Whatsapp की 'लत' वाली लड़की से शादी के लिए 65 लाख दहेज जुर्माना तो नहीं?
उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक लड़के ने शादी से इसलिए मना कर दिया क्योंकि लड़की वॉट्सएप का इस्तेमाल ज्यादा करती थी और ये शर्त रखी कि अगर शादी होगी तो उसे 65 लाख रुपए दहेज चाहिए.
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सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी बड़ा दिलचस्प है. इंसान को नशे-जुएं के साथ-साथ आजकल सोशल मीडिया की लत लग रही है. फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम जैसे नए ड्रग का नाम हों. कई लोगों को तो ये लत कुछ इस तरह से घेर लेती है कि दिन में जब तक कुछ घंटे सोशल मीडिया में नहीं बिता लेते तब तक उन्हें चैन नहीं मिलता. सोशल मीडिया की लत के साथ इंसान अपने आस-पास के लोगों को बहुत परेशान कर देता है, पर क्या कोई इतना परेशान हो सकता है कि शादी तोड़ने जैसा बड़ा फैसला ले ले?
उत्तर प्रदेश से ही एक ऐसी खबर आ रही है जहां एक लड़के या यूं कहें कि होने वाले दूल्हे और उसके परिवार ने दुल्हन से शादी तोड़ दी. क्यों? कारण दिया गया कि लड़की वॉट्सएप की आदी है और दिन में बहुत ज्यादा समय वॉट्सएप पर बिताती है और इसलिए लड़की शादी के लिए सही नहीं है.
कमर हैदर जिसकी शादी होने वाली थी
क्या था असल मामला?
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में ऊरूज मेहंदी की बेटी की शादी थी. शादी होनी थी कमर हैदर नाम के एक लड़के से. 5 सितंबर को बारात आनी थी और लड़की पक्ष के लोग इंतजार ही करते रह गए. बारात जब देर रात तक नहीं आई तो मेहंदी साहब ने लड़की के भाई को लड़के वालों के घर भेजा. लड़के वालों ने शादी से इंकार किया और वजह दी कि लड़की यानी होने वाली दुल्हर वॉट्सएप पर कुछ ज्यादा ही समय बिताती है और इसलिए वो शादी करने के लिए सही लड़की नहीं है.
इस बात से मेहंदी के घर पर हड़कंप मच गया और मान मनुहार का सिलसिला शुरू हो गया. लड़के वालों ने शादी के लिए बड़ी मिन्नतों के बाद हामी तो भर दी लेकिन एक शर्त रख दी. शर्त थी कि शादी के लिए वो 65 लाख रुपए दहेज में लेंगे. कमर और उसके परिवार वालों ने शादी के लिए जो शर्त रखी वो आखिर आम इंसान कैसे मंजूर कर ले. शादी के लिए फिर बहुत मिन्नतें की गईं और जब कमर और उसके घर वाले नहीं माने तो मेहंदी साहब ने पुलिस में शिकायत की.
उसी रात मेहंदी जी पुलिस के पास गए और शिकायत दर्ज करवाई. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक लड़की के परिवार ने शिकायत दर्ज करवाई है कि लड़के वालों ने शादी करने से मना किया ये कहकर कि लड़की वॉट्सएप का ज्यादा इस्तेमाल करती है और साथ ही शादी के लिए 65 लाख का दहेज भी मांगा.
Amroha: Family of a girl alleges that the groom's side on wedding day (Sept 5) refused to marry her saying 'the girl isn't good as she uses WhatsApp', & then demanded a dowry of Rs 65 lakh. Police say, 'we've received a complaint about it. Probe is underway. Action will be taken' pic.twitter.com/LNqifz7J0E
— ANI UP (@ANINewsUP) September 9, 2018
इस पूरे मामले में अमरोहा के सीनियर अफसर विपिन टाडा पड़ताल कर रहे हैं और उन्होंने आश्वासन दिया है कि वो मामले की सही से पड़ताल करेंगे.
खैर, अमरोहा वाले मामले में न सिर्फ लड़के वालों की गलती समझ आती है बल्कि कहीं न कहीं लड़की के पिता की भी गलती है. आखिर इतनी बेतुकी बात पर भी वो अपनी बेटी की शादी उस घर में करने के लिए कैसे तैयार थे. ये तो साबित करता है कि लड़की के पिता लड़के के परिवार वालों द्वारा लगाए गए इल्जामों को सही मान रहे थे. लड़की ज्यादा वॉट्सएप इस्तेमाल करती है तो क्या ये गुनाह है?
क्या कोई ये बता सकता है कि इसका हक किसको है कि ये तय करे कि लड़की कितना समय सोशल मीडिया पर बिताए, कितना समय घूमे, कितना समय सोए? क्या ये माता-पिता तय करेंगे या सास ससुर, या वो लड़की खुद? आज के जमाने में अगर अपने खाली समय में कोई बेटी या बहू सोशल मीडिया पर ऑनलाइन रहती है तो इसे गलत कैसे कहा जा सकता है? परिवारों के लिए तो आज भी लड़कियों का सोशल मीडिया पर रहना सही नहीं है. एक बहू अगर फोन लेकर बैठी हुई है तो सास को हो सकता है ये लगे कि बहू के पास कोई काम नहीं है. एक पत्नी अगर सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताती है तो ये भी तो हो सकता है कि उसके खाली समय में उससे बात करने वाला कोई न हो. पर नहीं, समाज तो इसे अस्वीकार ही करता है कि कोई लड़की भला वॉट्सएप पर क्यों रहती है. कई लोग तो इसे ऐसे भी मान लेते हैं कि लड़की अन्य लड़कों से ही बात कर रही होगी. पर सवाल अब भी वही है कि आखिर ये कौन तय करेगा कि लड़की सोशल मीडिया पर रहे या नहीं? क्या इसकी आजादी खुद लड़की को नहीं मिलनी चाहिए?
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