पेटीएम vs BHIM : डिजीटल युग की नई जंग
देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन की लहर दौड़ गई है. इस लहर में लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए पेटीएम सिकंदर दिख रहा था. लेकिन अब भीम उसको टक्कर देने आ रहा है.
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जैसे एयरटेल-आइडिया को जियो ने पटखनी दी... जैसे नोकिया को सैमसंग और आईफोन ने पीछे छोड़ा वैसे ही अब पेटीएम और फोनपे को भीम पीछे छोड़ने जा रहा है. एक समय था जब सिर्फ पेटीएम पर लोगों का विश्वास था. नोटबंदी के दौर में पैसे ट्रांसफर करने हो या शॉपिंग. सभी इसी एप का इस्तेमाल कर रहे थे. लेकिन समय के साथ-साथ परिस्थियां बदल गईं.
लोगों को डिजीटल कराने के लिए अब नई जंग शुरू हो गई है. डाटा और सस्ते के बाद अब कैशबैक की जंग शुरू हो गई है. लोगों को कम में ज्यादा देने के लिए अब एप एक दूसरे से जंग लड़ने को तैयार हैं. अब इसमें सरकार भी कूद गई है. इस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकार ने इस ऐप का इस्तेमाल करते हुए डिजिटल पेमेंट का ऑप्शन चुनने पर ज्यादा कैशबैक का ऑफर देने की बात कही है.
फिलहाल भीम ऐप में कंज्यूमर्स को 10 से 25 रुपए तक का कैशबैक मिल रहा है. साथ ही अगर कोई व्यक्ति भीम को किसी दूसरे को यूज़ करने के लिए सजेस्ट करता है, तो उसे 10 रुपए बोनस मिलता है और जिसको रिफर किया गया है, उसे 25 रुपए का कैशबैक मिलता है.
कैशबैक के मामले में पेटीएम को सूरमा माना जाता है. उसने न सिर्फ कैशबैक की सफल शुरुआत की बल्कि ज्यादा से ज्यादा कैशबैक भी दिया. अब कैशबैक के युद्ध में भीम उतर चुका है. यानी अब कह सकते हैं कि इससे यूजर्स को काफी फायदा होगा.
बिलों का पेमेंट भी आसानी से कर सकेंगे
पेटीएम से सारे बिल लोग आसानी से जमा कर दिया करते हैं. भीम एप में ऐसा कुछ नहीं था. लेकिन भीम ऐप के नए वर्जन से आप अपने बिजली, टेलीफोन, एलपीजी, हॉउस टैक्स, डीटीएच, मकान या ऑफिस का किराया आसानी से दे सकेंगे. नए वर्जन में बार-बार रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा.
बस एक क्लिक में पेमेंट हो जाएगा. नए ऐप में स्कैन करके पेमेंट करना भी आसान होगा. भीम दिव्यांगों की भी मदद करेगा. इस ऐप में वॉयस कंट्रोल भी होगा जिससे बोलने पर भी किसी को पेमेंट हो जाएगा. यानी बार-बार टाइप करने की झंझट से भी मुक्ति मिलेगी.
सिक्योरिटी के मामले में भीम बेहतर
दोनों ऐप के सिक्योरिटी की बात करें तो दोनों अपने-अपने लेवल पर सेफ हैं. पेटीएम में सिक्योरिटी के लिए गेटवे, पिन, ऐप पिन, पेटीएम अकाउंट पासवर्ड जैसे सिक्योरिटी फीचर का यूज होता है. वहीं भीम में भी तीन सिक्योरिटी लेबल हैं. पहला ऐप और मोबाइल नंबर, दूसरा ऐप या बैंक और तीसरा बैंक या मोबाइल नंबर. जो पेटीएम से ज्यादा सेप नजर आता है. हालांकि स्मार्टफोन में किसी भी ऐप को हैकर चाहे तो हैक कर सकता है. जैसा कि भीम यूपीआई सपोर्ट है इसलिए किसी भी गड़बड़ी पर आप अपने बैंक से संपर्क कर सकते हैं लेकिन पेटीएम से गड़बड़ी होने पर बैंक पल्ला झाड़ लेते हैं.
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