होनहार छात्र शादियों में कर रहे पार्ट-टाइम केटरिंग, ऐसे ही तो श्रम को इज्जत मिलेगी
शादी में केटरिंग करते कुछ छात्रों की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हैं. ध्यान रहे ये छात्र अच्छे घरों के हैं और खूब पढ़े लिखे भी हैं. छात्रों का शादियों और बारातों में बेझिझक पार्ट टाइम केटरिंग करना इस बात की तस्दीख कर देता है कि यही वो तरीका है जिससे श्रम को इज्जत और उचित सम्मान मिलेगा.
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सोशल मीडिया पर अगर राइट विंग्स की भरमार है, तो वहीं लेफ्ट की तरफ झुकाव रखने वाले बुद्धिजीवियों की भी कोई कमी नहीं है. इस वर्ग का मानना है कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए हटने के बाद आम कश्मीरियों को पूर्व में मिली विशेष सुविधाएं लगभग खत्म हो गई हैं. वो सरकार से नाराज हैं और यही वो कारण है कि वो बगावत पर उतरे हैं. ऐसे लोग प्रायः अलगाववादियों को रहम की निगाह से देखते हैं और इनका यही मानना है कि यदि आम कश्मीरी आवाम ने बंदूक उठाई है तो इसकी वजह सरकार है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या बंदूक ही समस्या का समाधान है? जवाब उन कश्मीरी छात्रों ने दे दिया है जो केटरिंग सर्विसेज में पार्ट टाइम नौकरी कर रहे हैं और जिनकी तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हैं. ध्यान रहे ये छात्र अच्छे घरों के हैं और खूब पढ़े लिखे भी हैं. छात्रों का शादियों और बारातों में बेझिझक पार्ट टाइम केटरिंग करना इस बात की तस्दीख कर देता है कि यही वो तरीका है जिससे श्रम को इज्जत और उचित सम्मान मिलेगा.
आईएएस आबिद शाह के साथ वो स्टूडेंट्स जो शादियों में बतौर केटर काम कर रहे हैं
इंटरनेट पर वायरल हो रहीं और तमाम तरह की प्रतिक्रिया बटोर रही ये तस्वीरें जम्मू और कश्मीर सरकार में इकोनॉमिक रिकंस्ट्रक्शन एजेंसी में बतौर सीईओ कार्यरत आईएएस सैय्यद आबिद रशीद शाह ने डाली हैं. कश्मीरी छात्रों की इन तस्वीरों के जरिये आबिद ने ये बताने का प्रयास किया है कि अपने फ्यूचर के लिए किसी आम भारतीय छात्र की तरह कश्मीर के ये छात्र भी फ़िक्रमंद हैं और ईमानदारी से मेहनत कर कामयाबी हासिल कर रहे हैं.
अपने पोस्ट में आबिद ने इन छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है. जिक्र क्योंकि आईएएस सैय्यद आबिद रशीद शाह द्वारा पोस्ट की गई तस्वीरों का हुआ है तो बताते चलें कि शादियों में पार्ट टाइम केटरिंग कर रहे इन छात्रों की तस्वीरों को डालते हुए आबिद ने लिखा है कि, आज एक विवाह समारोह में मैंने इन होनहार नौजवानों को केटरिंग करते देखा.
पता चला कि वे सभी श्रीनगर कॉलेज के अंतिम वर्ष के छात्र हैं, जो इवेंट मैनेजमेंट में पार्ट टाइम कमाते हैं. इन लड़कों से मिलकर बहुत खुशी हुई ये अपने सपने साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
In a marriage ceremony today,I saw these bright youngsters doing the catering. Found out they are all final year students of a Srinagar college,who earn part time in event management. So glad I met these boys with great aspirations in life & working hard for their dreams#Respect pic.twitter.com/ZsGuY5UqCQ
— Syed Abid Rasheed Shah (@SyedAbidShah) November 2, 2021
शादियों में केटरिंग कर रहे कश्मीरी छात्रों की ये तस्वीरें उन तमाम लोगों के लिए सबक है. जिनकी आंखों में सपनें तो हैं लेकिन जो मेहनत करने से घबराते हैं और हर दूसरी चीज में शार्ट कट की तलाश करते हैं. इन छात्रों ने सिर्फ कश्मीर के लोगों को नहीं बल्कि पूरे देश को बताया है कि कोई भी बड़ा या छोटा नहीं होता बस व्यक्ति में उसे करने का सलीका और जुझारूपन होना चाहिए.
जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं इन तस्वीरों पर प्रतिक्रियाओं की भरमार है और जिसकी जैसी सोच है व्यक्ति उस सोच को ध्यान में रखकर इन तस्वीरों पर रियेक्ट कर रहा है.
A social stigma of part time work should be stopped, Family should appreciate and support the kids for earning from part time basis from the early age, this will boost their morale and support them to get stand up on their own feet, this exposure will benefit them in a long run
— Saqib Mohammad Mattoo (@Saqib_Mattoo) November 3, 2021
लोगों का मानना है कि कश्मीर में कई जगहों पर छात्रों को शादियों में केटरिंग करते देखा गया है. छात्रों का अपने करियर के प्रति ये रुख इस बात की तस्दीख कर देता है कि अब लोगों का माइंड सेट बदल गया है.
Noticed catering being done by students at many places. They are being appreciated. Change in mindset and dignity in labour is important. These kids will do well in future Inshallah.
— Mufti Islah (@islahmufti) November 2, 2021
वहीं एक अन्य ट्वीट में आबिद ने ये भी लिखा है कि बहुत ही सराहनीय है कि ये युवा लड़के रूढ़िवादिता को तोड़ें और रूबिकॉन को पार करें. मैंने उनसे बात की और महसूस किया कि उनका स्वभाव बहुत अच्छा है. उनका भविष्य बहुत अच्छा होगा इंशाअल्लाह
Absolutely appreciable that these young boys should break stereotypes and cross the rubicon. I spoke to them and realised that they have a great temperament. They will have a great future inshallah ??
— Syed Abid Rasheed Shah (@SyedAbidShah) November 2, 2021
ट्विटर पर कई यूजर्स ऐसे भी थे जिनका कहना है कि ये कोई अच्छा सुझाव नहीं है. छात्रों को अपनी लिखाई पढ़ाई पर फोकस करने की जरूरत है. अभी कमाने का समय नहीं है.
Not a good suggestion, they need to concentrate on studies not earninings....
— Amun (@amun_kmr) November 3, 2021
अब चूंकि देश में हर दूसरी चीज में एजेंडा चल रहा है इसलिए लोगों ने आबिद की इस पोस्ट पर भी एजेंडा तलाश कर लिया है और जो उन्हें सही लग रहा है उस अंदाज में अपनी बात कह रहे हैं.
Everywhere in the world it’s normal and almost 90% students work in part time jobs why is it such a big thing in Kashmir? Reason isn’t stereotype but non availability of part time jobs that comes from cafes, restaurants, supermarkets etc & we have least number of them in Kashmir
— Resistance (@kas10121) November 3, 2021
बहरहाल, अब जबकि तस्वीरें वायरल हैं तो हम भी बस इतना ही कहेंगे कि कश्मीरी छात्रों के इस रवैये पर मीन मेख निकालने से बेहतर है हम इन तस्वीरों से प्रेरणा लें और इस बात को समझें कि यही छात्र होंगे जो कल की तारीख में न केवल श्रम को उचित सम्मान देंगे बल्कि इन्हें इस बात का भी एहसास रहेगा कि व्यक्ति किस मेहनत से पैसा कमाता है.
ट्विटर पर तमाम लोग ऐसे हैं जो इन छात्रों की 'कश्मीरियत' को मुद्दा बना रहे हैं तो जाते जाते हम इतना जरूर कहना चाहेंगे कि होने को तो इन छात्रों के हाथ में बंदूक भी हो सकती थी लेकिन धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए ख़त्म होने के बाद घाटी के छात्र भी इस बात को बखूबी समझ गए हैं कि बंदूक भले ही क्षणिक हीरो बना दे लेकिन समाज उसी को याद रखता है जिसने मेहनत कर सफलता अर्जित की हुई होती है.
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