X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
भारत की आर्थिक विकास का रास्ता उत्तर प्रदेश से गुजरता है. अगर उत्तर प्रदेश का विकास नहीं होगा तो भारत आगे नहीं बढ़ सकता. उत्तर प्रदेश का लगातार तेजी से विकास के रास्ते पर चलना एक उम्मीद जगाता है. राज्य में करोड़ों लोग गरीबी की रेखा से बाहर हुए हैं.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
ऐन चुनावों के वक़्त बिना साथी के कैसे जिएगा हाथी !
BSP सुप्रीमो मायावती बार-बार कह रही हैं कि उसकी पार्टी किसी भी गठबंधन में नहीं शामिल होंगी. जिस शिद्दत से भाजपा से लड़ने के लिए बड़े-बड़े विपक्षी दल एकजुटता हो रहे हैं और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जता रहे हैं कि भाजपा से अकेले लड़ना किसी एक अकेले के बस में नहीं है.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
राजनीतिक विरासत में अखिलेश से भारी हैं जयंत
देश की राजनीति का केंद्र उत्तर प्रदेश है और दिल्ली की कुर्सी का रास्ता यूपी है. जबकि इस सूबे की सियासत का केंद्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश बन गया है, किसानों और जाटों के इस भू-भाग की सियासत नजदीकी राज्य हरियाणा को भी प्रभावित करती है. और यूपी की सियासत की धुरी बनने वाले पश्चिम उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल और इस दल के शहंशाह जयंत चौधरी की शहेनशाहात ख़ूब चलती है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
शरद - उद्धव नहीं बचा सके, अखिलेश आखिर कैसे बचाएंगे सपा!
सपा के टूटने की संभावनाओं में शिवपाल यादव को पार्टी की कमज़ोर कड़ी माना जा रहा है.राजनीतिक पंडितों का कहना है कि शरद पवार को देश की राजनीति का चाणक्य माना जाता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक ये बात कह चुके हैं कि शरद पवार देश के सबसे वरिष्ठ और परिपक्व नेता हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
फैयाज अहमद फैजी
यूपी निकाय चुनाव में क्या सार्थक रही नरेंद्र मोदी की पसमांदा नीति?
पिछले वर्ष से ही प्रधानमंत्री मोदी जी लगातार मुस्लिम समाज में सामाजिक न्याय पर बल देते हुए पसमांदा मुद्दे की चर्चा कर रहें हैं जिस कारण पहली बार राष्ट्रव्यापी तौर पर मुख्य धारा में मुस्लिम समाज में सामाजिक न्याय का प्रश्न चर्चा का विषय बना हुआ है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
sanjay saxena
यूपी में कांग्रेस कब और कैसे आयेगी ‘आईसीयू’ से बाहर?
राहुल गांधी के बाद उनकी बहन प्रियंका वाड्रा का भी यूपी कांग्रेस प्रभारी पद से मन भर गया है. प्रियंका यूपी की राजनीति से पूरी तरह से किनारा करके राष्ट्रीय राजनीति में अपनी जगह बनाना चाहती हैं.जहां उनके लिए उम्मीदें ज्यादा हैं.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
Pranay Vikram Singh
उत्तर प्रदेश में अपराधियों के लिए भयकारी है 'योगी मॉडल'
उत्तर प्रदेश में अपराध की दुनिया पहली बार इतनी भयभीत और सहमी हुई है. यहां जुर्म के किले की हर कुख्यात ईंट पर ‘जीरो टालरेंस’ के फैसलाकुन प्रहार से कानून-व्यवस्था को नई ऊंचाइयां मिल रही हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
rksinha
आख़िर क्यों बरकरार रहा यूपी निकाय चुनावों में योगी का मैजिक?
2024 के लोकसभा चुनावों से पहले हरेक विधनासभा और नगर निगम चुनावों पर सारे देश की निगाहें रहने वाली हैं. सही भी है. इस परिप्रेक्ष्य में कर्नाटक विधानसभा और यूपी नगर निकाय चुनावों के नतीजों को देखना होगा.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
Soha Moitra
गांवों में टीकाकरण की कमान संभाले एनएनएम क्षमता से दोगुना काम कर रहीं हैं!
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार पिछले 5 सालों में देश में बच्चों के टीकाकरण में 14.4% बढ़ोतरी हुई है. लेकिन देश के ग्रामीण क्षेत्रों मे टीकाकरण पहुचाने के हमेशा तत्पर रहने वाली एएनएम की चुनौतियों को नजरंदाज किया जाता रहा है.