व्यंग्य : देश भर में पड़े हैं एक से बढ़कर एक कटप्पा
गुजरात में तो एक ऐसे शख्स का पता चला है कि जिसका न तो नाम कटप्पा है और न ही उसने कटप्पा जैसा कोई रोल किया है. इस शख्स के बारे में बताया जाता है कि देश भर में जहां कहीं भी कोई कटप्पा के रोल में नजर आता है ये उसे अपने गैंग में भर्ती कर लेता है.
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कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा? राज खुल जाने के बाद ये सवाल खत्म जरूर हो गया, लेकिन लगता नहीं ये किरदार कभी अप्रासंगिक हो पाएगा. देश का कोई भी कोना हो उपजाऊ जमीन देख कर ये कहीं भी अवतार ले लेता है. अगर ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता तो आत्मा बन कर किसी के भी शरीर में प्रवेश कर जाता है. कटप्पा की हालिया मौजूदगी बिहार में बतायी जा रही है. दिलचस्प बात ये है कि उसकी हरकत बिहार से इस्लामाबाद तक महसूस की जा रही है, जहां एक से ज्यादा कटप्पा बताये जा रहे हैं. आईचौक ने जब अपने सूत्रों को एक्टिवेट किया तो मालूम हुआ कि देश के कई हिस्सों में कटप्पा के सिग्नल मिलने लगे. इनमें से कुछ तो बड़े मजबूत रहे जबकि कई काफी कमजोर पाये गये.
बिहार के कटप्पा
सोशल मीडिया पर इन दिनों कटप्पा का नाम नीतीश बताया जा रहा है. वैसे असल जिंदगी में भी यादव और उनका पूरा परिवार घूम घूम कर नीतीश को धोखेबाज बता रहा है. लोग भले ही लालू को बाहुबली के रूप में देख रहे हों, लालू तो खुद को शिव और नीतीश को भस्मासुर बता रहे हैं. उनकी पत्नी राबड़ी ने तो कटप्पा पर इतना लंबा लेक्चर दिया है कि मुख्यमंत्री रहते शायद ही किसी ने उन्हें सुना हो. तेज बांसुरी पर राग कटप्पा बजाने लगे हैं तो तेजस्वी जब भी कविता पढ़ते हैं लगता है कटप्पा की कहानी तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही.
नीतीश ने तो कुर्सी की कसम खाने के बाद ऐलान-ए-जंग भी कर दिया है - आने तो मौका, बताते हैं...
कटप्पा और उसके आका की साजिश...
वैसे बाहुबली के पहले सीजन में कटप्पा के रोल में मांझी नामक शख्स बताया गया है. मजे की बात ये है कि उस सीजन में बाहुबली की भूमिका में खुद नीतीश ही थे. ये बात उन दिनों की है जब सांसारिक उलझनों से ऊब कर नीतीश ने एक दिन सीजनल संन्यास का फैसला किया. फिर पूरा राजपाट उन्होंने मांझी को सौंप कर जंगल की ओर निकल पड़े. जाते वक्त मांझी से उन्होंने टिफिन में सुबह शाम च्यूड़ा दही और चने का सत्तू भिजवाने का हुक्म दिया. राजगद्दी पर बैठे मांझी को संन्यासी बन चुके नीतीश की बात बहुत बुरी लगी. नीतीश कुछ दिनों तक जंगल में भटकते रहे, लेकिन जब भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो लौटकर उन्होंने हाल जानना चाहा.
नीतीश की हैरानी का ठिकाना न रहा जब लौटने पर उन्होंने देखा कि मांझी सिंहासन पर पैर उठाकर बैठे हुए हैं और जल्दी जल्दी खाना खाये जा रहे हैं. गुस्से में नीतीश ने बांह पकड़ कर सिंहासन से धक्का देने की कोशिश की. इस पर मांझी ने इतना जोरदार धक्का दिया कि बहुत दूर जाकर गिरे. पूछताछ में मांझी की ताकत का भी राजफाश हुआ - दिन में दही च्यूड़ा, रात में सत्तू और सुबह रोस्टेड मूस और बासी पानी.
