पिता-बेटी के रिश्तों पर बनी शूजित सरकार की कॉमेडी ड्रामा "पीकू" हिंदी सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों में शुमार हो चुकी है. इसने सभी तरह के ऑडियंस का मनोरंजन किया और कारोबारी लिहाज से भी बेहद सफल साबित हुई. लगभग सभी समीक्षकों ने फिल्म और उसमें काम करने वाले कलाकारों को जमकर सराहा. दरअसल, शूजित की ये फिल्म 1980 में आई दिग्गज सत्यजीत रे की शॉर्ट फिल्म "पीकू की डायरी" से प्रेरित थी. ये एक बुजुर्ग और उसकी बेटी की कहानी है. बेटी, पिता की देखभाल करती है और इस वजह से शादी नहीं करती.
पिता को बेटी की शादी का मलाल नहीं. और इसमें भी हर्ज नहीं कि उसकी एक सेक्स लाइफ बिना शादी के चल रही है. दिल्ली में रहने वाले पिता की दिक्कत मोशन और कब्ज की शिकायत है. वो काफी बूढ़ा है. बेटी उसे लेकर बाई रोड कोलकाता के पुश्तैनी घर पहुंचती है. कार इरफान ड्राइव करते हैं जो एक ट्रैवल एजेंसी के मालिक हैं. दिल्ली से कोलकाटा तक की यात्रा और बूढ़े पिता की मौत तक कहानी कॉमिक अंदाज में बताई गई है. सब्जेक्ट के हिसाब से पीकू बहुत ही अनोखी फिल्म है. इसे खूब चर्चाएं और पब्लिसिटी मिली.
पीकू में काम करने वाले कलाकारों के लिए ये किसी यादगार पड़ाव की तरह है. पीकू 8 मई 2015 के दिन रिलीज हुई थी. आइए जानते हैं कलाकारों के फिल्म से जुड़ने के कुछ किस्से और अन्य दिलचस्प बातें.
1) पीकू के लिए रिडले स्कॉट के साथ काम नहीं कर पाए इरफान
इरफान खान ने शूजित सरकार की पीकू में ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले राणा चौधरी का किरदार निभाया था. इसके लिए उन्होंने हॉलीवुड के मशहूर निर्देशक रिडले स्कॉट को भाव नहीं दिया. दरअसल, रिडले स्कॉट एक्टर को अपनी साई फाई ड्रामा "द मार्शियन" में लेना चाहते थे. इरफान, रिडले के साथ पहले भी एक मौका चूक गए थे और चाहते थे कि वो पीकू के साथ इसे भी कर लें. लेकिन शेड्यूल ऐसा फंसा कि...
पिता-बेटी के रिश्तों पर बनी शूजित सरकार की कॉमेडी ड्रामा "पीकू" हिंदी सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों में शुमार हो चुकी है. इसने सभी तरह के ऑडियंस का मनोरंजन किया और कारोबारी लिहाज से भी बेहद सफल साबित हुई. लगभग सभी समीक्षकों ने फिल्म और उसमें काम करने वाले कलाकारों को जमकर सराहा. दरअसल, शूजित की ये फिल्म 1980 में आई दिग्गज सत्यजीत रे की शॉर्ट फिल्म "पीकू की डायरी" से प्रेरित थी. ये एक बुजुर्ग और उसकी बेटी की कहानी है. बेटी, पिता की देखभाल करती है और इस वजह से शादी नहीं करती.
पिता को बेटी की शादी का मलाल नहीं. और इसमें भी हर्ज नहीं कि उसकी एक सेक्स लाइफ बिना शादी के चल रही है. दिल्ली में रहने वाले पिता की दिक्कत मोशन और कब्ज की शिकायत है. वो काफी बूढ़ा है. बेटी उसे लेकर बाई रोड कोलकाता के पुश्तैनी घर पहुंचती है. कार इरफान ड्राइव करते हैं जो एक ट्रैवल एजेंसी के मालिक हैं. दिल्ली से कोलकाटा तक की यात्रा और बूढ़े पिता की मौत तक कहानी कॉमिक अंदाज में बताई गई है. सब्जेक्ट के हिसाब से पीकू बहुत ही अनोखी फिल्म है. इसे खूब चर्चाएं और पब्लिसिटी मिली.
