक सिस्टम और इलेक्ट्रिक कंप्रेसर जैसे इलेक्ट्रिक वाहन कंपोनेंट पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को कम करने की घोषणा कर सकती है.
4- बेरोजगारी से निपटना
इस बार के बजट में निर्मला सीतारमण के सामने बेरोजगारी से निपटने की एक अहम चुनौती होगी. जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, विपक्ष आए दिन बेरोजगारी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरती रही है. मोदी सरकार भी लाख कोशिशों के बावजूद रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करने में असमर्थ रही है. फिलहाल भारत में बेरोजगारी 25 जून 2019 के अनुसार 8.1 फीसदी पर पहुंच गई है. इस समय बेरोजगारी 45 सालों में सबसे अधिक है. वर्ल्ड बैंक के अनुसार मौजूदा हालात में भारत तो हर महीने 81 लाख नौकरियां पैदा करने की जरूरत है.
5- शिक्षा में कई सुधारों की जरूरत
बजट पेश करने से पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोगों से उनके आइडिया मांगे थे. उनके पास लोगों की ओर से आइडियाज़ की बाढ़ सी आ गई. इसी बीच Momspresso नाम की एक पैरेंटिंग कम्युनिटी ने एक सर्वे किया, जिसमें शिक्षा पर लोगों से उनकी राय जानी. इस सर्वे के अनुसार 85 फीसदी माएं चाहती हैं कि इस बार के बजट में स्कूल फीस कम करने को लेकर कोई घोषणा की जाए. इस सर्वे में करीब 1300 माओं से बात की गई. फीस तो शिक्षा का सिर्फ एक पहलू भर है. बजट में शिक्षा से जुड़े कई सुधारों को लेकर घोषणा होने की संभावना है.
6- नकद निकासी पर टैक्स
जिस तरह 50,000 रुपए से अधिक जमा करने पर पैन कार्ड दिखाने की जरूरत होती है, ठीक वैसे ही एक साल में 10 लाख रुपए से अधिक की निकासी करने पर सरकार उसे टैक्स में दायरे में लाने पर विचार कर रही है. इसे एक तीर से दो निशाने जैस भी समझा जा सकता है. एक तो इससे डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिलेगा और दूसरा इसकी वजह से कालेधन में कमी आएगी यानी भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी.
7- वाहनों पर जीएसटी रेट
मौजूदा समय में वाहनों पर 28 फीसदी का जो जीएसटी लगता है, उम्मीद की जा रही है कि ये बजट में उसमें भी राहत देने वाला होगा. हो सकता है इस बार इस रेट को घटाकर 18 फीसदी कर दिया जाए. अगर इस बार के बजट में वाहनों पर लगने वाली जीएसटी कम कर दी जाती है तो वाहनों की मांग भी बढ़ जाएगी, जो पिछले 11 महीनों में सबसे कम है.
8- किसानों को भी मिलेगी सौगात
अगर मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल की बात की जाए तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री श्रम मानधन पेंशन योजना जैसे तोहफे किसानों को मिले हैं. सरकार किसी भी मौके पर किसानों की बात करने से नहीं चूकती है. अब जब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, तो ऐसे में मोदी सरकार किसानों की दिक्कतों को कम करने के लिए नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है. वैसे भी, मोदी सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों से ही वोट कम मिलते हैं, तो मोदी सरकार अपनी इस कमजोर कड़ी को मजबूत करने की पूरी कोशिश करेगी. मिनिमम सपोर्ट प्राइस में बढ़ोत्तरी की जा सकती है और कर्ज तले दबे किसानों को ब्याज दर में सब्सिडी के साथ-साथ फर्टिलाइजर्स पर सब्सिडी का तोहफा दिया जा सकता है.
9- स्वास्थ्य पर फोकस जरूरी
पिछले कार्यकाल में मोदी सरकार आयुष्मान भारत जैसी महत्वाकांक्षी योजना पहले ही शुरू कर चुकी है. इसमें सरकार के सामने चुनौती है अस्पतालों की. हो सकता है कि इस बार के बजट में सरकार नए अस्पतालों के निर्माण को लेकर कोई घोषणा कर दे. सरकार की कोशिश रहेगी कि अस्पतालों में पर्याप्त बेड की व्यवस्था हो और जनता तक इलाज को आसानी से पहुंच सके. हाल ही में बिहार में बच्चों की मौत और लू की वजह से लोगों की मौत ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. मौतों के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार अस्पताल ही पाए जा रहे हैं. कई जगहों पर सिर्फ 1 डॉक्टर इमरजेंसी चला रहा है तो कहीं पर एक ही बेड पर कई बच्चों का इलाज किए जाने की तस्वीरें सामने आई थीं.
10- महिला सुरक्षा भी होगी अहम
पिछली बार जब अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का विधानसभा चुनाव लड़ा था तो सीसीटीवी कैमरों की जिक्र किया था. अब केजरीवाल का कार्यकाल खत्म होने में करीब 6 महीने बचे हैं, लेकिन सीसीटीवी नहीं लगे. माना जा रहा था कि सीसीटीवी लगने से कानून व्यवस्था काफी सख्त हो जाएगी. खासकर महिला सुरक्षा को बहुत बल मिलेगा. अब मोदी सरकार बजट में महिला सुरक्षा से जुड़े कुछ मुद्दों पर अहम घोषणाएं कर सकती है. सार्वजनिक जगहों पर सार्वजनिक वाहनों में भी सीसीटीवी लगाए जाने को लेकर प्रस्ताव लाया जा सकता है.
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