बॉलीवुड अभिनेता श्रेयस तलपडे को सोशल मीडिया पर लोग जमकर ट्रोल कर रहे हैं. ऐसा उनकी एक फिल्म के एक सीन की वजह से हो रहा है. दरअसल, साल 2012 में प्रियदर्शन के निर्देशन में बनी फिल्म 'कमाल धमाल मालामाल' रिलीज हुई थी, जो कि कल्ट क्लासिक कॉमेडी फिल्म 'मालामाल वीकली' (2006) का सीक्वल है. इस फिल्म में ओमपुरी, नाना पाटेकर और श्रेयस तलपडे लीड रोल में हैं. फिल्म में एक सीन है, जिसमें श्रेयस बीच सड़क में एक कार को अपने पैर से रोकते हुए नजर आते हैं. उस कार के आगे हिंदू धर्म का प्रतीक चिन्ह ओम (ॐ) बना हुआ है, जिसे अभिनेता के पैरों के नीचे दिखाया जाता है. इस वजह से लोग उन पर हिंदू धर्म के अपमान का आरोप लगा रहे हैं. इस मामले को तूल पकड़ते हुए देखकर उन्होंने माफी मांग ली है. इसके लिए ट्विटर पर उन्होंने एक माफीनामा भी पोस्ट किया है.
श्रेयस तलपडे ने लिखा है, ''कोई जब शूटिंग कर रहा होता है तो उस वक्त बहुत सारे कारक एक साथ काम कर रहे होते हैं. इसमें एक सीक्वेंस के दौरान एक मानसिकता, विशेष रूप से एक्शन दृश्य, निर्देशक की जरूरतें और बहुत सी अन्य चीजें शामिल होती हैं. इस वीडियो में जो कुछ आप देख रहे हैं उसके लिए मैं खुद को सही नहीं ठहरा रहा. मैं इसके लिए माफी मांगता हूं. मैं कभी भी जानबूझकर किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाऊंगा या ऐसा कुछ नहीं दोहराऊंगा.'' उनके माफी मांगने के बाद लोगों का गुस्सा थोड़ा शांत हुआ है. इसके बाद कुछ लोगों ने उनको शानदार अभिनेता के साथ बेहतरीन इंसान भी बताया है. एक यूजर नितेश सिंह ने लिखा है, ''यही वजह है कि फिल्म इंडस्ट्री के अंदर और बाहर के लोग भी आपसे बहुत प्यार करते हैं. भले ही यह जानबूझकर नहीं किया गया था, फिर भी आपने माफ़ी मांगी है.''
बॉलीवुड अभिनेता श्रेयस तलपडे को सोशल मीडिया पर लोग जमकर ट्रोल कर रहे हैं. ऐसा उनकी एक फिल्म के एक सीन की वजह से हो रहा है. दरअसल, साल 2012 में प्रियदर्शन के निर्देशन में बनी फिल्म 'कमाल धमाल मालामाल' रिलीज हुई थी, जो कि कल्ट क्लासिक कॉमेडी फिल्म 'मालामाल वीकली' (2006) का सीक्वल है. इस फिल्म में ओमपुरी, नाना पाटेकर और श्रेयस तलपडे लीड रोल में हैं. फिल्म में एक सीन है, जिसमें श्रेयस बीच सड़क में एक कार को अपने पैर से रोकते हुए नजर आते हैं. उस कार के आगे हिंदू धर्म का प्रतीक चिन्ह ओम (ॐ) बना हुआ है, जिसे अभिनेता के पैरों के नीचे दिखाया जाता है. इस वजह से लोग उन पर हिंदू धर्म के अपमान का आरोप लगा रहे हैं. इस मामले को तूल पकड़ते हुए देखकर उन्होंने माफी मांग ली है. इसके लिए ट्विटर पर उन्होंने एक माफीनामा भी पोस्ट किया है.
श्रेयस तलपडे ने लिखा है, ''कोई जब शूटिंग कर रहा होता है तो उस वक्त बहुत सारे कारक एक साथ काम कर रहे होते हैं. इसमें एक सीक्वेंस के दौरान एक मानसिकता, विशेष रूप से एक्शन दृश्य, निर्देशक की जरूरतें और बहुत सी अन्य चीजें शामिल होती हैं. इस वीडियो में जो कुछ आप देख रहे हैं उसके लिए मैं खुद को सही नहीं ठहरा रहा. मैं इसके लिए माफी मांगता हूं. मैं कभी भी जानबूझकर किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाऊंगा या ऐसा कुछ नहीं दोहराऊंगा.'' उनके माफी मांगने के बाद लोगों का गुस्सा थोड़ा शांत हुआ है. इसके बाद कुछ लोगों ने उनको शानदार अभिनेता के साथ बेहतरीन इंसान भी बताया है. एक यूजर नितेश सिंह ने लिखा है, ''यही वजह है कि फिल्म इंडस्ट्री के अंदर और बाहर के लोग भी आपसे बहुत प्यार करते हैं. भले ही यह जानबूझकर नहीं किया गया था, फिर भी आपने माफ़ी मांगी है.''
