Budget 2019: किसानों-महिलाओं-व्यापारियों को जानने के लिए जरूरी बातें
यूनियन बजट 2019 जल्द ही आ जाएगा और इस बजट से न सिर्फ कई सारे टैक्स डिडक्शन की उम्मीद है, बल्कि कई अन्य सेक्टर में भी फायदे की उम्मीद लगाई जा सकती है.
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1 फरवरी 2019 को अरुण जेटली की जगह पियूष गोयल बजट पेश करेंगे. Interim Budget 2019 कई मायनों में खास होने वाला है. 2019 लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार का ये आखिरी बजट होगा. ऐसे में बहुत सी उम्मीदें इस बजट से लगाई जा चुकी हैं. Union Budget Tax Deduction को लेकर बहुत सी बातें कही जा चुकी हैं. लेकिन टैक्स के अलावा क्या? आखिर क्या उम्मीदें लगाएं हम बजट से. वो लोग जिन्हें टैक्स की कोई ज्यादा चिंता नहीं रहती है उनके लिए क्या आ सकता है इस बजट में? खास तौर पर किसान और महिलाएं आखिर क्या उम्मीद लगा रही हैं बजट से?
कल किस समय आएगा union budget 2019 ?
यूनियन बजट 2019, 1 फरवरी को पेश किया जाएगा और इस बजट को पियूष गोयल पेश करेंगे. इस बजट की शुरुआत सुबह 11 बजे संसद में होगी. पिछले साल से शुरू हुई प्रथा जहां रेल बजट और यूनियन बजट एक साथ पेश किया जाता है वो इस साल भी होगी.
कहां पर होगी union budget live streaming:
बजट अगर आप लाइव स्ट्रीम देखना चाहते हैं तो न सिर्फ टीवी बल्कि कई यूट्यूब चैनल पर भी देख सकते हैं. टीवी पर देखने वाले दर्शकों को दूरदर्शन, लोकसभा टीवी, राज्यसभा टीवी पर ये बजट लाइव दिख सकता है. इसके अलावा, अगर इंटरनेट पर लाइव स्ट्रीम देखना है तो दूरदर्शन, लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी के ही यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है.
Union budget 2019 के सबसे बड़े तोहफे:
1. किसानों के लिए खुशखबरी?
बजट 2019 से ये उम्मीद लगाई जा रही है कि उसमें किसानों को लेकर कुछ नई घोषणा होगी. जहां राहुल गांधी का तीन विधानसभा चुनाव जीतने का श्रेय किसानों की कर्जमाफी को दिया जा रहा है, वहीं ऐसा हो सकता है कि लोकसभा चुनाव 2019 के पहले मोदी सरकार किसानों के खुश करने के लिए कई तरह की सब्सिडी और स्कीम लॉन्च कर दे. लंबे समय से पेंडिग पड़ी हुई डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम (Direct benefit transfer scheme) भी लागू की जा सकती है. पहले इसके पाइपलाइन में फंसने की कई वजह थीं, जैसे सरकार के पास डायरेक्ट ट्रांसफर के हिसाब से रिसोर्स नहीं हैं और दूसरे ऐसी स्कीम को लाना है जिससे बिना जमीन वाले किसानों को भी स्कीम की राहत मिल सके.
ऐसी उम्मीद की जा रही है कि बजट 2019 में किसानों के लिए कई स्कीम निकाली जा सकती हैं.
एक अनुमानित आंकड़े के अनुसार हर किसान को 4000 रुपए प्रति एकड़ (प्रति सीजन) के हिसाब से डायरेक्ट ट्रांसफर देने और जीरो इंट्रेस्ट पर 1 लाख तक के लोन देने के लिए 2.28 लाख करोड़ का बजट चाहिए. इसी के साथ, ऐसे किसान जिनके पास जमीन नहीं है उनके लिए मिनिमम गारंटी स्कीम भी लॉन्च की जा सकती है.
