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Updated: 16 जनवरी, 2020 09:15 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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गर जो कोई पूछे जनवरी की इस माइल्ड वाली सर्दी में दिल्ली में सबसे हैपनिंग जगह कौन सी है? मेरे मुंह से खुद ब खुद निकल जाता है शाहीनबाग (CAA protest in Shaheen Bagh). दिल्ली में, दिल्ली मेट्रो लोकल ट्रांसपोर्ट का सबसे अच्छा मोड है. एक दो जगह चेज करना पड़ेगा आदमी बड़ी ही आसानी के साथ शाहीनबाग पहुंच जाएगा. शाहीनबाग पहुंचो तो दिलचस्प नजारा रहता है. अब तक शाहीनबाग के प्रदर्शन में औरतों और बच्चों के अलावा कबाब, टिक्की, अंडा रोल, समोसों, कचौरी, गोल गप्पे, चिकन सूप, पान, गुटखा, बीड़ी सिगरेट, पानी की बोतल बेचने वाले सब थे. मगर फिर भी न जाने क्यों ये आंदोलन अधूरा लग रहा था. एक कमी थी जो महसूस हो रही थी. लेकिन आज ये कमी उस वक़्त पूरी हुई जब मणि शंकर अय्यर आए (Mani Shankar Aiyar Supporting CAA protestors in Shaheenbagh). मणिशंकर को शाहीनबाग (Mani shankar Aiyar in Shaheenbagh) के उस मंच पर खड़ा देखकर लगा अब बागों में बहार आ गई है. अब अगर पुलिस (Delhi Police) इस धरने को हटा भी दे तो क्या गम है.

मणिशंकर अय्यर, नागरिकता कानून, विरोध, शाहीनबाग, Mani Shankar Aiyar शाहीनबाग के धरने में पहुंच कर कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने धरने और मोदी विरोध को कम्प्लीट कर दिया

मतलब खुद सोचिये एक ऐसे वक़्त में जब CAA विरोध के नाम पर भाजपा,अमित शाह और नरेंद्र मोदी की आलोचना की जा रही हो, विरोध प्रदर्शन हो रहा हो, लोग सड़कों पर हों और मणि शंकर अय्यर गायब रहें तो मामला कितना अधूरा लगता है. अच्छा चूंकि मणि शंकर अय्यर अभी तक सामने नहीं आए थे लोग बेचैन थे. एक दूसरे से सवाल कर रहे थे. चर्चा तो यहां तक थी कि शायद ठण्ड है इसलिए भी मणिशंकर अय्यर ने अपने को इतने बड़े 'मोदी विरोधी' इवेंट से दूर रखा है.

लोगों को जवाब मिल गया है. मौसम नार्मल होने और दिल्ली में पारा 15 डिग्री पर वापस लौटने के बाद मोदी विरोधी ये सूरज चमका है. प्रदर्शनकारियों के समर्थन में शाहीनबाग पहुंचे मणिशंकर अय्यर ने वही किया जो उम्मीद उनसे की जा रही थी. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रही महिलाओं का समर्थन करने के लिए दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) पहुंचे अय्यर ने सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी को 'हत्यारा' तक कह दिया है.

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए अय्यर ने कहा है कि, 'मैं उन बलिदानों के लिए तैयार हूं, जो हमसे मांगे जा जा रहे हैं. हम देखेंगे कि किसका हाथ मजबूत हैं. हमारा या क़ातिल (हत्यारे) का.' उन्होंने कहा कि भाजपा 'सबका साथ, सबका विकास' के नारे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन वह 'सबका साथ, सबका विनाश' करने पर तुली हुई है.

साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि,'सरकार वास्तविक मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए CAA और NRC को लेकर आई है, क्योंकि वह अर्थव्यवस्था की हालत को सुधारने में विफल रही है. लेकिन शाहीन बाग की साहसी महिलाओं ने उन्हें बताया है कि वे अब लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकती हैं.'

अय्यर इतने पर ही रुक जाते तो भी ठीक था/ दिलचस्प वो है जो उन्होंने इसके बाद कहा. अय्यर ने महिलाओं की तारीफ करते हुए कहा कि शाहीनबाग की ये महिलाएं बिना किसी राजनीतिक दल का समर्थन लिए हुए पिछले तीस दिनों से घर और चूल्हा छोड़कर प्रदर्शन कर रही हैं और उन्हें आगे किसी के झांसे में नहीं आना चाहिए. (हमें अय्यर की इस बात पर गौर इसलिए भी करना चाहिए क्योंकि अय्यर खुद वहां टिक्की, गोलगप्पे और कबाब रोल खाने नहीं आए थे. उनका अपना एजेंडा है. उनकी अपनी पॉलिटिक्स है).

अब क्योंकि अय्यर शाहीनबाग के धरने में अपने मन की बात कहकर वापस अपने घर जा चुके हैं. तो ये कहना हमारे लिए कहीं से भी अतिश्योक्ति नहीं है कि ब्लंडर तो हो गया है. मतलब सच में ये आदमी कांग्रेस और पार्टी के सर्वेसर्वा राहुल गांधी के लिए 'शनि' से कम नहीं है. पार्टी मेहनत करती है और ये सारी मेहनत को चौपट कर चले जाते हैं.

सवाल होगा कैसे तो बता दें कि जिस तरह इस बार इन्होंने भाजपा के लिए 'हत्यारे' वाली बात कही है वो इसलिए भी पार्टी को टेंशन दे सकती है क्योंकि दिल्ली में चुनाव हैं. इतिहास गवाह है जब जब चुनाव से पहले अय्यर ने मुंह खोला है कांग्रेस और राहुल गांधी कहीं मुंह दिखाने काबिल नहीं बचे हैं.

बात सीधी और साफ़ है दिल्ली में अपना खोया हुआ जनाधार वापस हासिल करने वाली कांग्रेस ने बड़ी मुश्किल से CAA को एक बड़ा मुद्दा बनाया था. अभी वो उसे ढंग से काश कर पाती उससे पहले ही जिस तरह अय्यर शाहीनबाग आए और अनाप शनाप कहा अवश्य ही वो लोग प्रभावित होंगे जो अपने को 'लिबरल' की श्रेणी में रखते हैं मोदी से नफ़रत करते हैं मगर भाजपा को पसंद करते हैं.

बहरहाल जो होना होगा वो हमें वक़्त बता ही देगा. हमें इंतजार अय्यर का था. वो आ गए. उनके आने से शाहीनबाग का ये धरना पूरा हुआ. अब अगर पुलिस धरना हटा भी ले तो कोई नाराजगी कोई मलाल नहीं रहेगा. हमने और पूरे देश ने वो देख सुन लिया है जिसे देखना और सुनना हम चाहते थे. मंच पर अय्यर ने चटपटी बातें की और वो जायका दिया जो शायद हमें टिक्की, कबाब रोल या गोल गप्पों से न मिल पाता.

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बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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