लद्दाख-अरुणाचल का अपमान न समझें महुआ और उमर, वो टेढ़ों को सुधारने वाला ट्रेनिंग सेंटर है
दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में कुत्ता घुमाने वाले IAS दंपति संजीव खिरवार और रिंकू धुग्गा का ट्रांसफर हो गया है. संजीव को लद्दाख भेजा गया है जबकि रिंकू अरुणाचल गयीं हैं. मामले पर राजनीति गरमा गयी है और आईएएस कपल के इस ट्रांसफर को टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और उमर अब्दुल्ला ने आड़े हाथों लिया है.
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भुलाता लाख हूं लेकिन बराबर याद आते हैं,
इलाही तर्क-ए-उल्फत पर वो क्योंकर याद आते हैं.
ना छेड़ ऐ हमनशीं कैफिअत-ए-सहबा के अफ़साने,
शराब-ए-बेखुदी के मुझ को सागर याद आते हैं.
शेर बहुत खूबसूरत है और हसरत मोहानी का है. हो सकता है इसे हम आने वाले वक़्त में दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में कुत्ता घुमाने वाले IAS दंपति संजीव खिरवार और रिंकू धुग्गा में से किसी एक को या फिर दोनों को दोहराते देखें. कुत्ते और उसके घूमने के कारण जिस तरह इनके बाग़बान में खुशियों के फूल मुरझाने की कगार पर आ गए हैं इतिहास इसे लम्बे समय तक याद रखेगा. आईएएस दंपत्ति का ट्रांसफर हो गया है. IAS संजीव खिरवार को जहां एक तरफ लद्दाख भेजा गया है तो वहीं उनकी पत्नी रिंकू धुग्गा का तबादला अरुणाचल प्रदेश कर दिया गया है. दोनों दिल्ली में एकसाथ रहकर काम रहे थे. लेकिन क्योंकि विवाद हो गया अब दोनों एक दूसरे से करीब 3500 किलोमीटर दूर रहेंगे.
IAS संजीव खिरवार के ट्रांसफर पर राजनीति गर्मा गयी है चाहे वो उमर अब्दुल्ला हों या फिर महुआ मोइत्रा दोनों ही इस ट्रांसफर पर खूब राजनीति कर रहे हैं
अभी दोनों का न तो दुःख ख़त्म हुआ और न ही लद्दाख और अरुणाचल जाने के लिए पैकिंग हुई, राजनीति अलग अपने रंग में आ गयी है. आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. मामले के मद्देनजर ट्विटर ट्विटर खेला जा रहा है. आईएएस पति पत्नी का ट्रांसफर सवालों के घेरे में है. TMC सांसद महुआ मोइत्रा और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया है और देश की जनता को अपनी पॉलिटिकल प्रेजेंस का परिचय दिया है.
तृणमूल कांग्रेस से लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'ठीक से काम ना करने वाले दिल्ली के नौकरशाह का ट्रांसफर होने पर अरुणाचल प्रदेश का अपमान क्यों किया जा रहा है? गृह मंत्रालय नॉर्थ ईस्ट के इलाकों से दिखावटी प्रेम दिखाकर फिर उन इलाकों को अपने कचरे को फेंकने के लिए क्यों इस्तेमाल करती है?' महुआ ने ये भी लिखा कि पेमा खांडू (अरुणाचल प्रदेश के सीएम) को इसका विरोध करना चाहिए.
Why shame Arunachal by transferring errant Delhi bureaucrat there?Why pay lip service to North East & then treat area like a dump for your rubbish, MHA? Please protest @PemaKhanduBJP @KirenRijiju
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) May 26, 2022
वहीं उमर अब्दुल्ला मोइत्रा से भी एक हाथ आगे निकल गए और क्षेत्रवाद पर उतर आए. उमर ने ट्वीट किया कि लोग लद्दाख को सजा वाली पोस्टिंग क्यों कह रहे हैं? कई लोगों के लिए यह खूबसूरत जगह है जहां कई शानदार जगह हैं. दूसरी बात यह है कि वहां के लोगों के लिए यह हतोत्साहित करने वाला है कि ऑफिसर्स को यहां सजा देने के लिए भेजा जाता है.
Why are people calling Ladakh a “punishment posting”? For one it’s a beautiful place with very hospitable people & some stunning places to visit and secondly it’s demoralising for the people there to be given the impression that officers only get sent as a punishment.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 26, 2022
अपने ट्वीट में उमर ने अरुणाचल का भी जिक्र किया और कहा कि यह बात अरुणाचल प्रदेश के लिए भी लागू होती है. हालांकि, मैं वहां कभी नहीं गया हूं.
देखिये बात बहुत सीधी है. अब वो चाहे महुआ हों या फिर उमर अब्दुल्ला दोनों कुछ कहें लेकिन सही मायनों में चाहे वो लद्दाख हो या फिर अरुणाचल दोनों ही स्थान अपने ऊपर गर्व कर रहे हैं. क़यामत आने तक दोनों ही जगहों को ये गुमान रहेगा कि उनमें ऐसे तमाम गुण हैं जहां टेढ़े से टेढ़े व्यक्ति को ले आओ ये उन्हें सुधार देंगे.
जिक्र चाहे एक जगह के रूप में अरुणाचल का हो या फिर लद्दाख का और सजा का कारण क्योंकि आईएएस दंपत्ति के लिए कुत्ते को घुमाना है तो जैसा टैरेन इन दोनों ही स्थानों का है कहना गलत नहीं है कि कुत्ता तो छोड़ ही दिया जाए अब ये लोग खुद घूम लें तो भी बहुत बड़ी बात है.
बाकी जो लोग पति पत्नी के ट्रांसफर को सजा की संज्ञा दे रहे हैं. शायद बहुत जल्दबाजी में हैं. इन्हें दो मिनट रुकना चाहिए और ठंडे दिमाग से सोचना चाहिए सरकार ने इन्हें सजा नहीं बल्कि आराम दिया है. और अब खुद घूमने के लिए इन्हें एक नहीं बल्कि दो बार सोचना होगा.
आईएएस पति पत्नी का कुत्ते की घुमाई फिराई के चक्कर में जैसा अमिताभ बच्चन हेमा मालिनी हुआ है. साफ़ है कि इससे इनके बीच का प्यार और इन दोनों का अपने कुत्ते के प्रति समर्पण और अधिक गहरा एवं मजबूत होगा. बाकी चाहे वो अरुणाचल प्रदेश हो या लद्दाख घूमने फिरने के लिहाज से अच्छी जगह है. भाग्यशाली होते हैं वो लोग जिन्हें अपनी नौकरी में घूमने फिरने और आबो हवा बदलने का मौका कोई और नहीं बल्कि खुद सरकार देती है.
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