पटाखा बैन पर सद्गुरु की बातें 'फुलझड़ी' है, तो कंगना का विरोध 'बम'!
पटाखा बैन का समर्थन करने वालों परस्पिरिचुअल गुरु जग्गी वासुदेव जिन्हें दुनिया सद्गुरु के नाम से जानती है, भी सख्त हैं. साथ ही एक्टर कंगना रनौत ने भी इन एक दिवसीय पर्यावरणविदों को निशाने पर लिया है.
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फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, टेलीग्राम वाले सोशल मीडिया के इस दौर में इंटीलेक्चुअल बनने के तमाम तरीके हैं और सबसे आसान तरीका है किसी चीज का विरोध करना खासकर त्योहारों का. होली आई पानी बचाओ. व्रत आया तो स्वास्थय से जुड़ी बातें. बकरीद आई तो बकरों की फिक्र लग गयी इसी तरह दीवाली के मौके पर पर्यावरण की चिंता प्रदूषण की बातें. मतलब त्योहार कुछ भी हो? कैसा भी हो इन्हें विरोध के स्वर बुलंद करने हैं तो बस करने हैं. इन इंटीलेक्चुअल्स को मतलब त्योहार और उसकी खुशियों से नहीं है. मुद्दा एजेंडा है. किसी भी सूरत में इन्हें अपना एजेंडा पूरा करना है. दीवाली का टाइम चल रहा है ऐसे में क्या फेसबुक क्या ट्विटर किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का रुख कर लीजिए दिख जाएंगे ऐसे लोग जो मुखर होकर पर्यावरण बचाने की बात और पटाखा बैन की वकालत कर रहे हैं.
बात बिल्कुल सही है बकरों, पानी से लेकर पर्यावरण की चिंता देश के प्रत्येक नागरिक को होनी चाहिए. लेकिन साथ ही साथ हमें ये भी ध्यान देना होगा कि ये चिंता एकदिवसीय न होकर साल के 364 दिन रहे. कभी ध्यान दीजियेगा इन एक दिवसीय पर्यावरणविदों पर साल के 364 दिन जिस तरह की इनकी जीवनशैली रहती है यकीनन पर्यावरण भी इन्हें कोसता होगा इनके दोगलेपन पर हंसता होगा.
दिवाली पर पटाखा विरोधियों को सबसे सही जवाब आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव और एक्टर कंगना रनौत ने दिया है
ऐसा नहीं है कि इनकी हर बात पर वाह दद्दा या सहमत दीदी ही होता होगा. अपने एक दिवसीय पर्यावरण प्रेम के कारण ये इंटीलेक्चुअल्स आलोचना का शिकार होते हैं. एक से एक खरी खोटी बातें सुनते हैं लेकिन चूंकि इनकी आदत में वन डे अपोज है ये ढीठ बने रहते हैं और हर साल इनका नाटक वही घिसी पिटी बातें होती हैं जिससे दूसरों को भले ही कष्ट हो लेकिन इनकी आत्मा को भीषण शांति मिलती है.
ऐसे लोगों पर हमारी आप की तरह स्पिरिचुअल गुरु जग्गी वासुदेव जिन्हें दुनिया सद्गुरु के नाम से जानती है भी सख्त हैं और साथ ही एक्टर कंगना रनौत ने भी इन एक दिवसीय पर्यावरण विदों को निशाने पर लिया है. पटाखा बैन और पर्यावरण बचाओ वाले इस मामले जो बात सबसे दिलचस्प है वो ये कि पटाखा बैन पर सद्गुरु की बातें 'फुलझड़ी' है, तो कंगना का विरोध 'बम.'
अरे हैरत में क्या ही पड़ना. व्यक्ति जिस स्वभाव का होता है प्रायः उसकी बातें भी वैसी ही होती हैं. सद्गुरु मीठा बोलने वाले व्यक्ति है इसलिए उन्होंने बड़े ही प्यार भरे अंदाज में पटाखे पर बैन की वकालत करने वाले लोगों पर अपने ज्ञान की छींटे मारी हैं.
