3 राज्यों में वोटिंग के साथ फिर आया EVM की रुसवाई का दिन!
17वीं लोकसभा के आम चुनाव को बीते हुए करीब 6 महीने हो गए हैं. 6 महीने बाद फिर अब तीन राज्यों के विधानसभा और कुछ जगहों पर लोकसभा के उपचुनाव हो रहे हैं. फिर से EVM पर बातें हो रही हैं. आलोचना का दौर जारी है. यानी आज फिर EVM की रुसवाई का दिन है.
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11 अप्रैल से 19 मई 2019 ये वो अवधि थी जब देश में 17 वीं लोकसभा के चुनाव हुए थे. 23 मई को रिजल्ट आया था और मोदी 2.0 का आगाज़ हुआ था. कैलकुलेट करें तो ये सब हुए 6 महीने के करीब हो चुके हैं. तब जब परिणाम आए थे खूब हो हल्ला मचा था. विपक्ष और जो मोदी विरोधी थे उन्होंने कहा था बिक गई है गोरमिंट. धांधली हुई है. EVM में गड़बड़ झाला करके बड़ा घोटाला किया गया है. विपक्ष तो यहां तक कह रहा था कि उनके लोगों ने खुद की पार्टी को वोट डाला था मगर वोट ने दगाबाजी कर दी और भाजपा के पाले में जाकर बैठ गया. गजब मुसीबत है जब जब चुनाव होते हैं कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के बाद वो EVM ही है जिसकी सबसे ज्यादा आलोचना होती है. अब जबकि 6 महीने बाद महाराष्ट्र और हरियाणा की कुल 378 विधानसभा और कई जगहों पर लोकसभा के उपचुनाव हो रहे हैं. फिर EVM को अग्नि परीक्षा देनी होगी.
निर्दोष ईवीएम पर बेवजह के इल्जाम लगने का दौर तीन राज्यों में चुनाव के साथ फिर शुरू हो गया है
यानी आज फिर EVM की रुसवाई का दिन है. जैसे हाल हर चुनाव में EVM के होते हैं, ये कहना हमारे लिए कहीं से भी गलत नहीं ही कि हमने EVM को कभी मानवता की नजर से देखा ही नहीं. उस पर हमेशा वैसे ही आरोप लगे जैसे आरोप वो सास उस बहू पर लगाती है जो बेचारी दिन भर काम कर अपने को खटाती है मगर उसका काम किसी को दिखता ही नहीं.
2014 के बाद से EVM पर सैकड़ों जोक बने हैं. आज भी बन रहे हैं. लोग हंसी मजाक में या फिर विरोधी पार्टी को आहत करने के लिए EVM वाला जोक मार देते हैं. मगर हाय, ये लोगों की समझ, वो जोक समझ नहीं पाते और फिरतिल का ताड़ बन जाता है. बात जोक की चल रही है. ट्विटर पर कोई यूजर हैं @AadeshRawal उन्होंने विडियो पोस्ट किया है. विडियो में सरदार जी हैं. सरदार जी का नाम बक्शीश सिंह विर्क है. मिस्टर विर्क वर्तमान विधायक तथा भाजपा प्रत्याशी हैं हंसी मजाक में कुछ कह रहे हैं. मगर उनका कहा ट्विटर पर बड़ा मुद्दा बन गया है.
मनोहर लाल की नज़रें बहुत तेज़ हैं। कहीं भी डालो चाहे वोट, जाएगी फ़ुल पर ही। बटन चाहे कोई मर्ज़ी दबा लेना, जाएगा भाजपा को ही। हमने मशीन (EVM) में पुर्जा फ़िट कर रखा है- बख्शीश सिंह विर्क, वर्तमान विधायक तथा भाजपा प्रत्याशी, pic.twitter.com/hwYcTVSmlp
— Aadesh Rawal (@AadeshRawal) October 20, 2019
विर्क ने कहा है कि व्यक्ति बटन चाहे कोई भी दबा ले वोट भाजपा को ही जाएगा. आलोचक इसकी आलोचना करेंगे. मगर शायद वो इस बात पर गौर करना भूल गए कि अगर ऐसा होता तो विधायक जी बेफिक्र होते और रैली वैली छोड़कर नेट फ्लिक्स या अमेज़न प्राइम पर कोई बढ़िया सी वेब सिरीज का लुत्फ़ ले रहे होते.
लोगों की अक्ल पर पत्थर पड़ा है या कुछ और? क्या ही कहें. लोगों को समझना चाहिए कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइंस और टेक्नोलॉजी के इस दौर में कुछ भी हैक करना इतना आसान नहीं है. बाकी आरोप तो फिर बड़े बड़े महात्माओं, देवी देवताओं और पैगम्बरों पर लगे हैं फिर तो ये EVM है. इस कलयुग में इसपर लगना तो लाजमी है.
Dear modiji...please concentrate on our economy.....through EVM You became PM ...ab bahut ho chuka kuch kaam kar lijiye...sara wakt videsh aur campaigning mei hi nikalogey kya????..#मोदी_निघा
— Kiran (@kiransheetal) October 16, 2019
कह सकते हैं की लोगों को सिर्फ आलोचना से मतलब है. कितना अच्छा होता यदि वो आलोचना के वक़्त थोड़े से दिमाग का इस्तेमाल कर लेते उर ये सोचते कि यदि हर जगह भाजपा की सरकार है तो कहीं तो लोग पसंद कर रहे होंगे और जगह निकाल निकाल के पास कर रहे होंगे.
EVM = Every Vote For ModiEVM = Every Vote For Manohar
A blatant acceptance of EVM fraud.
This is how BJP is planning to win #HaryanaAssemblyPolls
What is our answer? @INCIndia @rssurjewala @Pawankhera @GauravVallabh_ @AkhileshPSingh @RahulGandhi pic.twitter.com/bVfKp3IjCY
— Bhavika Kapoor (@BhavikaKapoor5) October 17, 2019
खैर बात शुरू ही हुई है ईवीएम से. और ये भी बताया गया है कि बिना कुछ खाए पिए ही हर बार क्यों इसके गिलास तोड़े जाते हैं. बात वाकई सोचने वाली है. कोई जीते या हारे इसमें EVM का क्या दोष? इंसान को अपने किये कि सजा इसी दुनिया में मिलती है. चुनाव भी इसी सिद्धांत पर होते हैं. यदि पार्टियों ने अच्छा किया होता तो वोट उन्हें ही मिलते. EVM सिर्फ अपना काम करती है और पूरी ईमानदारी के साथ करती है. जो विपक्ष आज EVM पर भांति भांति के आरोप लगाकर उसे बदनाम कर रहा है उसे समझना चाहिए कि आज अगर उन्हें इस देश की जनता द्वारा खारिज करके भाजपा को मौका दिया जा रहा है तो एक बड़ा दोष उनकी खुदकी कार्यप्रणाली में है. आज ये लोग वही फसल काट रहे हैं जो कभी इन्होंने खुद अपने हाथों से बोई थी.
अंत में बस हम ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि अगर आज विपक्ष और भाजपा के आलोचक, भाजपा की जीत के लिए EVM को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं तो वो उस जनता का अपमान है जो अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अपने लिए प्रतिनिधि चुन रही है.
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