''एक बेवकूफ दूसरे बेवकूफ को आकर एक चीज बताता है. वो बेवकूफ वही चीज दस बेवकूफों को बताता है. बिना सोचे समझे. ये जो अफवाहे हैं ना ऐसी ही फैलती हैं''...फिल्म 'अफवाह' के इस डायलॉग में इसकी कहानी का सार छिपा है. सच है कि अफवाहों का कोई सिर पैर नहीं होता, लेकिन वो बिजली से भी तेज गति से फैलती हैं. सोशल मीडिया के आने के बाद अफवाहों का बाजार और ज्यादा गरम होने लगा है. फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि सोशल मीडिया के मंचों के जरिए बड़ी संख्या में सूचनाएं प्रेषित की जाती हैं. इनमें कौन सी सच हैं और कौन सी नहीं, ये किसी को नहीं पता. सच की सीमा सीमित होती है, लेकिन झूठ की उड़ान लोगों को रोमांचित करती है. यही वजह है कि लोग झूठ को तेजी से फैलाते हैं. यही झूठ अफवाह की शक्ल में कई बार तांडव भी करती है. अनुभव सिन्हा के प्रोडक्शन और सुधीर मिश्रा के निर्देशन में बनी फिल्म का यही विषय है.
फिल्म 'अफवाह' का ट्रेलर रिलीज किया गया है, जो आज के समय की सियासत की दुनिया की स्याह हकीकत पेश करता है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी, भूमि पेडनेकर और सुमित व्यास स्टारर फिल्म ये बताती है कि किस तरह से एक अफवाह लोगों की जान की दुश्मन बन जाती है. इस फिल्म में नवाज ने एक मोटिवेशनल स्पीकर और एडवरटाइजिंग प्रोफेशनल, भूमि ने एक राजनीतिक दल के बड़े नेता की बेटी, सुमित ने एक नेता का किरदार निभाया है. वहीं 'द फैमिली मैन' जैसी वेब सीरीज से मशहूर हुए शारिब हाशमी एक पुलिस अफसर के किरदार में हैं. फिल्म की कहानी सुधीर मिश्र ने लिखी है, जबकि पटकथा और संवाद उन्होंने निसर्ग मेहता, शिव शंकर बाजपेयी और अपूर्वाधर बड़गैयां के साथ मिलकर लिखा है. हिंदी सिनेमा में सुधीर एक जाने माने नाम हैं. उनको 'सीरियस मेन', 'इंकार', 'चमेली', 'अर्जुन पंडित', 'धारावी', 'खामोश' और 'जाने भी दो यारों' जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है.
''एक बेवकूफ दूसरे बेवकूफ को आकर एक चीज बताता है. वो बेवकूफ वही चीज दस बेवकूफों को बताता है. बिना सोचे समझे. ये जो अफवाहे हैं ना ऐसी ही फैलती हैं''...फिल्म 'अफवाह' के इस डायलॉग में इसकी कहानी का सार छिपा है. सच है कि अफवाहों का कोई सिर पैर नहीं होता, लेकिन वो बिजली से भी तेज गति से फैलती हैं. सोशल मीडिया के आने के बाद अफवाहों का बाजार और ज्यादा गरम होने लगा है. फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि सोशल मीडिया के मंचों के जरिए बड़ी संख्या में सूचनाएं प्रेषित की जाती हैं. इनमें कौन सी सच हैं और कौन सी नहीं, ये किसी को नहीं पता. सच की सीमा सीमित होती है, लेकिन झूठ की उड़ान लोगों को रोमांचित करती है. यही वजह है कि लोग झूठ को तेजी से फैलाते हैं. यही झूठ अफवाह की शक्ल में कई बार तांडव भी करती है. अनुभव सिन्हा के प्रोडक्शन और सुधीर मिश्रा के निर्देशन में बनी फिल्म का यही विषय है.
