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समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
डॉ. आशीष वशिष्ठ
बेटियां बोझ नहीं हैं बावजूद इसके उनकी लगातार होती हत्याएं, बेचैन तो करती हैं
आज के बदलते दौर में देखा जाए तो असल में, बेटियां अब बोझ नहीं रही, अब वह भी लड़कों की तरह बराबर खड़ी है. वे हर कदम व परिस्थिति पर माता-पिता और परिवार के मान-सम्मान का ध्यान रखती है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मुकेश कुमार गजेंद्र
@mukesh.k.gajendra
मुजरिमों पर मेहरबानी: आनंद मोहन सिंह...एक 'हत्यारे' का 'बेचारा' हो जाना
1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया को सरेराह पीट-पीट कर मार डालने के आरोप में फांसी की सजा पाए आनंद मोहन सिंह का किस्सा दिलचस्प है. कैसे एक हत्यारे की फांसी को पहले आजीवन कारावास में बदला गया, और फिर सियासत की जलेबी बनाकर रिहा करवा दिया गया. राजनीतिक दलों के अपने-अपने 'लाड़ले' अपराधी रहे हैं. जिन पर समय-समय पर मेहरबानी होती रही है...
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
कर्नाटक में महिला IPS और IAS के प्राइवेट फोटो से शुरू हुई लड़ाई आपसी बिल्कुल नहीं है
कर्नाटक (Kanataka) में दो बड़े अफसरों की लड़ाई महज आपसी नहीं तो नहीं लगती, कर्नाटक सरकार को जांच करानी चाहिये. तरीका बेशक सही नहीं है, लेकिन आईपीएस डी. रूपा (IPS D Roopa Moudgil) नेआईएएस रोहिणी सिंधूरी (IAS Rohini Sindhuri) पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
तुकाराम मंडगिलवार
पुस्तक समीक्षा: कभी गांव कभी कॉलेज
ये कहानी है ऊंची दुकान के फ़ीके पकवानों की, बड़े-बड़े नाम वालों की, पर छोटे दर्शन वालों की. कहानी में जब-जब कॉलेज का ज्वार चढ़ता है, गांव में आते ही भाटा सिर पर फूट जाता है. कहानी के हर छात्र का सपना आईएएस/आईपीएस बनने का नहीं है, कोई सरपंच भी बनना चाहता है तो कोई कॉलेज ख़त्म होने के पहले ही ब्याह का प्लेसमेंट चाहता है.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
Shubham Singh Rajput
@3830767993816892
फेल शिक्षा व्यवस्था से नौकरी की परीक्षा पास करने वाले युवा कैसे निकलेंगे?
देश के तमाम युवा जो दिशाहीन हैं और उनका कोई लक्ष्य नहीं है. इसका कारण है हमारी शिक्षा व्यवस्था. सरकार जब तक शिक्षा प्रणाली अपनी व्यवस्था में सही बदलाव नहीं करती तब तक युवाओं के साथ मज़ाक होता रहेगा और वो नौकरी के लिए दर दर की ठोकरें खाते रहेंगे.
सोशल मीडिया
| 3-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
IAS साहब, सरकार को जनता की सेवा के लिए 'जोमैटो सर्विस' भी चलानी पड़ती है
आमतौर पर IAS अधिकारी ऐसी बातें कहते नजर आ ही जाते हैं. क्योंकि, आम जनता के सवाल उनकी हनक को कमजोर करने वाले होते हैं. और, गुस्सा भड़क ही जाता है. अंबेडकरनगर के डीएम (DM) सैमुअल पॉल के जोमैटो सर्विस वाले कमेंट से पहले बिहार की एक आईएएस अधिकारी हरजोत कौर भामरा भी एक छात्रा के सवाल पर भड़क गई थीं.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
बिहार की IAS हरजोत कौर और लखनऊ की IAS रोशन जैकब, दोनों के व्यवहार में जमीन-आसमान का अंतर है
सैनिटरी पैड के सवाल पर बच्ची को उल्टा जवाब देने वाली बिहार की आईएएस हरजोत कौर भामरा (IAS Harjot kaur) और घायल बच्चे को देखकर आंसू बहाने वाली लखनऊ की आईएएस रोशन जैकब (IAS Roshan jacob)...दोनों महिलाएं हैं और दोनों अधिकारी हैं मगर दोनों के आचरण में जमीन-आसमान का अंतर है...
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
श्रीलंका के लिए 'संकटमोचक' राष्ट्रपति साबित हो सकते हैं यशवंत सिन्हा!
आर्थिक और राजनीतिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) से जूझ रहे श्रीलंका को अर्थशास्त्र और विदेश नीति में निपुण एक मजबूत चेहरे की जरूरत है. और, भारत सरकार चाहे तो यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को श्रीलंका का मानद राष्ट्रपति बनवाकर संकटग्रस्त देश की मदद की पेशकश कर सकती है. वैसे भी भारत के राष्ट्रपति चुनाव में सिन्हा के चांस नजर नहीं आ रहे.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
ससुराल में प्रताड़ना सही, तलाक के लिए लड़ी, और अब संघर्ष करके यह मां IAS बन गई
घरेलू हिंसा का शिकार हुईं शिवांगी गोयल ने महिलाओं से कहा है कि, ससुराल में अगर तुम्हारे साथ कुछ गलत हो रहा है तो चुप मत रहना. उसका विरोध करना. तुम कुछ भी कर सकती हो. तुम अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हो. तुम चाहो तो मेरी तरह IAS भी बन सकती हो. तुम्हारा भविष्य बेहतर होगा.