पीकू में काम करने वाले कलाकारों के लिए ये किसी यादगार पड़ाव की तरह है. पीकू 8 मई 2015 के दिन रिलीज हुई थी. आइए जानते हैं कलाकारों के फिल्म से जुड़ने के कुछ किस्से और अन्य दिलचस्प बातें.
1) पीकू के लिए रिडले स्कॉट के साथ काम नहीं कर पाए इरफान
इरफान खान ने शूजित सरकार की पीकू में ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले राणा चौधरी का किरदार निभाया था. इसके लिए उन्होंने हॉलीवुड के मशहूर निर्देशक रिडले स्कॉट को भाव नहीं दिया. दरअसल, रिडले स्कॉट एक्टर को अपनी साई फाई ड्रामा "द मार्शियन" में लेना चाहते थे. इरफान, रिडले के साथ पहले भी एक मौका चूक गए थे और चाहते थे कि वो पीकू के साथ इसे भी कर लें. लेकिन शेड्यूल ऐसा फंसा कि इरफान ने रिडले स्कॉट पर पीकू के लिए शूजित सरकार को वरीयता दी. इरफान ने बताया था कि द मार्शियन में नासा साइंटिस्ट की भूमिका उन्हें दी जा रही थी.
2) दीपिका ने बंगाली सीखी, हमेशा सेट पर रहता था एक वाइस कोच
पीकू एक बंगाली बुजुर्ग भास्कर बनर्जी और उनकी बेटी पीकू बनर्जी की कहानी है. दीपिका ने पीकू का किरदार निभाया था. किरदार को बेहतर ढंग से निभाने के लिए दीपिका ने बंगाली सीखी. उन्होंने बंगाली लोगों से मुलाक़ात कर उनका लहजा पकड़ने की कोशिश की. हालांकि थोड़ी बहुत भाषा तो सीख ली, मगर अब भी उच्चारण में उन्हें दिक्कत आ रही थी. बाद में शूजित और उनकी पत्नी ने काफी मदद की. दीपिका के साथ सेट पर हमेशा एक वाइस कोच रहता था.
3) शूजित ने पीकू से हृषीकेश मुखर्जी को दी थी श्रद्धांजलि
बहुत कम लोगों को यह बात पता है कि अमिताभ बच्चन का कैरेक्टर भास्कर बनर्जी सीधे हृषिकेश मुखर्जी की आनंद को एक ट्रिब्यूट थी. आनंद, हृषिकेश मुखर्जी की क्लासिक फिल्मों में शुमार है जिसमें राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन ने साथ काम किया था. आनंद में अमिताभ बच्चन के कैरेक्टर का नाम भास्कर बनर्जी ही था. शूजित सरकार हृषिदा के बहुत बड़े फैन हैं.
4) पीकू के जरिए आठ साल बाद हिंदी सिनेमा में दिखी थीं मौसमी चटर्जी
पीकू में छोबी मासी का किरदार निभाने वाली मौसमी चटर्जी हिंदी सिनेमा में आठ साल बाद लौटी थीं. शूजित, मौसमी के फैन थे और उन्होंने किरदार के लिए उन्हें राजी कर लिया था. शूजित ने बताया था कि अगर ये किरदार मौसमी नहीं करती तो वो इसे फिल्म नहीं रखते. मजेदार यह भी है कि पीकू के लिए मुलाक़ात से पहले मौसमी, शूजित के काम से बिल्कुल अनजान थीं. बाद में उन्होंने शूजित की विक्की डोनर और मद्रास कैफे देखी.
5) परिणीति चोपड़ा थीं पीकू के लिए पहली पसंद
पीकू की कहानी तीन मुख्य किरदारों के इर्द गिर्द है. दीपिका, अमिताभ और इरफान. लोग शायद यकीन ना करें मगर यह सच्चाई है कि दीपिका किरदार के लिए पहली पसंद नहीं थी. पीकू बनर्जी के कैरेक्टर के लिए पहली पसंद परिणीति चोपड़ा थीं. परिणीति रेस से इसलिए बाहर हो गई क्योंकि वो पहले से ही पिता-बेटी के रिश्तों पर बनी फिल्म दावत-ए-इश्क कर रही थीं. बाद में शूजित दीपिका के पास पहुंचे थे.
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