दरअसल सद्गुरु ने लोगों को दीवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि अंधेरे में धकेल सकने वाले संकट के समय आनंद, प्रेम और चेतना का प्रकाश महत्वपूर्ण है.इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि इस दीवाली अपनी मानवता को पूरी तरह से रौशन करें. सभी को प्यार एवं शुभकामनाएं. जैसा कि हम बता चुके हैं बात दीवाली पर पटाखा बैन पर हुई है जिसपर जग्गी वासुदेव ने कहा है कि दीवाली पर आतिशबाजी पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए.
अपनी बात को वजन देने के लिए सद्गुरु ने तर्क दिया है कि वायु प्रदूषण की चिंता कोई ऐसा कारण नहीं है, जिसकी वजह से बच्चों को पटाखे जलाने की खुशी से वंचित रखा जाए. उन्हें आतिशबाजी का आनंद लेने दें.
Concern about air pollution is not a reason to prevent kids from experiencing the joy of firecrackers. As your sacrifice for them, walk to your office for 3 days. Let them have the fun of bursting crackers. -Sg #Diwali #DontBanCrackers pic.twitter.com/isrSZCQAec
— Sadhguru (@SadhguruJV) November 3, 2021
सद्गुरु का अंदाज देखें तो उन्हें जो कहना था बड़े ही प्यार के साथ उन्होंने कहा लेकिन क्योंकि लातों के भूत बातों से कम ही मानते हैं इसलिए बॉलीवुड एक्टर कंगना रनौत ने भी मोर्चा संभाला है.
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कंगना ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में जग्गी वासुदेव का एक वीडियो शेयर किया है जिसमें सदगुरु बचपन में पटाखे जलाने की अपनी यादें साझा कर रहे हैं. कंगना ने दिवाली पर पटाखों पर बैन लगाने का समर्थन करने वालों पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि ऐसे लोगों पटाखों के असर को कम करने के लिए 3 दिन कार का इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए.
कंगना ने लिखा है कि, 'दिवाली के सभी पर्यावरण कार्यकर्ताओं को सही जवाब, 3 दिन अपनी कार छोड़ पैदल ऑफिस जाएं.' इसके आगे कंगना ने सदगुरू की तारीफ करते हुए लिखा, 'यही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने लाखों पेड़ लगाकर दुनिया में हरियाली बढ़ाने का वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया है.' अच्छा हां कंगना पटाखा बैन की वकालत करने वालों पर यूं ही नहीं खफा हैं. कंगना की ये प्रतिक्रिया अनिल कपूर की बेटी रिया कपूर की उस पोस्ट के तुरंत बाद आया है जिसमें उन्होंने लोगों से दिवाली पर पटाखे नहीं जलाने की अपील की थी.
दिवाली पर रिया कपूर का वो पोस्ट जिसने विवाद को जन्म दे दिया है
जैसा कि हम पहले ही इस बात को बता चुके हैं कि को ढीठ होते हैं उनपर न तो जग्गी वासुदेव की फुलझड़ी का असर होता है और न ही कंगना के बम का. चंद लाइक, शेयर, कमेंट्स के लिए इन्होंने पहले भी सीमाएं पार की थीं ये आगे भी करेंगे.
आप इन्हें कुछ भी कहिये सोशल मीडिया पर दद्दा और दीदी बनने की होड़ ही कुछ ऐसी है कि इनके कान पर जूं नहीं रेंगने वाली. अंत में हम बस ये कहेंगे कि त्योहार मनाइये. मनाते रहिए इंटीलेक्चुअल्स बकेंगे. ईश्वर ने हमें दो कान दिए हैं इनकी बातों को एक कान से सुनिए. दूसरे से तत्काल प्रभाव में निकाल दीजिये.
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