नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद एक ट्रेंडिंग शब्द है. दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के बाद से ये शब्द सबसे ज्यादा प्रचलन में आया है. बॉलीवुड पर सबसे ज्यादा नेपोटिज्म का आरोप लगता रहा है. ऐसा कहा जाता है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कुछ मठाधीश बाहरी कलाकारों की उपेक्षा करके नेपो किड्स को अपनी फिल्मों में मौका देते रहे हैं. नेपो किड्स की बात करें तो इस फेहरिस्त में वरुण धवन, अनन्या पांडे, सारा अली खान, श्रद्धा कपूर, अहान शेट्टी, अर्जुन कपूर, जाह्नवी कपूर और आलिया भट्ट का नाम प्रमुखता से लिया जाता है. 2012 में करण जौहर की फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' से बॉलीवुड डेब्यू करने वाली आलिया का नेपो किड्स के नाम पर सबसे ज्यादा मजाक उड़ा गया है. उस वक्त कहा गया कि महेश भट्ट की बेटी होने की वजह से उनको फिल्मों में इतनी आसानी से काम मिल गया.
आलिया भट्ट ने तमाम आरोपों के बीच अपनी मेहनत जारी रखा और उसी साल रिलीज हुई फिल्म 'हाईवे' में अपने दमदार अभिनय के जरिए आलोचकों का मुंह बंद कर दिया. इस फिल्म में वीरा त्रिपाठी के किरदार में उनके धांसू अभिनय ने उन पर लगे नेपोटिज्म के दाग को धोना शुरू कर दिया. इसके बाद साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म 'राजी' के जरिए उन्होंने साबित कर दिया कि फिल्मों में मौका उन्हें भले ही नेपोटिज्म की वजह से मिला हो, लेकिन अपने एक्टिंग टैलेंट के दम पर वो बहुत आगे जाने वाली हैं. 'राजी' उनके करियर में फिल्म का पत्थर साबित हुई. इस बीच 'उड़ता पंजाब' और 'डियर जिंदगी' जैसी फिल्मों के जरिए वो अपनी सशक्त उपस्थिति बनाए हुई थी. इस साल रिलीज हुई अपनी दो फिल्मों 'गंगूबाई काठियावाड़ी' और 'डार्लिंग्स' में अपनी अलहदा अदाकारी के जरिए उन्होंने हर किसी का दिल जीत लिया है.
फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में एक वेश्या से माफिया क्वीन बनी गंगूबाई का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री आलिया भट्ट ने अपने दमदार अभिनय प्रदर्शन से हर किसी को हैरान कर दिया था. आलिया जैसी नाजुक काया और मासूम चेहरे वाली एक अभिनेत्री के लिए इतना सशक्त किरदार निभाना...
नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद एक ट्रेंडिंग शब्द है. दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के बाद से ये शब्द सबसे ज्यादा प्रचलन में आया है. बॉलीवुड पर सबसे ज्यादा नेपोटिज्म का आरोप लगता रहा है. ऐसा कहा जाता है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कुछ मठाधीश बाहरी कलाकारों की उपेक्षा करके नेपो किड्स को अपनी फिल्मों में मौका देते रहे हैं. नेपो किड्स की बात करें तो इस फेहरिस्त में वरुण धवन, अनन्या पांडे, सारा अली खान, श्रद्धा कपूर, अहान शेट्टी, अर्जुन कपूर, जाह्नवी कपूर और आलिया भट्ट का नाम प्रमुखता से लिया जाता है. 2012 में करण जौहर की फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' से बॉलीवुड डेब्यू करने वाली आलिया का नेपो किड्स के नाम पर सबसे ज्यादा मजाक उड़ा गया है. उस वक्त कहा गया कि महेश भट्ट की बेटी होने की वजह से उनको फिल्मों में इतनी आसानी से काम मिल गया.
आलिया भट्ट ने तमाम आरोपों के बीच अपनी मेहनत जारी रखा और उसी साल रिलीज हुई फिल्म 'हाईवे' में अपने दमदार अभिनय के जरिए आलोचकों का मुंह बंद कर दिया. इस फिल्म में वीरा त्रिपाठी के किरदार में उनके धांसू अभिनय ने उन पर लगे नेपोटिज्म के दाग को धोना शुरू कर दिया. इसके बाद साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म 'राजी' के जरिए उन्होंने साबित कर दिया कि फिल्मों में मौका उन्हें भले ही नेपोटिज्म की वजह से मिला हो, लेकिन अपने एक्टिंग टैलेंट के दम पर वो बहुत आगे जाने वाली हैं. 'राजी' उनके करियर में फिल्म का पत्थर साबित हुई. इस बीच 'उड़ता पंजाब' और 'डियर जिंदगी' जैसी फिल्मों के जरिए वो अपनी सशक्त उपस्थिति बनाए हुई थी. इस साल रिलीज हुई अपनी दो फिल्मों 'गंगूबाई काठियावाड़ी' और 'डार्लिंग्स' में अपनी अलहदा अदाकारी के जरिए उन्होंने हर किसी का दिल जीत लिया है.
फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में एक वेश्या से माफिया क्वीन बनी गंगूबाई का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री आलिया भट्ट ने अपने दमदार अभिनय प्रदर्शन से हर किसी को हैरान कर दिया था. आलिया जैसी नाजुक काया और मासूम चेहरे वाली एक अभिनेत्री के लिए इतना सशक्त किरदार निभाना किसी चुनौती से कम नहीं था. लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए अपनी पूरी ताकत लगा दी. संजय लीला भंसाली जैसे दिग्गज निर्देशक के कुशल निर्देशन में उनका अभिनय खिलकर सामने आया. इस किरदार के लिए जरूरी हर नाज-ओ-अंदाज, हिम्मत, ताकत, गुस्सा, साहस, प्यार जैसे हर भाव उनके चेहरे पर साफ नजर आते हैं. फिल्म ने उन्हें नए मुकाम पर खड़ा कर दिया है. इस तरह आलिया भट्ट ने यह भी साबित किया है कि वो महेश भट्ट की बेटी होने के बावजूद अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर बॉलीवुड में टिकी हुई हैं.
लगातार अपनी फिल्मों के जरिए बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कारोबार कर रही हैं. इसकी गवाही उनकी फिल्में ही दे रही हैं. देखा जाए तो एक्ट्रेस ने अभी तक कुल 19 फिल्में की हैं. इनमें 13 फिल्मों में ही वो लीड रोल में नजर आई हैं. इन 13 फिल्मों में 7 फिल्में सुपरहिट/हिट रही हैं, 3 फिल्में औसत सफल रही हैं और 3 फिल्में फ्लॉप हुई हैं. इस तरह से उनकी फिल्मों का ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर दिखाई देता है. यदि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की बात की जाए, तो आलिया की पांच फिल्में 100 करोड़ क्लब में शामिल हुई हैं. इनमें साल 2019 में रिलीज हुई फिल्म 'गली बॉय' ने 140 करोड़ रुपए, साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म 'राजी' ने 200 करोड़ रुपए, साल 2017 में रिलीज हुई फिल्म 'बदरीनाथ की दुल्हनियां' ने 206 करोड़ रुपए, साल 2016 में रिलीज हुई फिल्म 'डियर जिंदगी' ने 140 करोड़ रुपए, फिल्म 'उड़ता पंजाब' ने 100 करोड़ रुपए, साल 2014 में रिलीज हुई फिल्म '2 स्टेट्स' ने 175 करोड़ रुपए की कमाई की है. इनमें से कई फिल्मों ने अपनी लागत से 6-7 गुना अधिक बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया है.
पांच फिल्में जो आलिया भट्ट पर लगे नेपोटिज्म के दाग धो देती हैं...
1. हाईवे (Highway)
2014 में रिलीज हुई इम्तियाज अली की फिल्म 'हाईवे' में आलिया भट्ट और रणदीप हुड्डा लीड रोल में हैं. फिल्म की कहानी दिलचस्प है, क्योंकि हाईवे के सफर में रोमांस, ड्रामा, इमोशन और सस्पेंस बखूबी मौजूद हैं. शहरों के बड़े-बड़े घरों के अंदर भी कितनी गंदगी और कितना खालीपन है, ये फिल्म में इम्तियाज ने अपने किरदार वीरा त्रिपाठी के जरिए दिखाने की कोशिश की है. फिल्म में आलिया भट्ट ने वीरा त्रिपाठी और रणदीप हुड्डा ने महाबीर भाटी का किरदार निभाया है. इस फिल्म में आलिया के अभिनय को देखकर हर कोई हैरान रह गया था. क्योंकि ये उनकी दूसरी फिल्म हैं. इस दौरान इनके ऊपर नेपोटिज्म के लगातार आरोप लग रहे थे और लोग सोशल मीडिया पर मजाक भी उड़ा रहे थे. इसके बावजूद उन्होंने फिल्म में जिस तरह से अभिनय किया, उनकी बुराई करने वाले खुद ही चुप हो गए. अपने अभिनय के जरिए उन्होंने खुद को साबित कर दिया था.
