2022 तक पाकिस्तान की स्पेस यात्रा! चौधरी फवाद ने बेशर्मी के रिकॉर्ड तोड़ दिए
चंद्रयान-2 की कामयाबी के जवाब में इमरान सरकार में साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर द्वारा 2022 तक किसी एक पाकिस्तानी को स्पेस में भेजने की बात कहना किसी मजाक से ज्यादा और कुछ नहीं है. अब जब उन्होंने मजाक किया था तो प्रतिक्रियाओं का आना स्वाभाविक था.
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दुनिया मंगल पर जा रही है, चांद पर जा रही है. इसी दुनिया में एक मुल्क है पाकिस्तान. जो अपने अन्दर पनप चुके आतंकवाद, गरीबी और कर्जे के कारण गर्त के अंधेरों में जा रहा है. ख्वाब देखने में बुराई नहीं है. अक्सर ही रंक राजा बनने के सपने देखता है मगर सपने तो सपने होते हैं और सोई आंखों से देखे गए सपने कभी अपने नहीं होते हैं. बात दरअसल ये है कि पाकिस्तान अंतरिक्ष में जाने की प्लानिंग कर रहा है. क्या कहा, आश्चर्य हुआ ? हमें भी हुआ मगर ये सच है. इस समय पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार है और इमरान की इस सरकार में साइंस एंड टेक्नोलॉजी का जिम्मा चौधरी फवाद हुसैन के कन्धों पर है. अभी बीते दिनों ही भारत ने चंद्रयान-2 का सफल परीक्षण कर दुनिया के सामने अपनी मजबूती का डंका बजाया है. पाकिस्तान के लिए भारत की तारीफ करना करेले और टिंडे खाने जैसा है. फवाद भाई को ये बिल्कुल पसंद नहीं आया और एक ऐसे वक़्त में जब एक आम पाकिस्तानी के लिए उन्हें और उनके इमरान भाई को खाने के लिए दो वक़्त की रोटी और उस रोटी को खरीदने के लिए रोजी का जुआड़ करना चाहिए चौधरी फवाद हुसैन ट्विटर ट्विटर खेल रहे हैं और कह रहे हैं कि "इंशाल्लाह हम अंतरिक्ष में भी जाएंगे और जैसा यहां मचाया है, वैसा ही उधम वहां भी मचाएंगे.
चौधरी फवाद हुसैन ने अंतरिक्ष को लकर को बात कही है खुद जनता उनकी आलोचना में जुट गई है
ट्विटर पर सब कुछ ठीक था. मगर लोग उस वक़्त बेचैन हो गए जब चौधरी फवाद हुसैन का ट्वीट आया जिसमें उन्होंने साल 2022 तक किसी एक पाकिस्तानी को अंतरिक्ष रवाना करने की बात की. चौधरी साहब ने न जाने किस दंभ में ट्वीट किया है कि 'हमें ये बताते हुए गर्व हो रहा है कि अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले पहले पाकिस्तानी के लिए चयन प्रक्रिया फ़रवरी 2020 से शुरू होगी जिसमें पचास लोगों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा. फिर सूची में 25 लोगों को रखा जाएगा और 2022 में हम अपना नागरिक अंतरिक्ष में भेजकर इतिहास रचेंगे.
Proud to announce that selection process for the first Pakistani to be sent to Space shall begin from Feb 2020,fifty people will be shortlisted — list will then come down to 25 and in 2022 we will send our first person to space,this will be the biggest space event of our history
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) July 25, 2019
अब ईश्वर ही जाने चौधरी साहब की इस बात में कितनी सच्चाई है? मगर पाकिस्तान की जनता मामले को लेकर खासी सीरियस हो गई है. चौधरी साहब के ट्वीट पर 1900 के लगभग री ट्वीट हो गए हैं साथ ही इसे 12 हजार 400 लोगों ने लाइक कर दिया है. अंतरिक्ष में जाने को लेकर पाकिस्तानी एक्साइटेड हैं और लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
बात आगे बढ़ाने से पहले हमारे लिए ये बताना बेहद जरूरी है कि अपने नागरिकों को स्पेस में भेजने वाला पाकिस्तान अलग अलग मोर्चों पर विफल है. चाहे आतंकवाद और कट्टरपंथ की समस्या हो या फिर मुल्क के युवाओं का बेरोजगार होना पाकिस्तान और देश के प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं और पूरी दुनिया के सामने जग हंसाई का पात्र बन रहे हैं.
दिक्कत का सबब किसी पाकिस्तानी का स्पेस में जाना बिल्कुल नहीं है मगर समस्या इस बात को लेकर है कि आखिर एक ऐसा मुल्क स्पेस यात्रा को लेकर इतना उत्साहित क्यों नजर आ रहा है जब वो अपने नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं दे पा रहा है.
हमने बात चौधरी फवाद हुसैन के इस ट्वीट पर की थी और कहा था कि इस मुद्दे पर लगातर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं तो आइये कुछ और जानने समझने से पहले प्रतिक्रियाओं का अवलोकन कर लिया जाए.
@sabakaul1 नाम की यूजर ने मामले पर जबरदस्त प्रतिक्रिया दी है और चौधरी फवाद से सवाल किया है कि क्या उन्हें चीन से पिसा मिल गया है.
लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या चीन ने पैसा दे दिया है
@marvisirmed नाम की यूजर ने कहा है कि ये सुनने में बहुत अच्छा और आकर्षक है और वो अप्लाई करना चाहती हैं.
लोग उनके इस प्रस्ताव को सुनने में बहुत अच्छा मान रहे हैं
@SudhanshuYou ने मामले को लेकर एक व्यंग्यात्मक तस्वीर पोस्ट की है जिसे पाकिस्तान और पाकिस्तान के नेताओं को ज़रूर देखना चाहिए.
पाकिस्तान को समझना होगा अंतरिक्ष यात्रा कोई हंसी खेल नहीं है
@aalu-boonda ने भी अपने ट्वीट के जरिये चौधरी फवाद हुसैन से ठीक वैसा ही मजाक किया है जैसा मजाक उन्होंने पाकिस्तान की भोली भली जनता से किया है.
जैसा मजाक चौधरी फवाद ने किया था उनके वैसे ही जवाब मिल रहे हैं
@nationalist_Eye ने अपने ट्वीट में जो सवाल पाकिस्तान की हुकूमत से किये हैं उसपर भी गौर किया जाना चाहिए. इन्होंने पूछा है कि क्या अहमदी, शिया, ईसाई और हिंदू भी इस चयन प्रक्रिया में शामिल हैं ?
जैसे सवाल आ रहे हैं उम्मीद है चौधरी फवाद उनका जवाब देंगे @koay_greg ने अपने ट्वीट में कहा है कि इस यात्रा के लिए जो लॉन्चिंग पैड होगा वो चीन का होगा. लॉन्चिंग क्राफ्ट भी चीन का होगा. प्रोजेक्ट भी चीन बनाएगा. तकनीक भी चीन की होगी और इसमें सिर्फ एक पाकिस्तानी जाएगा और वहां जाकर इतिहास रचेगा.
जनता कह रही है कि पूरा प्रोजेक्ट चीन का है वहीं @memenist_ नाम के यूजर ने भी मामले को लेकर चौधरी फवाद हुसैन की जबरदस्त खिल्ली उड़ाई है और कहा है कि लोगों को कतर एयरवेज से भेजा जाए. और जब कोई कुछ काहे तो कहना कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि अर्थव्यवस्था को बचाया जा सके.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चौपट है ऐसे में चौधरी फवाद की ये बात एक मजाक की तरह है
@Angry_Engg नाम के यूजर ने भी चौधरी फवाद हुसैन की खिल्ली उड़ाई है और एक जबरदस्त व्यंग्यात्मक ट्वीट किया है.
चौधरी फवाद ने इस तरह की बात कहकर पाकिस्तान को मुसीबत में डाल दिया है
बहरहाल, प्रतिक्रियाएं जैसी भी आएं. लोग चाहे जितना भी खुश हों. मगर इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि पाकिस्तान उस एक खुशनसीब पाकिस्तानी को अंतरिक्ष में भेजेगा कैसे? ये सवाल इसलिए भी लाजिम है क्योंकि फ़िलहाल पाकिस्तान का स्पेस एंड अपर एटमॉस्फेयर रिसर्च कमीशन इस दिशा में ऐसा कोई निर्माण नहीं कर रहा है. जिसके बाद ये कहा जाए कि वो दिन दूर नहीं है जब पाकिस्तान अंतरिक्ष में भी दस्तक दे सकता है.
चूंकि बात पाकिस्तान की चल रही है तो ये बताना जरूरी है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और मलेशिया का शुमार उन देशों में है जो माइनर स्पेस फेयरिंग देश हैं. 7 जून 1962 को रहबर-1 नाम के राकेट को छोड़ा था जिसके बाद पाकिस्तान, मानव रहित अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण का सफलतापूर्वक संचालन करने वाला दुनिया का दसवां देश बन गया था. SUPARCO ने समय समय पर वहां कई राकेट लांच किये हैं.
पाकिस्तान की पहली सैटेलाइट बद्र-1 को चीन से 1990 में लॉन्च किया गया था. इसके अलावा पाकिस्तान ने बद्र-बी के अलावा ज़ीनत-2 और पक्सत-1आर को 2011 में लॉन्च किया था जिसके लिए पूरी मदद चीन ने की थी. आपको बताते चलें कि अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम 2040 के तहत, पाकिस्तान का लक्ष्य पांच भूस्थिर और छह लो अर्थ ऑर्बिट वाली सैटेलाइट संचालित करना है और फ़िलहाल उसकी किसी भी उपग्रह प्रक्षेपण यान के विकास की योजना नहीं है.
यानी अपने आप ये साबित हो गया कि पाकिस्तान के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर ने स्पेस ट्रेवल की बात को लेकर एक शिगूफा छोड़ा है और खालीपन की मार झेल रहे पाकिस्तानियों को कुछ पल के लिए हंसने और मौज मस्ती करने का टाइम मिल गया है. अब क्योंकि स्पेस की गतिविधियां पूर्णतः पैसे का खेल हैं इसलिए अगर कोई पाकिस्तानी चाहे तो वो बड़ी ही आसानी के साथ स्पेस में जा सकता है बशर्ते उसके पास पैसा हो.
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