थोड़े जिद्दी हैं तो क्या हुआ! अय्यर अंकल को, राहुल को औरंगजेब नहीं कहना था
राजनीति में बयानों का आना जाना कोई नई बात नहीं है. ये रोज आते हैं, और रोज खारिज हो जाते हैं. मगर कुछ बयान ऐसे होते हैं जो चर्चा का विषय बन जाते हैं. मौजूदा वक़्त में मणिशंकर अय्यर के राहुल गांधी पर बयान का भी हाल कुछ ऐसा ही है.
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इंसान के जीवन का सबसे अच्छा क्षण उसका बचपन होता है. बात बचपन की हो और व्यक्ति अपने पिटने का जिक्र न करे तो कही गयी सारी बात का रस खत्म हो जाता है. व्यक्ति अपनी मां से पिटता है, पिता से डपटा जाता है, भाई या बहन से दो-चार हाथ खाता है. ये सारी प्रक्रिया घर के अन्दर होती है. घर के अन्दर हम बात-बेबात बेल्ट, पानी के पाइप, चप्पल, बेलन और कभी-कभी छड़ी से मार खाए हुए होते हैं. घर में हमारी भले ही कितनी दुर्दशा हुई हो. मगर घर के बाहर खुले में या फिर दूसरे शब्दों में कहें तो मजाल है हमारी अपार शरारतों के बावजूद पड़ोस वाले गुप्ता जी की मिसेज गुप्ता ने कभी हमें छुआ भर हो. या फिर कभी बबलू की मम्मी ने हमें घूरने की गलती की हो. इसकी वजह पर गौर करिए तो मिलता है कि भले ही हमारे अन्दर शरारत कूट-कूट के भरी थी, भले ही हम घर में उस कुटी हुई शरारत के लिए जी भर के कूटे गए लेकिन बाहर वालों के सामने हमेशा ही हमारे घर वालों ने हमें "राजा बेटा" "अच्छा बेटा" कहा और हमारी गलती के बावजूद उन बाहर वालों के रोष और आक्रोश से बचाया.
मणिशंकर अय्यर और राहुल के लिए ये घर की बात है अतः विपक्ष को बिल्कुल भी जज्बाती नहीं होना चाहिए
यही बात राजनीति में भी लागू होती है.पार्टी के लड़के भले ही काम पूरा न कर पा रहे हों, भले ही उनकी कार्यप्रणाली से सब नाखुश हों मगर सीनियर्स द्वारा सदैव ही जूनियर्स को बचाया जाता है. सीनियर, जूनियर को घर के अन्दर कुछ भी कह सकता है, मगर बात जब जूनियर की साख की आएगी तो इसमें कोई संदेह नहीं कि अपने बड़प्पन का परिचय देते हुए सीनियर द्वारा उसे पूरा सपोर्ट दिया जाएगा. कहा जा सकता है कि राजनीति में एक ही पार्टी का सीनियर कभी अपने जूनियर का बुरा नहीं चाहेगा. वो सदैव उसे बचाएगा और कभी उसका अहित नहीं चाहेगा. इस बात को समझने के लिए हम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर और राहुल गांधी का उदाहरण ले सकते है.
घर की बात को घर में करते हुए, मणिशंकर ने राहुल गांधी को औरंगजेब बताया है, मगर उनकी इस बात से भारत की पूरी सियासत में कोहराम बच गया है और तीनों कांग्रेस, मणिशंकर अय्यर और राहुल गांधी लोगों की आलोचना का केंद्र बन गए हैं. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. सोशल मीडिया पर एक निजी चैनल का विडियो वायरल हुआ है जिसमें मणिशंकर अय्यर कांग्रेस पार्टी के दफ्तर के बाहर हैं और पत्रकार द्वारा शहजाद पूनावाला द्वारा लगाए गए वंशवाद के आरोप पर सवाल पूछने पर कह रहे हैं कि. 'जब जहाँगीर की जगह शाहजहाँ आए तो कोई इलेक्शन हुआ? जब शाहजहाँ की जहां औरंगजेब आए तो कोई इलेक्शन हुआ? पहले से पता था जो बादशाह है उनकी औलाद ही राजा बनेगी इसलिए राहुल ही राजा बनेंगे.