'कमाल धमाल मालामाल' मलयालम फिल्म 'मेरीक्कून्डोरू कुंजाडू' का हिंदी रीमेक है. इसका प्रीक्वल 'मालामाल वीकली' साल 2006 में रिलीज हुआ था. फिल्म में श्रेयस तलपडे ने जॉनी बेलिंडा नामक किरदार निभाया है. जॉनी एक ऐसे गांव में रहता है, जहां के लोगों ने क्रिश्चियन धर्म अपना लिया है. उसका बड़ा भाई 18 साल पहले परिवारे से बिछुड़ गया है. फिल्म में ओमपुरी ने श्रेयस के किरदार जॉनी के पिता की भूमिका निभाई है. जॉनी बहुत डरपोक प्रकृति का होता है, लेकिन दूसरों के सामने ऐसे दिखाता है, जैसे कि वो बहुत हिम्मत वाला है. इस विवादित सीन में भी देखा जा सकता है कि वो अपने पिता को दिखाने के लिए रास्ते में एक कार को अपने पैरों से रोक देता है. ड्राइवर जब ये कहता है कि कार के नीचे आने पर उसकी चटनी बन जाएगी, तो वो उससे कहता है कि उसके भाई (नाना पाटेकर) को चटनी बहुत पसंद है.
वैसे ये पहली बार नहीं है जब श्रेयस तलपडे किसी विवाद में फंसे हैं. इससे पहले साल 2016 में भी उनकी एक फिल्म पर विवाद हो चुका है. उस वक्त उनकी फिल्म 'वाह ताज' रिलीज होने वाली थी. फिल्म की स्टारकास्ट प्रमोशन में जुटी हुई थी. इसी दौरान मेकर्स ने पूरे आगरा और आसपास के इलाकों में पोस्टर चिपका दिए कि 23 सितंबर को ताजमहल टूरिस्टों के लिए बंद रहेगा. दरअसल, इसी दिन फिल्म 'वाह ताज' रिलीज होनी थी. इस पोस्टर की वजह से टूरिस्टों को बहुत परेशानी हुई, जिसके बाद फिल्म के मेकर्स अभिनव वर्मा, निर्देशक अजीत सिन्हा और सभी कलाकारों पवन शर्मा, श्रेयस तलपडे और मंजारी को अराजकता फैलाने और देश की छवि को धुमिल करने के आरोप में नोटिस जारी किया गया था. हालांकि, इस मामले को भी तूल पकड़ता हुआ देख श्रेयस सहित सभी लोगों ने माफी मांग ली थी. इसके बाद विवाद खत्म हुआ था.
देखा जाए तो बॉलीवुड फिल्मों में हिंदू धर्म के अपमान की बात कोई नई नहीं है. 90 के दशक के बाद की फिल्मों में अक्सर सनातन धर्म का अपमान किया गया है. हिंदू धर्म के प्रतीक चिन्हों के जरिए ये दिखाने की कोशिश की गई है कि माथे पर टीका लगाने वाले, गले माला पहनने वाले गुडें और माफिया होते हैं. याद कीजिए संजय दत्त की फिल्म 'वास्तव' का सीन जिसमें वो माथे पर तिलक लगाए लोगों की हत्याएं करता है. पिछले साल रिलीज हुई फिल्म 'शमशेरा' में भी माथे पर त्रिपुंड लगाए संजय का किरदार लोगों पर अत्याचार करता है. बॉलीवुड के फिल्म मेकर्स ऐसा आसानी से करते रहे हैं, क्योंकि किसी ने उनका विरोध नहीं किया. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से हिंदू भावनाएं जबसे मुखर हुई हैं, ऐसी फिल्मों और उनके मेकर्स का विरोध होने लगा है. लोग खुलकर सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक अपना विरोध दर्ज कराते नजर आते हैं.
इसका परिणाम पिछले साल बॉक्स ऑफिस पर दिखा है. सभी बड़े सितारों जैसे आमिर खान, अक्षय कुमार, रणबीर कपूर, रणवीर सिंह, जॉन अब्राहम से लेकर कैटरीना कैफ और कंगना रनौत तक की फिल्में फ्लॉप रही हैं. इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम तो अक्षय और कंगना है. क्योंकि इन दोनों कलाकारों को राष्ट्रवादी माना जाता है. लेकिन बॉलीवुड के खिलाफ लोगों का गुस्सा इतना ज्यादा था कि गेहूं के साथ घुन भी पिस गया. सबसे ज्यादा मार अक्षय को पड़ी. उनकी एक ही साल में चार फिल्में फ्लॉप हो गईं. इनमें एक मेगा बजट फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' भी थी. 300 करोड़ रुपए के बजट बनी ये फिल्म महज 75 करोड़ रुपए का कलेक्शन ही कर सकी थी. पिछले साल हालात ये हो गई थी कि बॉलीवुड के मेकर्स अपनी फिल्में रिलीज करने से डरने लगे थे. हालांकि, इस साल की शुरूआत अच्छी हुई है. शाहरुख खान की फिल्म 'पठान' बंपर कमाई कर रही है.
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