2. राजी (Raazi)
2018 में रिलीज हुई थ्रिलर ड्रामा 'राजी' का निर्देशन मेघना गुलज़ार ने किया है. फिल्म में आलिया भट्ट, विक्की कौशल, अमरुता खांविलकर और सोनी राज़दान प्रमुख भूमिका में हैं. ये फिल्म हरिंदर सिक्का के उपन्यास 'कॉलिंग सहमत' पर आधारित है. इसमें 1971 में भारत-पाक के युद्ध के दौरान भारतीय सीक्रेट एजेंट की पाकिस्तानी मिलिट्री ऑफिसर से शादी की कहानी को दिखाया गया है. फिल्म में आलिया ने कशमीर की रहने वाली एक लड़की सहमत का किरदार निभाया है. दिल्ली में पढ़ाई करने वाली सहमत पिता की बीमारी की वजह से अचानक अपने घर आ जाती है. उसके पिता जासूस होते हैं, जो अपनी बेटी को भी इसी काम में लगाना चाहते हैं. इस तरह एक पाकिस्तानी अफसर से शादी करके सहमत पाकिस्तान चली जाती है. वहां जाने के बाद भारत के लिए जासूसी करने लगती है. फिल्म में सहमत के किरदार में आलिया एकदम फिट बैठी हैं. इमोशंस और एक्शन से भरा यह किरदार काफी कठिन है, लेकिन आलिया ने इसे बखूबी निभाया है. इस फिल्म को आलिया के करियर में मील का पत्थर माना जाता है.
3. गली बॉय (Gully Boy)
2019 में रिलीज हुई जोया अख्तर की फिल्म 'गली बॉय' में आलिया भट्ट, रणवीर सिंह और सिद्धांत चतुर्वेदी लीड रोल में हैं. फिल्म की कहानी एक साधारण लड़के मुराद (रणवीर सिंह) पर आधारित है. वो रैपर बनना चाहता है, लेकिन उसके पिता विरोध करते हैं. जोया (आलिया भट्ट) उसकी गर्लफ्रैंड है, जो डॉक्टर बनना चाहती है. इस फिल्म में जोया के किरदार में आलिया ने जबरदस्त काम किया है. वह बिलकुल ही परिपक्व लड़की लगती हैं और जिंदगी के प्रति उनकी सोच बिलकुल स्पष्ट है. कब और कैसे काम निकालना है, इसे बहुत अच्छे से जानती हैं. फिल्म में उनका किरदार छोटा है, लेकिन कद बहुत बड़ा है. 'मेरे बॉयफ्रेंड गुलु-गुलु करेगी तो धोपकोएंगी ना उसको' और 'अपना टाईम आएगा' जैसे फिल्म के डायलॉग बहुत हिट हुए थे. 'गली बॉय' को आलिया के करियर की बेहतरीन फिल्मों में से एक माना जा सकता है, जिसमें उन्होंने सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है.
4. गंगूबाई काठियावाड़ी (Gangubai Kathiawadi)
फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' मुंबई के कमाठीपुरा की सेक्स वर्कर गंगूबाई हरजीवनदास काठियावाड़ी की सच्ची कहानी पर आधारित है. इस फिल्म को महिला सशक्तिकरण का अप्रतिम उदाहरण कहा जा सकता है. यह एक ऐसी महिला की कहानी है, जिसका प्रेमी उसे हिरोइन बनाने के सपने दिखाकर घर से भगाता है और मुंबई लाकर एक चकलाघर में बेच जाता है. वहां तमाम जुल्म-ओ-सितम सहने के बाद मजबूरन देहव्यापार करने वाली महिला के सपने बड़े हैं. अपने सपनों को पूरा करने के लिए गंगूबाई जो कुछ करती है, उसी की कहानी फिल्म में दिखाई गई है. फिल्म का निर्देशन बॉलीवुड के दिग्गज फिल्म मेकर संजय लीला भंसाली ने किया है. इस फिल्म में आलिया भट्ट, अजय देवगन, विजय राज और सीमा पाहवा जैसे कलाकार लीड रोल में हैं. सेक्स वर्कर के किरदार में आलिया भट्ट ने जबरदस्त अभिनय किया है. इस फिल्म ने उन्हें अलग मुकाम पर खड़ा कर दिया है.
5. डार्लिंग्स (Darlings)
शाहरुख खान की होम प्रोडक्शन फिल्म 'डार्लिंग' में आलिया भट्ट, शेफाली शाह, विजय वर्मा और रोशन मैथ्यू लीड रोल में हैं. यह फिल्म एक मां-बेटी की अनोखी कहानी है, जो दुनिया में अपनी जगह बनाने की कोशिश में रोमांच से भरपूर परिस्थितियों से गुजरती हैं. फिल्म में शेफाली शाह मां और आलिया भट्ट बेटी के किरदार में हैं. यह एक डार्क कॉमेडी है, जो मुंबई में एक कंज़र्वेटिव लोवर मिडिल-क्लास के बैकग्राउंड पर आधारित है. इसमें इन दो महिलाओं के सफ़र को दर्शाया गया है. इसमें घरेलू हिंसा को एक नए तरीके से पेश किया गया है. इसमें हिंसा की शिकार महिला डरती और सहती नहीं है, न ही पति से अलग होकर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करती है, बल्कि उसके साथ रहते हुए उसको वैसा ही सबक सिखाती है, जैसा उसके साथ बर्ताव किया गया है. फिल्म में हिंसा पीड़ित के किरदार में आलिया की नेचुरल अदाकारी देखकर लगता ही नहीं कि वो अभिनय कर रही है.
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