#IndiaWithRahulGandhiManishankar did it again ...compares congress to Mughal ....this is what @narendramodi was talking about . No democracy in congress at all ... pic.twitter.com/UvJz5SX3Wu
— political reaction (@vashishthanp) December 4, 2017
बात घर की है. मणिशंकर, राहुल को औरंगजेब कहें या छत्रपति शिवाजी ने उनके और राहुल के बीच का मामला है. हमें इस पर भावुक और विपक्ष को इस पर जरा भी जज्बाती नहीं होना चाहिए और हंसते मुस्कुराते हुए इस बात को हवा में उड़ा देना चाहिए. बाक़ी अगर बात ज्यादा सीरियस हो गयी है तो फिर इसके लिए हमें और विपक्ष को नहीं, बल्कि राहुल गांधी को गंभीर होना चाहिए और उन कारणों को तलाशना चाहिए जिनके चलते घर के बड़े और रिश्ते से चाचा मणिशंकर ने उन्हें राजा तो कहा मगर एक से दौर में जब रोज नया इतिहास बन रहा है, तुलना औरंगजेब से कर दी.
ध्यान रहे इतिहास ने कभी औरंगजेब को नेक नहीं माना है और एक ऐसे बादशाह की संज्ञा दी जिसकी हठधर्मिता से उसके राज्य का प्रत्येक नागरिक परेशान था. बहरहाल अब जब मणिशंकर अय्यर ने राहुल को औरंगजेब कह दिया है तो हमें ये मान लेना चाहिए कि उनके जिद्दी स्वाभाव से न सिर्फ उनसे "मम्मी" "चाचा" "बुआ" "दीदी" "जीजाजी" परेशान हैं. बल्कि अगर वो पार्टी के अध्यक्ष बन गए तो इस ऐतिहासिक घटना से पूरा देश परेशान होगा.
बहरहाल इस बयान पर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर लोगों का अपना मत है और वो दिल खोल के अपने खास अंदाज में अपनी बात रख रहे हैं.
As I already did it month's ago. .New emperor of Mughal pic.twitter.com/9CxTz0lH2c
— Supreme_Kart????️???? (@Dev_Vaidhya) December 4, 2017
From Jehangir, ShahJahan, Aurangzeb, Nehru to Pappu Badshah, the same rotten story. Crown belongs to one family. One fake Mughal family. #ModiWaveInGujarat pic.twitter.com/8dO1XnQBrY
— Hitesh Bansal (@ihiteshbansal) December 4, 2017
Comparing @OfficeOfRG 's elevation to Congress President with Mughal dynasty is wrong. Mughals had their share of struggles to power. Like Aurangzeb fought wars and killed his 3 brothers, captured his father before becoming the king. Rahul Ji to... pic.twitter.com/SdYbkIDXnL
— The Skin Doctor ???? (@theskindoctor13) December 4, 2017
Delhi‘s Mughal Sultanate
Then vs Now ! pic.twitter.com/8gjTA9CSsB
— Chintan Shah (@chintan20) December 4, 2017
Coronation of a true successor to Aurangzeb. The Mughal Dynasty continues... #MSAiyerConfessions#ModiWaveInGujarat pic.twitter.com/1M89CMLGhb
— Sriram (@srirambjp) December 4, 2017
Mughal Aurangzeb Raj in Congress #RahulMughalEmperor pic.twitter.com/n4hwc4vEa3#ModiWaveInGujarat
— Pradeep Patel (@Patels4BJP) December 4, 2017
Ladies & Gentleman..Presenting you "The Last Mughal".. Rahul shah duffer..???????????????? pic.twitter.com/1ZAcTmuRMs
— Anupama mathur (@anupamamathur1) December 4, 2017
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