फिल्म 'अफवाह' का ट्रेलर रिलीज किया गया है, जो आज के समय की सियासत की दुनिया की स्याह हकीकत पेश करता है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी, भूमि पेडनेकर और सुमित व्यास स्टारर फिल्म ये बताती है कि किस तरह से एक अफवाह लोगों की जान की दुश्मन बन जाती है. इस फिल्म में नवाज ने एक मोटिवेशनल स्पीकर और एडवरटाइजिंग प्रोफेशनल, भूमि ने एक राजनीतिक दल के बड़े नेता की बेटी, सुमित ने एक नेता का किरदार निभाया है. वहीं 'द फैमिली मैन' जैसी वेब सीरीज से मशहूर हुए शारिब हाशमी एक पुलिस अफसर के किरदार में हैं. फिल्म की कहानी सुधीर मिश्र ने लिखी है, जबकि पटकथा और संवाद उन्होंने निसर्ग मेहता, शिव शंकर बाजपेयी और अपूर्वाधर बड़गैयां के साथ मिलकर लिखा है. हिंदी सिनेमा में सुधीर एक जाने माने नाम हैं. उनको 'सीरियस मेन', 'इंकार', 'चमेली', 'अर्जुन पंडित', 'धारावी', 'खामोश' और 'जाने भी दो यारों' जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है.
'अफवाह' फिल्म के 2 मिनट और 30 सेकेंड के ट्रेलर की शुरूआत राजनीतिक नारों के साथ होती है. इसमें लोग विक्की बन्ना के नाम के नारे लगा रहे हैं. विक्की लोगों से कहता है कि हमें संयम रखने के लिए कहा जाता है, लेकिन यदि कोई हमारे साथ ज्यादती करेगा, तो हम कैसे संयम रखेंग. इसके बाद उसके उकसाए पर लोग दंगा कर देते हैं. हर तरफ हिंसा और आगजनी होने लगती है. विक्की की मंगेतर निवि जो कि उसकी पार्टी के सबसे बड़े नेता की बेटी होती है, उससे पूछती है कि वो ऐसा क्यों कर रहा है. इस पर विक्की उसे चुप रहने की हिदायत देता है. इसके बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी के किरदार राहब अहमद से परिचय कराता जाता है. राहब लोगों को मोटिवेट करने का काम करता है. इधर विक्की की हरकतों से परेशान होकर विनि अपने बीमार पिता को खत लिखकर घर से भाग जाती है. उसकी तलाश में निकले विक्की और उसके गुंडे सरेराह उसे पकड़ लेते हैं.
Afwaah Movie का ट्रेलर देखिए...
इसी बीच राहब अहमद उस रास्ते से गुजर रहा होता है. उसे लगता है कि गुंडे किसी लड़की को परेशान कर रहे हैं. वो कार से उतर कर लोगों को मोटिवेट करता है कि ऐसे गुंडों को सबक सीखाना चाहिए और लड़की को बचाना चाहिए. लोग आगे आते हैं और उन गुंडों से लड़ने लगते हैं. इस समय का फायदा उठाकर विनि राहब के साथ कार से भाग निकलती है. इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल होने लगता है. लोग इसे लव जिहाद का एंगल भी देने लगते हैं. उनको लगता है कि एक हिंदू लड़की मुस्लिम लड़के से था भाग गई है. इस अफवाह का वीडियो भी वायरल होने लगता है. इधर विक्की और उसके गुंडों से बचने के लिए राहब और विनि लगातार भाग रहे होते हैं. उनको कही पनाह नहीं मिलता, क्योंकि लोग उनकी वीडियो देख चुके होते हैं. एक अफवाह दोनों की जिंदगी नरक बना देती है. ऐसे में विनि और राहब का क्या होता है, जानने के लिए फिल्म का इंतजार करना होगा.
फिल्म 'अफवाह' की कहानी आज के समय की कड़वी हकीकत को बयां कर रही हैं. सोशल मीडिया के जरिए फैली अफवाहों से उपजी कई घटनाओं को बहुत बारीकी से एक साथ पिरोया गया है. इसमें ये दिखाने की कोशिश की गई है कि किस तरह से राजनीतिक दल सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. एक काईयां और शातिर नेता के किरदार को सुमित व्यास ने बखूबी निभाया है. हालांकि, वो एक खास तरह के किरदारों में टाइपकास्ट होते जा रहे हैं, जिससे उनको बचना चाहिए. नवाजुद्दीन ने अपने लुक से चौंकाया है. पहली बार उनको इस तरह के कॉरपोरेट लुक देखा गया है. एक्टिंग तो वो शानदार करते ही हैं. भूमि पेडनेकर जरूर निराश कर रही हैं. एक वक्त था जब वो खास तरह के किरदार किया करती थीं, लेकिन अब जो मिला वो कर लिया, के फॉर्मूले पर काम करने लगी हैं. उनके किरदार में भूमि की झलक नहीं दिखती. शारिब हाशमी हमेशा की तरह जम रहे हैं.
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