दक्षिण के कटप्पा
दक्षिण भारत में पनीरसेल्वम को कटप्पा के नाम से काफी दिनों तक जाना जाता रहा. बाहुबली के पहले सीजन में पनीरसेल्वम कभी भी मांझी के रोल से प्रभावित नहीं देखे गये, लेकिन दूसरा सीजन आते आते उन्होंने उन्हें हमेशा के लिए अपना गुरु मान लिया. दक्षिण के कटप्पा ने बाहुबली को ऐसा धक्का मारा कि उन्हें सलाखों के पीछे छुप कर लंबे वक्त तक इलाज कराना पड़ा.
यूपी के कटप्पा
उत्तर प्रदेश में वहां के शाही यादव वंश में कटप्पा का बरसों पहले जन्म हुआ था. ताउम्र वो बाहुबली की सेवा करता रहा. आखिरकार बुढ़ापे में जब बाहुबली ने बेटे को गद्दी सौंपनी चाही तो कटप्पा हत्थे से उखड़ गया. फिर बाहुबली ने जैसे तैसे मना लिया. पांच साल बाद जब सूबे में समर वेकेशन की घोषणा हुई तो कटप्पा ने मौका देखकर एक के बाद एक कई साजिशें रच डालीं. नतीजा ये हुआ कि भतीजे को तो उसने सत्ता से बेदखल किया ही, खुद भी कहीं का नहीं रहा क्योंकि हमला करके दूसरे वंश के लोगों ने किले पर कब्जा जमा लिया. पुराने अभिलेखों में शिवपाल के रूप में कटप्पा का उल्लेख मिलता है.
उत्तराखंड के कटप्पा
कभी उत्तराखंड के बाहुबली रहे बहुगुणा बहादुर को विरोधियों ने राजगद्दी से बेदखल कर दिया तो उन्होंने कटप्पा की राह चलने का फैसला किया. पिछले युग में बहुगुणा बहादुर ने बाहुबली को कई तरीके से परास्त करने की कोशिश की, लेकिन जब भी पंचायत लगती उसे तड़ीपार कर दिया जाता. बाद में पाला बदल कर उसने विरोधी गुटों से समझौता कर लिया. बहुगुणा बहादुर ने बाहुलबली को तो शिकस्त दे दी लेकिन गद्दी तो तब भी नहीं मिली.
पंजाब दा कटप्पा
पंजाब में आतंकवाद के खात्मे के बाद लंबे समय तक सब यूं ही चलता रहा. फिर एक दौर ऐसा आया जब कटप्पा ने बादल परिवार में जन्म लिया. असल में वो अपने चचेरे भाई को हटाकर खुद छोटा राजा बनने की कई बार कोशिश की. तब के बाहुबली और उसके चाचा उसकी सारी शैतानियों पर पानी फेर देते. गुस्से में वो अपनी भाभी को भी खूब भला बुरा कहा करता. कालांतर में उसने राजा के विरोधियों से हाथ मिला लिया और नये हुक्मरानों ने उसे बठिंडा तैनात कर दिया.
असम के कटप्पा
असम के बारे में मालूम करने पर समझ आया कि वहां एक शख्स को मजबूरी में कटप्पा का रोल करना पड़ा. उसे जानने वाले बहुत सारे लोगों का कहना है कि वो बहुत ही इमानदार, मेहनती और निष्ठावान रहा. एक दिन की बात है जब वो बाहुबली के पास अपनी मुश्किलें शेयर करने और मदद की आस में पहुंचा तो पता चला वो अपने कुत्तों से खेलने में मशगूल थे. बहुत इंतजार के बाद भी जब सुनवाई की कोई उम्मीद नहीं रही तो कटप्पा बन गया.
गुजरात के कटप्पा
गुजरात में तो एक ऐसे शख्स का पता चला है कि जिसका न तो नाम कटप्पा है और न ही उसने कटप्पा जैसा कोई रोल किया है. इस शख्स के बारे में बताया जाता है कि देश भर में जहां कहीं भी कोई कटप्पा के रोल में नजर आता है ये उसे अपने गैंग में भर्ती कर लेता है. कटप्पा गैंग का ये मुखिया खुद तो सफेदपोश बताया जाता है लेकिन उसके गिरोह के सभी सदस्य ग्रे-शेड में बताये जाते हैं.
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