तैय्यब अली ज़माने के लिए आशिक लड़की ने लड़का बन सांप भी मारा और लाठी भी नहीं तोड़ी!
मुहब्बत के खिलाफ जब जमाना तैय्यब अली बन बैठा था तब प्रयागराज की रहने वाली एक लड़की ने अस्पताल पहुंचकर अपना लिंग ही बदलवा लिया. लड़की ने जो किया कह सकते हैं कि जालिम ज़माने को सबक सिखाने के लिए उसने सांप भी मारा और लाठी भी नहीं टूटने दी.
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कश्ती ए इश्क़ में रखना कदम संभाल के
दरिया-ए-मुहब्बत के किनारे नहीं होते.
किसी गुमनाम शायर का ये शेर है बहुत टॉप क्लास. और उन लोगों पर बिलकुल फिट बैठता है, जो न केवल प्यार में पड़ते हैं. बल्कि अपनी मुहब्बत को अंजाम तक ले जाने के लिए ऐसा बहुत कुछ कर जाते हैं जिसे देखकर जमाना भौचक्का रह जाता है. कुछ इन्हीं बातों की तर्ज पर प्यार प्रयागराज की एक लड़की को भी हुआ. मगर आशिक कोई मर्द नहीं था, लड़की ने एक लड़की से ही मुहब्बत की, ये बात ज़माने को, जो तैय्यब अली बना बैठा था कहां ही बर्दाश्त होती. खूब विरोध और हल्ला गुल्ला हुआ और अंततः जज्बातों के समुंदर में बहकर लड़की ने वो कर दिया जिसने उपरोक्त शेर की पंक्तियों को चरितार्थ किया. लड़की ने अपना जेंडर ही बदलाव दिया अब वो लड़की से लड़का बन गई. डॉक्टरों की टीम ने लड़की के ऊपरी हिस्से को बदला दिया है. बताया जा रहा है कि कुछ महीने बाद लड़की की फाइनल सर्जरी होगी और वो सौ टका मर्द बन जाएगी. लड़की द्वारा लिए गए अपनी तरह के अनोखे इस फैसले के बाद कहना गलत नहीं है कि मुहब्बत के खिलाफ जब जमाना तैय्यब अली बन ही बैठा था तब लड़की ने वो किया जिससे सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी.
मुहब्बत की राहें आसान नहीं हैं न विश्वास हो तो हमें प्रयागराज की लड़का बन रही लड़की से मिलना चाहिए
इस अनोखी प्रेम कहानी और इस कारस्तानी पर बात तब पूर्ण होगी जब हम मामले को समझेंगे. दरअसल प्रयागराज के गंगापार में रहने वाली दो लड़कियां एक दूसरे के प्यार की गिरफ्त में आ गयीं. जब लड़कियों ने अपने अफेयर की बात घरवालों के सामने रखी तो उन्हें अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ. स्थिति कुछ कुछ काटो तो खून नहीं वाली थी इसलिए भयंकर विरोध हुआ. दोनों ही परिवार अपने अपने घर की लड़कियों को समझाने बुझाने की प्लानिंग अभी ढंग से कर भी नहीं पाए थे कि उनमें से एक लड़की ने अपना लिंग परिवर्तन कराने का विचार अपने दिमाग में पाल लिया.
लड़की भले ही मन से मुलायम हो लेकिन इरादे उसके लोहा थे. उसने प्रयागराज के एसआरएन हॉस्पिटल का रुख किया और डॉक्टरों से कंसल्ट करने के बाद उसने अपने जेंडर चेंज करवाने की प्रक्रिया शुरू की. मामले पर डॉक्टर्स का कहना है कि अब लड़की के पुरुष बनने की प्रक्रिया में केवल शारीरिक परिवर्तन ही नहीं होंगे, उसके हावभाव को भी बदला जाएगा.
डॉक्टर्स कोशिश में हैं कि दाढ़ी मूछें उगाई जा सकें जिसके लिए लड़की को टेस्टोस्टेरोन हार्मोन थेरेपी दी जाएगी. इस थेरेपी से होगा ये कि लड़की के अंदर का पुरुषत्व जाग जाएगा. हो सकता है ये पूरी प्रक्रिया लोगों को बच्चों का खेल लगे. तो ऐसा भी नहीं है. सर्जरी करने वाले डॉक्टर्स ने साफ़ कह दिया है कि भले ही लड़की ऑपरेशन के बाद लड़का बन जाए लेकिन वो लिंग परिवर्तन के बाद संतान पैदा करने में सक्षम नहीं होगी.
प्रयागराज में लड़की को लड़का बनने का आधा प्रोसेस हो चुका है. आधा बाकी है और भले ही लड़की ठीक हो लेकिन बातें तो हो ही रही हैं. बाकी जिस समाज में हम रह रहे हैं पहले तो वहां प्यार करना ही गुनाह है. ऐसे में लड़की ने जिस तरह न केवल दूसरी लड़की से प्यार किया बल्कि वो उसके लिए लड़का बन रही है वो गुनाह से अजीम है. जिसके लिए उसे भले ही भगवन माफ़ कर दे मगर बात फिर वही है कि समस्या न भगवान है न प्यार. समस्या है समाज में विचरण करने वाले तैय्यब अली जिन्हें लड़की को लड़का बनते देखकर भी शायद ही सुकून मिले.
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