पढ़ाई के लिए 12 नौकरों पर 28 लाख का खर्च करने वाली ये भारतीय छात्रा कौन है!
स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट एंड्रयूज में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट जिस सुख सुविधा में पढ़ाई कर रही है अगर उसका एक डेढ़ प्रतिशत हमको मिल जाता तो हम लोगों की भी बेरंग जिंदगी कलरफुल हो जाती.
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इंटरनेट पर ऐसी तमाम चीजें हैं जिसे पढ़ने पर आदमी भाव विभोर हो जाता है. सात समुंदर पार स्थित यूनाइटेड किंगडम से एक ऐसी खबर आ रही है जिसे पढ़ने के बाद मुझे जैसे मिडिल क्लास आदमी का शुगर, बीपी, कॉलेस्ट्रोल सब बढ़ गया है. शरीर में इतनी तेज सनसनी हो रही है कि सारे के सारे रौंगटे खड़े हो गए हैं. खबर के अनुसार, यूके में रहकर पढ़ाई कर रही एक लड़की को पढ़ने लिखने में दिक्कत न हो, इसके लिए उसके पिता ने उसके लिए 12 नौकरों की फौज खड़ी की है. इस पूरे मामले में सबसे मजे की बात ये है कि लड़की इंडियन है और उसे सबसे अमीर स्टूडेंट घोषित किया गया है. खबर में इस बात का भी जिक्र है कि अपनी बेटी के लिए अरबपति पिता ने एक मेंशन भी खरीदा है.
जब किसी के पास इतना पैसा हो तो यूनिवर्सिटी क्या कोई भी लड़की को सबसे अमीर घोषित कर देता
खबर अंग्रेजों के बीच बेहद लोकप्रिय द सन के हवाले से है. वेबसाइट के अनुसार एक अरबपति भारतीय ने यूनिवर्सिटी में पढ़ने जा रही अपनी बेटी के लिए 12 नौकर रखे हैं. जी हां बिल्कुल सही सुना आपने पैसे वाले पिता ने स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट एंड्रयूज में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट के लिए एक बड़ा बंगला खरीदकर दिया गया है. इस बंगले में लड़की के लिए एक हाउस मैनेजर, तीन हाउसकीपर, एक गार्डरन, एक लेडीज मेड, एक बटलर, तीन फुटमैन, एक प्राइवेट शेफ और एक शॉफर नियुक्त किया गया है. बताया जा रहा है कि ये सभी लोग इस बंगले में लड़की की देखभाल और उसकी सेवा के लिए रहेंगे. ये बंगला लड़की को इसलिए दिया गया है, ताकि उसे अपनी स्टडी के चार सालों तक बाकी छात्रों के लिए उपलब्ध रहने की सामान्य व्यवस्था में न रहना पड़े.
इस मामले की सबसे इंटरेस्टिंग बात ये भी है कि, लड़की अच्छे से रहे इसके लिए बाकायदा अखबार में मेड के लिए विज्ञापन दिया गया. विज्ञापन में मेड के लिए ये शर्त रखी गई थी कि उसे न सिर्फ मिलनसार और खुशमिजाज होना है बल्कि वो ऐसी हो जिसे देखकर पॉजिटिव वाइब्स आएं और साथ ही वो मन लगाकर घर का काम करे.
अखबार में छपा ऐड बताता है कि लड़की के पिता वाकई बहुत पैसे वाले हैं
बहरहाल लड़की की देखभाल के लिए जितने भी लोग हायर किये गए हैं वो मालकिन के वार्डरोब मैनेजमेंट और पर्सनल शॉपिंग के लिए भी जिम्मेदार होंगे. बटलर को इस स्टाफ का इंचार्ज बनाया जाएगा और वो जरूरत के हिसाब से दरवाजे खोलने और बंद करने के लिए भी मौजूद रहेगा. बात अगर सैलरी की हो तो इस ऐड में कहा गया है कि जैसा जिसका रोल होगा उसे वैसी सैलरी मिलेगी. ऐड में जिक्र है कि काम करने वाले लोगों की सालाना सैलरी 30,000 पाउंड यानी 28 लाख रुपए तक हो सकती है.
सच में ऐसी ख़बरें पढ़ो तो अपने पर गुस्सा आता है. एक ये लड़की है, एक हमारा बचपन था. सुविधा के नाम पर स्कूल जाते वक़्त पॉकेट मनी दी जाती थी और वो भी अधिकतम पांच रुपए होती थी. सोचने वाली बात है एक तरफ 5 रुपए और दूसरी तरफ 12 नौकर चाकर और बड़ा बंगला. कहना गलत नहीं है कि अगर हमें इस लड़की के मुकाबले एक डेढ़ प्रतिशत भी सुख सुविधा मिलती तो हमनें भी मन लगाकर पढ़ाई की होती और सरकारी नौकरी पा ली होती. खैर अपने मामले में वही कहावत सही है कि "न बाबा मरे न बैल बंटे."
अंत में हम बस ये कहकर अपनी बात खत्म करेंगे कि सब भाग्य का खेल है. लड़की का भाग्य है उसे पढ़ने लिखने के लिए 12 नौकर और बड़ा बंगला मिला. हमारा भाग्य 5 रुपए की पॉकेट मनी वाला था हमने उसे लिया और हमारा काम चलता रहा. न हम कभी खबर बने. न ही कभी किसी ने हमें खबर बनाने लायक समझा.
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