अगर ये स्कीम लॉन्च हो जाती है तो इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव 2019 में पड़ने वाला है. इसके अलावा, सब्सिडी स्कीम आदि जैसे पिछली बार बहुतायत में आई थीं, वैसे ही अगर इस बार भी आ जाती हैं तो फायदा सरकार को मिलेगा. पर इससे अतिरिक्त भार भी पड़ेगा सरकारी खजाने में.
2. महिलाएं और सीनियर सिटीजन के अच्छे दिन
बजट 2019 में महिलाओं को और सीनियर सिटिजन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. साथ ही, मिडिल क्लास वालों के लिए भी सिर्फ टैक्स बेनेफिट से ज्यादा बहुत कुछ हो सकता है. जहां हाल ही में नए कोटा सिस्टम में 8 लाख तक की सालाना आय वाले परिवार को समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में रखा गया है ऐसे में अगर सरकार ने इनके लिए नई स्कीम नहीं जारी की तो ये गलत होगा.
साथ ही, महिलाओं के लिए नई स्कीम और सीनियर सिटिजन के लिए न सिर्फ स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं बल्कि आर्थिक कमाई के अवसर पैदा हों ऐसी सहूलियत भी देनी होंगी. सीनियर सिटिजन और महिलाओं के लिए अगर बेहतर स्कीम आती हैं तो इसका असर भी लोकसभा इलेक्शन पर पड़ेगा.
3. छोटे व्यापारियों के लिए नई स्कीम
पहले नोटबंदी और दूसरे GST की मार झेल रहे छोटे और मध्यमवर्गीय व्यापारियों के लिए स्कीम लाना इस बार मोदी सरकार के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. लगभग हर तब्का ये उम्मीद कर रहा है कि उनके द्वारा भुगते जाने वाले टैक्स स्लैब में थोड़ा फर्क पड़ेगा और उन्हें राहत मिलेगी. छोटे व्यापारियों के लिए बेहतर लोन के विकल्प लाने के साथ-साथ टेक्स रेट कम करना और कुछ सब्सिडी प्रदान करना एक अच्छा तरीका हो सकता है इन्हें रिझाने के लिए. ये न सिर्फ व्यापारियों के लिए बेहतर होगा बल्कि सरकार की मेक इन इंडिया स्कीम के लिए भी अच्छा होगा.
4. स्वास्थ्य सेवाओं में कस्टम ड्यूटी की कटौती
भारत एक ऐसा देश है जहां स्वास्थ्य संबंधित सामान खरीदने के लिए सबसे ज्यादा कस्टम ड्यूटी देनी होती है. ऑर्थोपेडिक उपकरणों, आर्टिफीशियल अंगों और ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों पर 8.25 प्रतिशत ड्यूटी लगती है. इसी जगह श्रीलंका, भूटान, नेपाल जैसे देशों में ये ड्यूटी लगभग न के बराबर है. अगर ये कस्टम ड्यूटी कम हो जाती है तो स्वास्थ्य संबंधित श्रेत्र में न सिर्फ आम लोगों को बहुत राहत मिलेगी बल्कि इससे अलग से सीनियर सिटिजन के लिए स्कीम लाने की समस्या भी कुछ हद तक कम हो जाएगी.
5. रेल किराए में कमी
अंत में रेल किराए की बात. क्योंकि रेल बजट भी इसी बजट में शामिल है तो ऐसी उम्मीद की जा रही है कि मिडिल क्लास को लुभाने के लिए रेल किराए में कमी की जा सकती है. अगर ऐसा नहीं भी किया गया तो भी कई नई स्कीम रेलवे सेक्टर में लॉन्च की जा सकती हैं. पहले ही ट्रेन 10 (वंदे भारत एक्सप्रेस) लॉन्च होने से रेलवे का पहला तोहफा मिल चुका है. अब इस कड़ी को आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं ये बजट में देखा जाएगा.
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