ISIS के नाम का इंटरनेशनल कचरा किया है इन 'देसी आतंकियों' ने
NIA ने Isis के मंसूबों के लिए भारत में काम करने वाले संगठन- 'हरकत उल हर्ब इस्लाम' से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया मगर जैसे असलहे इनसे बरामद हुए उसने दुनिया के सामने IS की किरकिरी कर दी.
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सुतली बम. साइकिल के डंडे से बने देसी कट्टे. ट्रेक्टर पार्ट से बना रॉकेट लांचर. ये है ISIS के सीक्रेट माड्यूल वाले खतरनाक हथियारों का जखीरा. ISIS के मंसूबों के लिए भारत में काम करने वाले संगठन- 'हरकत उल हर्ब इस्लाम' का भांडा फोड़ने के बाद आतंकवाद में लिप्त तमाम आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ हथियारों का जखीरा बरामद किया गया है. गिरफ्तार संदिग्धों में अमरोहा में मस्जिद का इमाम और सिविल इंजीनियरिंग का स्टूडेंट भी शामिल है.
सुरक्षा एजेंसियों की इस सफलता को एनआईए ने बयां किया है. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय खूंखार आतंकी संगठन आईएसआई के लिटरेचर वाली सामग्री के साथ हथियारों की तस्वीर पेश की गयी. आतंकवादियों के नापाक मंसूबों को जाहिर करने वाली इस खबर को लेकर सोशल मीडिया में गंभीरता से कम बल्कि मजाक में ज्यादा लिया जा रहा है. कारण ये है कि ISIS जैसे खूंखार अंतरराष्ट्रीय संगठनों से संलिप्त इस संगठन के जो हथियार बरामद हुए हैं वो बहुत मामूली नजर आ रहे हैं.
आईएस के मंसूबों के लिए भारत में काम करने वाले संगठन- 'हरकत उल हर्ब इस्लाम' से जुड़े लोगों को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है
इस संबंध में सोशल मीडिया में मजाकिया टिप्पणियों का सिलसिला तेज हुआ है आइये नजर डालें उन पंच लाइन्स पर जिन्होंने सोशल मीडिया पर जबरदस्त धमाल मचाया हुआ है.
नोटबंदी से कमर टूटने के बाद आईएसआई को अपना आका मानने वाले आतंकियों की कमर ऐसी टूटी की वो सुतली बम से काम चला रहे हैं.
ये आतंकी तीन राज्यों में कांग्रेस के जीतने के बाद सुतली बम फोड़कर जश्न मनाने का इरादा रखते थे.
राहुल गांधी की बारात के लिए आतंकी सुतली बम इकट्ठा कर रहे हैं.
मोदी के मेक इन इंडिया का पालन आतंकी भी करने लगे. हथियार घरेलू इंडिया विधि से बनाये जाने लगे हैं.
भाजपा सरकार कहां से कहां ले आई आतंकियों को.
हमारी गली के लड़के और गांव के छोरे ही ऐसे आंकतवादियों को पटक के गिरा देंगे.
इससे तो अच्छा था कि ये आतंकी कश्मीर के पत्थरबाजों की तरह झोलियों में पत्थर लेकर ही निकलते.
ISIS का नाम मिट्टी में मिला दिया इन कुत्तों ने.
पुलिस और सेना की क्या जरूरत. हमारे गौरक्षक ही इनसे निपट लेंगे.
इनसे अच्छी तो बुलंदशहर की भीड़ है जिनके हथियारों के आगे असलहों से लैस पुलिस भी धराशायी हो जाती है.
परमाणु बम से भी भयानक होगा या सुतली बम.
हमारे नेताओं को अगर इनसे ही खतरा है तो मान लीजिए अभी हमें इनसे निजात मिलने वाली नहीं है.
आवारा बच्चों के ये पसंदीदा खिलौने चुनाव के प्रचार प्रसार के माफिक हैं.
इन आतंकियों से खतरा रात दस बजे से पहले का है. न्यायालय के आदेशानुसार रात दस बजे के बाद पटाखे नहीं फोड़े जा सकते हैं.
ये आतंकी चुनाव कैंपेन के सबसे बड़े ब्रांड साबित हुए हैं. चुनाव प्रचार का सस्ता और टिकाऊ फंडा.
भारत ने पाकिस्तानी आतंकियों का खूंखार गिरोह पकड़ा.
चुनाव आयोग जब से सख्त हुआ है तब से बैनर पोस्टर चिपकाने का बजट देसी कट्टों और सुतली बमों पर खर्च होने लगा है.
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