केजरीवाल, सिसोदिया के लिए भारत रत्न चाहते हैं, चाहते तो हम भी बहुत कुछ हैं मगर...
केजरीवाल, सिसोदिया के लिए भारत रत्न चाहते हैं. चाहते तो हम में से कई लोग हैं कि वो जी भर कर खाएं, तरह तरह का खाएं और दुबले और छरहरे बने रहें. लेकिन हमारे या किसी और के चाहने से होता ही क्या है. जो सच है वो बदला नहीं जा सकता.
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गुजरात पहुंचे केजरीवाल दुखी हैं. दुशमन न करे बीजेपी ने वो काम किया है. दारु और शिक्षा का हवाला देकर 'बेस्टी' सिसोदिया को बदनाम किया है. आज पता नहीं लोगों को लगे या न लगें, लेकिन जब 2011 में, अन्ना हजारे ने जन लोकपाल वाला फुस्स गुब्बारा देश की जनता को थमाया था. तब उस वक़्त भूख प्यास छोड़ धरने पर बैठे अरविंद केजरीवाल को देखकर ख्याल आया कि अरे यार! ये कितना मासूम है. और तो और ये तो बिल्कुल अपने जैसा है. आज भले ही हमारी स्थिति रोज कुआं खोदकर पानी पीने वाली हो. लेकिन इतना कन्फर्म है कि केजरीवाल हमारे जैसे बिलकुल नहीं हैं. केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संस्थापक हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और इसपर भी तुर्रा ये कि मनीष सिसोदिया के पक्के वाले दोस्त हैं. पक्के दोस्त इसलिए क्योंकि तमाम उपलब्धियां होने के बावजूद जिस तरह वो मनीष सिसोदिया को नोबेल दिलवा रहे हैं खुद ब खुद साफ़ हो जाता है कि केजरीवाल की सिर्फ शर्ट ही नहीं दिल भी बहुत बड़ा है. दरिया है. समुंदर है. चूंकि सिसोदिया पर एक के बाद एक मुसीबतें जोंक की तरह चिपक रही हैं. केजरीवाल किसी सुपर हीरो की तरह उन्हें बचाने के लिए फ्रंट फुट पर आ गए हैं.मनीष सिसोदिया को लेकर केजरीवाल ने कहा कि जिस शख्स ने दिल्ली के शिक्षा को सुधारने के लिए इतना काम किया, उसके यहां सीबीआई की छापेमारी हो रही है, जबकि उसे तो भारत रत्न मिलना चाहिए.
सिसोदिया को नोबेल दिए जाने की बात कहकर अरविंद केजरीवाल ने अपने बड़े दिल का परिचय दिया है
केजरीवाल का मानना है कि मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के स्कूलों को पूरी तरह से बदल दिया. ये ऐसा है जिसे कोई भी पार्टी 70 साल में भी नहीं कर पाई. ऐसे शख्स को तो भारत रत्न मिलना चाहिए. वहीं केजरीवाल ने इस बात पर भी बल दिया कि पूरे देश की शिक्षा की कमान मनीष सिसोदिया को सौंप देनी चाहिए. ताकि शिक्षा का सिस्टम बदल जाए और देश का भला हो. क्योंकि जो उन्होंने दिल्ली में किया उसे पूरी दुनिया देख रही है.
BJP को शर्म नहीं आती?जिस @msisodia को Bharat Ratna देना चाहिए,जिस व्यक्ति को पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था सौंप देनी चाहिए,PM को इन्हें बुलाकर शिक्षा मॉडल को समझना चाहिए उसपर CBI Raid कराते होसारा समाज इस Raid से नाराज़ है। इससे क्या देश का भला होगा?-श्री @ArvindKejriwal pic.twitter.com/4CZJUbRnSp
— AAP (@AamAadmiParty) August 22, 2022
Ovarall गुजरात में बैठकर दिल्ली के किस्से और उन किस्सों में शिक्षा के मद्देनजर चाचा चौधरी की भूमिका निभाने वाले मनीष सिसोदिया को लेकर जैसा रवैया केजरीवाल था. महसूस यही हुआ कि दिल्ली के मुख्यमंत्री लोगों को यही बताना चाह रहे थे कि अगर शिक्षा ब्लैक बोर्ड है, तो सिसोदिया चॉक हैं, डस्टर हैं.
He (Manish Sisodia) reformed govt schools which other parties could not do in 70 years. Such a person should get Bharat Ratna. The entire country's education system should be handed over to him, but instead, they conducted CBI raids on him: Delhi CM Arvind Kejriwal in Gujarat pic.twitter.com/jl3X6YnUUV
— ANI (@ANI) August 22, 2022
केजरीवाल के अनुसार, क्योंकि अब तक तो न्यू यॉर्क टाइम्स तक ने सिसोदिया का लोहा मान लिया है. इसलिए दुनिया सिसोदिया को अगर कोई चीज दे तो वो नोबेल से नीचे का कुछ न हो. केजरीवाल सिसोदिया के लिए भारत रत्न चाहते हैं. इस चाहत के बाद यहां हमारे मन में छुपीकई दबी कुचली चाहतें बाहर आ गई हैं. मेरे अलावा दुनिया में कई लोग होंगे जो चाहते होंगे कि वो मन भर खाएं। तरह तरह का खाएं और दुबले और छरहरे रहें।
ये भले ही रील में संभव हो. लेकिन तसल्ली के साथ आप खुद सोच के बताइये कि क्या रियल लाइफ में ऐसा संभव है? जवाब है नहीं।
बात बहुत सिंपल है. इच्छाओं का कोई अंत नहीं है. और यूं भी बड़े बुजुर्गों ने फ़रमाया है कि हमें इच्छाएं वो पालनी चाहिए जिनके पीछे लॉजिक हो. वरना जो होगा वो ग़लतफहमी ही होगी और ये ठीक वैसी ही होगी जो शिक्षा, सिसोदिया और नोबेल के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को है.
शिक्षा को लेकर केजरीवाल सिसोदिया की लाख तारीफ कर लें. मगर उन्हें इस बात को समझना होगा कि नोबेल गली मुहल्ले का कोई अवार्ड फंक्शन नहीं है. शिक्षा और स्कूलों के लिए जो सिसोदिया ने किया है, वो कोई एहसान नहीं था. शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना सिसोदिया और आम आदमी पार्टी दोनों का फर्ज था. इसी के लिए उन्हें जनता ने चुना था.
बहरहाल बात इच्छाओं की हुई है तो चाहे हम आप हों या फिर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अतरंगी इच्छाओं की पूर्ति का कीड़ा किसी को भी, किसी भी वक़्त काट सकता है. हां मगर हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि फ़ौरन ही इलाज हो ताकि न केवल हमें दर्द से राहत मिले बल्कि किसी और को इंफेक्शन न फैले.
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