New

होम -> इकोनॉमी

 |  7-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 19 जनवरी, 2020 05:32 PM
मुकेश रावत
मुकेश रावत
  @mukeshrawat705
  • Total Shares

नोटबंदी की घोषणा करते हुए 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा था कि 'हर देश के इतिहास में ऐसे मौके आते हैं जब हर व्यक्ति सोचता है कि उसे भी उन मौकों का हिस्सा बनना चाहिए और देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए. ऐसे मौके आते तो हैं, लेकिन बहुत कम.' उन्होंने Rs 1000 और Rs 500 के नोटों को अवैध घोषित कर दिया था. उन्होंने कहा था कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं, ताकि नकली नोट छापने वालों के रैकेट (Fake Currency Rackets), कालेधन (Black Money) और भ्रष्टाचार (Corruption) से लड़ा जा सके. उन्होंने कहा था कि 'हमारे पास एक मौका है जिसमें देश का हर नागरिक भ्रष्टाचार, कालेधन और नकली नोटों के खिलाफ इस महायजना (बड़े बलिदान) में शामिल हो सकता है.' पीएम मोदी ने Rs 1000 और Rs 500 के नोटों को अवैध घोषित कर दिया और Rs 2000 और Rs 500 के नए नोट जारी करने की घोषणा की. उन्होंने कहा था कि इन नए नोटों में सुरक्षा के और भी अधिक फीचर होंगे, जिसके चलते नकली नोट बनाना बेहद मुश्किल हो जाएगा.

Rs 2000 notes so easy to copyअपराधियों के लिए तो 2000 के नोटों की नकल करना बेहद आसान हो गया है.

नोटबंदी के करीब तीन साल बाद सरकारी आंकड़े ही दिखा रहे हैं कि नए नोटों के सुरक्षा फीचर्स से निपटना नकली नोट छापने वालों के लिए मुश्किल काम नहीं था. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी के बाद जितने नकली नोट जब्त किए गए हैं, उनमें Rs 2000 के नकली नोट करीब 56 फीसदी हैं. 3 साल पहले पीएम मोदी ने Rs 1000 और Rs 500 के नोटों को अवैध घोषित करते हुए कहा था कि इस कदम से आतंकवाद की कमर भी टूटेगी. उन्होंने कहा था- 'क्या आपने कभी सोचा है कि इन आतंकियों को पैसे कहां से मिलते हैं? सीमा पार के दुश्मन नकली नोटों के जरिए अपने ऑपरेशन करते हैं. ये कई सालों से चला आ रहा है.' उन्होंने कहा था कि नोटबंदी के जरिए देश की शुद्धि की जा रही है. तो अब Rs 2000 के नोटों के आने के करीब 3 साल बाद आइए देखते हैं देश कितना शुद्ध हुआ है.

Rs 2000 notes so easy to copyहर 2000 रुपए के नोट में बहुत सारे अतिरिक्त सुरक्षा फीचर जोड़े गए थे.

नकली नोटों में Rs 2000 के नोट सबसे अधिक

NCRB के आंकड़ों के अनुसार 2017 और 2018 में कुल 46.06 करोड़ रुपए के नकली नोट जब्त किए गए. इसमें 56.31 फीसदी नकली नोट Rs 2000 के मिले. 2017 में कुल 28.10 करोड़ रुपए के नकली नोट पकड़े गए थे, जिसमें Rs 2000 के 53.30 फीसदी नोट थे. साल भार बाद Rs 2000 के नोटों की नकली नोटों में हिस्सेदारी करीब 61.01 फीसदी हो गई. यानी Rs 2000 के नकली नोटों की छपाई अधिक तो हुई ही, साथ ही साथ बढ़ी भी. यानी साफ है कि Rs 2000 के नोटों की छपाई नकली नोट छापने वालों के लिए आसान हो गई है.

Rs 2000 notes so easy to copy2000 के नोटों के सबसे अधिक नकली नोट पकड़े गए, जो लगातार बढ़े हैं. (फोटो- india today)

Rs 2000 के नकली नोटों का गढ़ बना गुजरात

इन आंकड़ों से एक और ट्रेंड सामने आ रहा है, जो दिखाता है कि Rs 2000 के नकली नोट कुछ ही राज्यों से काफी अधिक पकड़े जा रहे हैं. नवंबर 2016 में Rs 2000 के नोटों के सामने आने के बाद गुजरात नकली नोटों का गढ़ साबित हुआ है. 2018 के अंत तक Rs 2000 के 34,680 नोट गुजरात से मिले, जिनकी कीमत 6.93 करोड़ रुपए है. अगर पूरे देश से बरामद नकली नोटों की तुलना में देखा जाए तो सिर्फ गुजरात से ही Rs 2000 के 26.28 फीसदी नकली नोट बरामद हुए हैं. इसके बाद नंबर आता है पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश का, जहां से Rs 2000 के क्रमशः 3.5 करोड़ रुपए, 2.8 करोड़ रुपए और 2.6 करोड़ रुपए बरामद हुए. इसके अलावा झारखंड, मेघालय, सिक्किम, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादर नागर हवेली, दमन दीव, लक्षदीप और पॉन्डिचेरी से Rs 2000 रुपए का एक भी नकली नोट बरामद नहीं हुआ.

Rs 2000 notes so easy to copyसबसे अधिक 2000 के नकली नोट गुजरात में पकड़े गए.

