मजबूत महिला (Strong women) क्या होती है? अगर यह जानना है तो आपको Hot star की वेब सीरिज आर्या (Aryaa) जरूर देखनी चाहिए. कैसे एक महिला निडर और बेखौफ होकर अच्छे-अच्छे को पानी पिला देती है. यह सीरीज (Aarya series season 2) मशहूर डच क्राइम सीरीज़ ‘पेनोज़ा’ की हिंदी रीमेक है. जिसमें आर्या का किरदार सुष्मिता सेन ने निभाया है. वैसे पेनोजा का मतलब आप ‘लेडी डॉन’ से लगा सकते हैं, लेकिन इसका मतलब पुरुष शासित अंडरवर्ल्ड में उस पुरुष के कद तक पहुंचने वाली महिला से है. अब शायद आप समझ गए होंगे कि आर्या की कहानी कैसी हो सकती है?
सुष्मिता, असल जीवन में भी काफी मजबूत महिला हैं. इसलिए आर्या के रूप में वह एकदम दमदार नजर आ रही हैं. वैसे जिन लोगों ने आर्या सीरीज देख ली है उन्हें बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन जो नहीं जानते उन्हें बता दें कि आर्या एक ऐसे महिला कहानी है जो होममेकर है और अपने परिवार के साथ बहुत खुश है. उसका पति बिजनेसमैन है, जिसे एक दिन गोली मार दी जाती है. इसके बाद शुरु होती है आर्या के डॉन बनने की कहानी. इनसब के बीच जिसतरह वह हर परेशानी का सामना करते हुए अपने तीन बच्चों को संभालती है, वह काबिले तारीफ है.
इस सीरीज को देखकर महिलाओं को काफी कुछ सीखने को मिल सकता है. चलिए बताते हैं कि आर्या में वे कौन-कौन सी बातें हैं जिन्हें महिलाओं को अपने जिंदगी में अपना लेना चाहिए ताकि वे भी मजबूत बन सकें.
1- आर्या सीरीज को देखकर सबसे पहले यही दिमाग में आता है कि एक मजबूत महिला कैसी हो सकती है? जिस तरह अपने पति की मौत के बाद भी वह बच्चों की खातिर ढाल बनकर खड़ी रहती है. वह अपने बच्चों को हर मुसीबत से...
मजबूत महिला (Strong women) क्या होती है? अगर यह जानना है तो आपको Hot star की वेब सीरिज आर्या (Aryaa) जरूर देखनी चाहिए. कैसे एक महिला निडर और बेखौफ होकर अच्छे-अच्छे को पानी पिला देती है. यह सीरीज (Aarya series season 2) मशहूर डच क्राइम सीरीज़ ‘पेनोज़ा’ की हिंदी रीमेक है. जिसमें आर्या का किरदार सुष्मिता सेन ने निभाया है. वैसे पेनोजा का मतलब आप ‘लेडी डॉन’ से लगा सकते हैं, लेकिन इसका मतलब पुरुष शासित अंडरवर्ल्ड में उस पुरुष के कद तक पहुंचने वाली महिला से है. अब शायद आप समझ गए होंगे कि आर्या की कहानी कैसी हो सकती है?
सुष्मिता, असल जीवन में भी काफी मजबूत महिला हैं. इसलिए आर्या के रूप में वह एकदम दमदार नजर आ रही हैं. वैसे जिन लोगों ने आर्या सीरीज देख ली है उन्हें बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन जो नहीं जानते उन्हें बता दें कि आर्या एक ऐसे महिला कहानी है जो होममेकर है और अपने परिवार के साथ बहुत खुश है. उसका पति बिजनेसमैन है, जिसे एक दिन गोली मार दी जाती है. इसके बाद शुरु होती है आर्या के डॉन बनने की कहानी. इनसब के बीच जिसतरह वह हर परेशानी का सामना करते हुए अपने तीन बच्चों को संभालती है, वह काबिले तारीफ है.
इस सीरीज को देखकर महिलाओं को काफी कुछ सीखने को मिल सकता है. चलिए बताते हैं कि आर्या में वे कौन-कौन सी बातें हैं जिन्हें महिलाओं को अपने जिंदगी में अपना लेना चाहिए ताकि वे भी मजबूत बन सकें.
1- आर्या सीरीज को देखकर सबसे पहले यही दिमाग में आता है कि एक मजबूत महिला कैसी हो सकती है? जिस तरह अपने पति की मौत के बाद भी वह बच्चों की खातिर ढाल बनकर खड़ी रहती है. वह अपने बच्चों को हर मुसीबत से बचाने के लिए खुद को एक किले की तरह इतना मजबूत कर लेती है कि उसे कोई भेद नहीं पाता. मजबूत होने का यह मतलब नहीं है कि एक महिला रो नहीं सकती. आर्या एक के बाद घर से लेकर बिजनेस तक की उन सारी जिम्मेदारियों को अपने ऊपर ले लेती है जो उसका पति निभाता था.
2- आर्या ने बताया है कि पति की मौत के बाद जिंदगी खत्म नहीं होती. इस सीरीज में यह दिखाया गया है कि आर्या विधवा होने पर भी सेल्फ केयर करना नहीं छोड़ती. वह अकेले में पति को याद करके भावुक जरूर होती है लेकिन सच्चाई से दूर नहीं भागती कि जिंदगी बहुत प्यारी है और उसके और भी रिश्ते हैं, जिसके लिए उसे खुद को ठीक रखना होगा. वह शॉपिंग करती है, पति की याद में गाने सुनती है, योग करती है और खुश रहने की हर कोशिश करती है. बिजी होने के बाद भी वह खुद के लिए समय जरूर निकाल लेती है.
3- आर्या बताती है कि परिवार का महत्व क्या होता है? वह एक बेटी होकर शादी के बाद भी अपने मायके की सभी जिम्मेदारियों को निभाती है. चाहें अपनी बहन की शादी हो या फिर माता-पिता के झगड़ों को सुलझाना हो. वह अपने दोस्तों को भी तवज्जो देती है और हर महिला का सम्मान करती है. आर्या ने बताया है कि रिश्ते कैसे संभाल कर रखे जाते हैं.
4- आर्या अपने बच्चों की दोस्त बनने की कोशिश करती है. वह सीखाती है कि बच्चों की परवरिश कैसे की जाती है? वह मां है, लेकिन कभी भी बच्चों पर अपना फैसला थोपती नहीं है. वह बच्चों के साथ ऐसे रहती है कि वे अपनी बातें खुलकर शेयर कर सकें.
5- आर्या स्वाभिमानी है और आत्मनिर्भर भी. वह बताती है कि एक महिला का अपने पैरों पर खड़ा होना कितना जरूरी है. आर्या ने बताया कि एक महिला तभी मजबूत हो सकती है जब वह आर्थिक रूप से अपने ऊपर निर्भर हो.
आर्या एक मजबूत महिला है और योद्धा भी है. वह नई-नई बातों को सीखते हुए रणभूमि में आगे बढ़ रही है. वह जल्दी किसी पर भरोसा नहीं करती. जिंदगी के अनुभव से सबक लेती है. उसे पता है कि ऐसा कोई काम नहीं है जिसे पुरुष कर सकते और वह नहीं. उसे खुद पर भरोसा है. यह कहना गलत नहीं होगा कि महिलाओं के लिए आर्या सीरीज ही पूरी की पूरी सीख है. जिसे अपनाकर महिलाएं भी खुद को मजबूत कर सकती हैं. आर्या को देखकर खुद को कोसने से बेहतर है कि आप भी अपनी जिंदगी की शेरनी बन जाओ.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.