आखिर हमारे मतलब का GST तो अब आया है..
चुनावी साल से पहले सरकार ने आम लोगों को मनाने के लिए एक और तरीका अपनाया है. जीएसटी काउंसिल ने 88 आइटम्स पर जीएसटी की दरों को कम कर दिया है.
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2019 की चुनाव तारीखों की अभी घोषणा भी नहीं हुई है और लग रहा है जैसे सभी तरफ चुनावी माहौल शुरू हो गया है. एक तरफ तो चुनावी रैलियां और जादू की झप्पियां चल रही हैं और दूसरी तरफ लोगों को लुभाने के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं. इनमें से एक है जीएसटी. जब से जीएसटी लागू किया गया है तब से ही लगातार इसके रेट में उतार-चढ़ाव होता आया है, लेकिन इस बार जो कटौती हुई है वो बिलकुल आम आदमी के मतलब की लग रही है.
शनिवार को ही जीएसटी काउंसिल ने करीब 88 प्रोडक्ट्स के रेट कम किए हैं. इसमें वॉशिंग मशीन, फ्रिज आदि शामिल हैं. इसके साथ ही बिजनेस के कई नियम भी आसान किए हैं. नए रेट 27 जुलाई से लागू किए जाएंगे. इन्हें आम तौर पर एनडीए सरकार की 2019 की तैयारी की तरह ही देखा जा रहा है. पिछले साल जब जीएसटी लागू किया गया था तो उसने आम लोगों और छोटे बिजनेस मैन की जिंदगी में काफी उथल पुथल कर दी थी.
पिछले साल से लेकर अभी तक सरकार पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर इतने बिजनेस वालों को इतने रिटर्न क्यों फाइल करने पड़ रहे हैं. साथ ही कई सारे आइटम 28% के स्लैब में थे जिसे सिर्फ लग्जरी आइटम के लिए रखा गया था.
लहू का कर्ज माफ..
सबसे ज्यादा विरोध जीएसटी के मामले में सैनेट्री पैड्स को लेकर होता रहा है. पहले 18% पर विरोध के बाद इसे कम करके 12% कर दिया गया था. इसके बाद भी सैनेट्री पैड के मामले में LahuParKarj जैसे हैशटैग चल रहे थे. इस बारे में ये कहा जा रहा था कि महिलाओं के लिए सैनेट्री पैड लग्जरी नहीं है. इसपर टैक्स नहीं लगना चाहिए. अब आखिरकार इस टैक्स को कम कर दिया गया है.
Just 8 months back, Fin Min defended 12% #GST on sanitary pads, saying it would prevent dumping of cheap Chinese pads in the Indian market. What has changed now? #JustAsking
— anshuman tiwari (@anshuman1tiwari) July 21, 2018
किन आइटम्स पर जीएसटी हटा दिया गया है...
सैनेट्री पैड्स, राखी (जिनमें सोना, चांदी आदि न लगा हो), मार्बल, पत्थर और लड़की की भगवान की मूर्तियां, झाड़ू के लिए लगने वाला सामान, पाश्चराइज्ड दूध, साल की पत्तियां, कॉयर पिथ कंपोस्ट (खाद) आदि.
किन आइटम्स पर कम हुई है जीएसटी की दर.. (28% से 18%)
वॉशिंग मशीन, फ्रिज, 68 सेंटिमीटर तक के टीवी, वीडियो गेम, वैक्यूम क्लीनर, ट्रेलर, मिक्सर ग्राइंडर, शेविंग और हेयर ड्राइंग के उपकरण, वॉटर हीटर, बैटरी, इलेक्ट्रिक प्रेस, पेंट आदि.
किन आइटम्स पर कम हुई है जीएसटी की दर.. (18% से 12%)
हैंडबैग्स, पर्स, ज्वेलरी बॉक्स, पेंटिंग और फोटोग्राफ के लिए लकड़ी के फ्रेम, पत्थर की आर्ट, ग्लास स्टैचू, ग्लास वेयर (पॉट, जार, कास्क, केक कवर आदि), ब्रास- कॉपर- एल्युमीनियम आर्टवेयर, हैंडीक्राफ्ट लैंप, बैंबू फ्लोरिंग, ब्रास-कैरोसीव वाला प्रेशर स्टोव आदि.
वो आइटम्स जिनपर अब 5% टैक्स लगेगा..
इसमें इथानॉल, 1000 रुपए तक के फुटवियर, बायो फ्यूल पैलेट, हैंडलूम दरी, फॉस्फोरिक एसिड, तोरण, नकली चोटी, लेस, चटाई, हाथ से बुनी हुई टोपी जिसकी कीमत 1000 रुपए से ज्यादा न हो. आदि.
इसके अलावा, जिन बिजनेस का टर्नओवर 5 करोड़ के नीचे हैं उन्हें हर महीने रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी. इसकी जगह उन्हें तिमाही रिटर्न फाइल करने होंगे. हालांकि, उन्हें टैक्स मासिक तौर पर ही भरना होगा. जितने भी रजिस्टर्ड बिजनेस हैं उनमें से 90% का टर्नओवर 5 करोड़ के नीचे है.
सर्विसेज की बात करें तो होटल इंडस्ट्री को थोड़ा फायदा पहुंचाया गया है इसमें टैक्स रेट रूम टैरिफ (पेड) के हिसाब से होगा और न ही उसके हिसाब से जो रेट पब्लिश किया गया है. 7500 के ऊपर 28% जीएसटी, 2500 से 7500 के बीच 18% जीएसटी, 2500 से 1000 के बीच 12% जीएसटी.
जो कटौती हुई है वो यकीनन चुनाव से जोड़कर देखी जा रही है. सबसे ज्यादा सैनेट्री पैड्स को लेकर बवाल हुआ था और उसे सस्ता कर दिया गया है. भले ही सरकार की मंशा इसमें जो भी रही हो, लेकिन यकीनन ये लोगों के लिए तो काफी फायदेमंद हो गया है.
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