नोटबंदी के कुछ समय बाद ही Rs 2000 के नकली नोट बाजार में आ गए

8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान करते हुए पीएम मोदी को उम्मीद थी कि ये ऐतिहासिक फैसला नकली नोटों के धंधे को चौपट कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आंकड़े दिखाते हैं कि Rs 2000 रुपए के नकली नोट नोटबंदी लागू होने के महज कुछ दिनों बाद ही बाजार में उतर गए थे. NCRB की 2016 की रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के बाद के 2016 खत्म होने में बचे 53 दिनों में एजेंसियों ने Rs 2000 रुपए के 2,272 नकली नोट पकड़े थे, जिनकी कीमत 45.44 लाख रुपए थी. इसमें से करीब 57 फीसदी Rs 2000 रुपए के नोट पीएम मोदी के गृहराज्य गुजरात से ही बरामद हुए थे. मीडिया रिपोर्ट दिखाती हैं कि Rs 2000 रुपए के नकली नोटों की बरामदगी 18 नवंबर से ही शुरू हो गई थी, यानी नोटबंदी के महज 10 दिन बाद. द हिंदू अखबार के अनुसार पुलिस ने कर्नाटक के मैसूर से 18 नवंबर 2016 को Rs 2000 रुपए के 44 नोट बरामद किए थे. इसके बाद आने वाले दिनों में हैदराबाद, मेरठ, बेंगलुरु, राजकोट और अन्य जगहों से नकली नोट बरामद हुए.

RBI के आंकड़े क्या कहते हैं?

भारत में हम दो जगह से नकली नोटों की जानकारी पा सकते हैं. पहला तो NCRB के आंकड़ों से और दूसरा भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट से, जिसमें ये दिया होता है कि बैंकिंग सिस्टम में कितने नकली नोट पाए गए. भारतीय रिजर्व बैंक का आंकड़ा NCRB के आंकड़ों से कम है. यहां एक बात ध्यान रखने की है कि NCRB का डेटा उन नकली नोटों के बारे में बताता है, जिन्हें पुलिस या अन्य एजेंसियों ने बरामद किया होता है, जबकि रिजर्व बैंक का डेटा उन नकली नोटों की जानकारी देता है जो बैंकिंग सिस्टम में घुसते हैं और पकड़े जाते हैं.

रिजर्व बैंक की 2018-19 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक (पेज नंबर-147) 2017-18 में Rs 2000 रुपए के 17,929 नकली नोट पकड़े गए. इसके अगले साल ये आंकड़ा बढ़कर 21,847 हो गया, यानी 21.9 फीसदी की बढ़त. रिजर्व बैंक के आंकड़ों में एक हैरान करने वाली बात ये भी दिखी कि नए Rs 500 रुपए के नकली नोटों की संख्या में 121 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है कि नोटबंदी के तुरंत बाद ही Rs 2000 रुपए के नकली नोटों की छपाई शुरू हो गई. उसके अनुसार 9 नवंबर 2016 से 31 मार्च 2017 तक Rs 2000 रुपए के 638 नकली नोट पकड़े गए. ये दिखाता है कि ये नकली नोट इतने असली लगते थे कि उन्होंने बैंकिंग सिस्टम में भी घुसना शुरू कर दिया था.

क्या Rs 2000 रुपए के नोट खत्म हो गए?

पिछले साल भर में मीडिया रिपोर्ट्स में ये आता रहा है कि या तो भारतीय रिजर्व बैंक ने Rs 2000 रुपए के नए नोट छापना बंद कर दिया है या फिर बहुत कम कर दिया है. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक ने ये जरूर कहा कि Rs 2000 के नोट वापस नहीं लिए जा रहे हैं. पिछले साल 14 अक्टूबर को इंडियन एक्स्प्रेस में छपी खबर के अनुसार रिजर्व बैंक ने पूरे वित्त वर्ष में Rs 2000 रुपए का एक भी नोट नहीं छापा. ये जानकारी अखबार को सूचना का अधिकार (RTI) से मिली थी. RTI के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक ने 2016-17 में Rs 2000 रुपए के 354.29 करोड़ नोट छापे थे, जो 2017-18 में घटकर 11.15 करोड़ हो गया और 2018-19 में सिर्फ 4.66 करोड़ नोट छापे गए. केंद्रीय बैंक की ओर से इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है कि उसकी तरफ से नोटों की छपाई कम करने की वजह कहीं Rs 2000 रुपए के ढेर सारे नकली नोटों का पकड़ा जाना तो नहीं? वैसे भले ही Rs 2000 के नोट वापस लिए जा रहे हों या नहीं, जिनका चलन अब बाजार में काफी कम हो चुका है, लेकिन एक बात तो साफ है कि नकली नोटों पर लगाम लगाने की कोशिश नाकाम साबित हुई है.

ये भी पढ़ें-

सुस्त अर्थव्यवस्था के बीच घर खरीदने वालों के लिए SBI की मस्‍त स्कीम

कैरी बैग के पैसे चुकाने से पहले पढ़ लीजिए ये नियम, आंखें खुल जाएंगी !

जान लीजिए, कौन से बैंक सबसे ज्यादा रिस्की हैं

#2000 रुपए, #नोटबंदी, #मोदी सरकार, Rs 2000 Notes, Fake Currency, Narendra Modi

लेखक

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय