आलिया भट्ट.... हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के बेहद चहेते चेहरों में से एक, जिसने समय के साथ अपनी एक्टिंग काबिलियत ने न सिर्फ लोगों के दिलों में जगह बनाई, बल्कि उस अवधारणा को भी तोड़ने की कोशिश की कि स्टार किड्स उतने टैलेंटेड नहीं होते, जिस तरह की उन्हें फ़िल्में मिलती हैं या फ़िल्मों में रोल. आलिया भट्ट ने महज 8 साल में बॉलीवुड में इतना नाम कमा लिया है कि हर डायरेक्टर उनके साथ काम करना चाहते हैं. लेकिन सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद फ़िल्म इंडस्ट्री और बॉलीवुड माफियाओं की हकीकत जिस तरह से सामने आई, उसके बाद आलिया भट्ट का करियर जरूर बुरी तरह से प्रभावित हुआ. अपने मेन्टॉर करण जौहर के शो कॉफी विद करण में सुशांत सिंह के राजपूत का मजाक बनाना आलिया पर इतना भारी पड़ गया कि आज लोग आलिया को ट्रोल कर रहे हैं और उनकी आने वाली फ़िल्म सड़क 2 के खिलाफ कैंपेन कर रहे हैं. लेकिन ये न भूलें कि आलिया सिर्फ सड़क 2 या सुशांत के ऊपर कमेंट करने की वजह से ही लोगों की नजरों में हैं.
आलिया ने पिछले 8 साल में हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी मेहनत और टैलेंट के बल पर नाम कमाया है. तभी तो मशहूर डायरेक्टर प्रकाश झा ने आलिया भट्ट का समर्थन करते हुए कहा है कि आलिया बेहद प्रभावशाली अभिनेत्री हैं और उनकी फ़िल्म के खिलाफ इस तरह का विवाद बेहद निराशाजनक और गलत है. प्रकाश झा ने कहा कि लोग बिना किसी सबूत के महेश भट्ट साब और आलिया भट्ट की फ़िल्म सड़क 2 को टारगेट कर रहे हैं. यह सच है कि आलिया ने बेहद कम समय में अपनी फ़िल्मों में जिस तरह की अदाकारी की मिसाल पेश की है, वह सबके बस की बात नहीं है. चाहे इम्तियाज अली की फ़िल्म हाइवे की वीरा त्रिपाठी हो, अभिषेक चौबे की उड़ता पंजाब की बिहार बौरिया हो, गौरी शिंदे की फ़िल्म डियर जिंदगी की कायरा हो, मेघना गुलजार की फ़िल्म राजी की सहमत खान हो या जोया अख्तर की फ़िल्म गली बॉय की सफीना, आलिया हर फ़िल्म में बेहद जबरदस्त रही हैं और उन्होंने अपनी अदाकारी से दर्शकों के साथ ही फ़िल्म आलोचकों का भी दिल जीता है.
आलिया की आलोचना...
आलिया भट्ट.... हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के बेहद चहेते चेहरों में से एक, जिसने समय के साथ अपनी एक्टिंग काबिलियत ने न सिर्फ लोगों के दिलों में जगह बनाई, बल्कि उस अवधारणा को भी तोड़ने की कोशिश की कि स्टार किड्स उतने टैलेंटेड नहीं होते, जिस तरह की उन्हें फ़िल्में मिलती हैं या फ़िल्मों में रोल. आलिया भट्ट ने महज 8 साल में बॉलीवुड में इतना नाम कमा लिया है कि हर डायरेक्टर उनके साथ काम करना चाहते हैं. लेकिन सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद फ़िल्म इंडस्ट्री और बॉलीवुड माफियाओं की हकीकत जिस तरह से सामने आई, उसके बाद आलिया भट्ट का करियर जरूर बुरी तरह से प्रभावित हुआ. अपने मेन्टॉर करण जौहर के शो कॉफी विद करण में सुशांत सिंह के राजपूत का मजाक बनाना आलिया पर इतना भारी पड़ गया कि आज लोग आलिया को ट्रोल कर रहे हैं और उनकी आने वाली फ़िल्म सड़क 2 के खिलाफ कैंपेन कर रहे हैं. लेकिन ये न भूलें कि आलिया सिर्फ सड़क 2 या सुशांत के ऊपर कमेंट करने की वजह से ही लोगों की नजरों में हैं.
आलिया ने पिछले 8 साल में हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी मेहनत और टैलेंट के बल पर नाम कमाया है. तभी तो मशहूर डायरेक्टर प्रकाश झा ने आलिया भट्ट का समर्थन करते हुए कहा है कि आलिया बेहद प्रभावशाली अभिनेत्री हैं और उनकी फ़िल्म के खिलाफ इस तरह का विवाद बेहद निराशाजनक और गलत है. प्रकाश झा ने कहा कि लोग बिना किसी सबूत के महेश भट्ट साब और आलिया भट्ट की फ़िल्म सड़क 2 को टारगेट कर रहे हैं. यह सच है कि आलिया ने बेहद कम समय में अपनी फ़िल्मों में जिस तरह की अदाकारी की मिसाल पेश की है, वह सबके बस की बात नहीं है. चाहे इम्तियाज अली की फ़िल्म हाइवे की वीरा त्रिपाठी हो, अभिषेक चौबे की उड़ता पंजाब की बिहार बौरिया हो, गौरी शिंदे की फ़िल्म डियर जिंदगी की कायरा हो, मेघना गुलजार की फ़िल्म राजी की सहमत खान हो या जोया अख्तर की फ़िल्म गली बॉय की सफीना, आलिया हर फ़िल्म में बेहद जबरदस्त रही हैं और उन्होंने अपनी अदाकारी से दर्शकों के साथ ही फ़िल्म आलोचकों का भी दिल जीता है.
आलिया की आलोचना की वजह क्या?
आलिया भट्ट को भले अपने पिता महेश भट्ट के नाम का फायदा मिला हो और स्टार किड्स होने की वजह से धर्मा प्रोडक्शन की फ़िल्म से बॉलीवुड डेब्यू करने का मौका मिला हो, लेकिन बाद की मेहनत आलिया ने खुद की है और फ़िल्म दर फ़िल्म उनकी अदाकारी में निखार आता गया है. एक समय था, जब आलिया को लोग बेवकूफ समझते थे और उनके सामान्य ज्ञान का खूब मजाक उड़ाते थे. लेकिन आलिया ने अपने आलोचकों का अपनी एक्टिंग एबिलिटी से जवाब दिया और साबित किया कि वह जिस काम के लिए फ़िल्म इंडस्ट्री में आई हैं, वो काम उन्हें बखूबी आता है. ऐसे में बीती बातों को लेकर आलिया को ट्रोल करने वाले और उनकी फ़िल्म सड़क 2 के खिलाफ कैंपेन करने वाले शायद आलिया भट्ट की राजी, उड़ता पंजाब, गली बॉय, डियर जिंदगी, हाइवे और कपूर एंड संस जैसी फ़िल्में भूल चुके हैं. कुछ समय पहले गंगुबाई काठियावाड़ी और आरआरआर फिल्म मिलने के बाद आलिया को सबसे टैलेंटेड एक्ट्रेस कहने वाले आज उन्हें नेपोटिज्म की उपज और आउटसाइडर्स से भेदभाव करने वाला बताकर उनकी आलोचना कर रहे हैं.
सड़क 2 के खिलाफ कैंपेन कितना जायज?
कुछ दिन पहले रणबीर कपूर के साथ भी ऐसा ही हुआ था और लोग उन्हें नेपोटिज्म के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन रणबीर से साथ अच्छा हुआ कि उनकी कोई फ़िल्म नहीं आ रही है, आलिया भट्ट की तो सड़क 2 आ रही है, जिसमें संजय दत्त, आदित्य रॉय कपूर, पूजा भट्ट और मकरंद देशपांडे समेत कई कलाकार हैं. ऐसे में आलिया को सिर्फ इसलिए टारगेट करना कि वह महेश भट्ट की बेटी हैं या कभी उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत के खिलाफ टिप्पणी कर दी या उनकी करण जौहर से अच्छी बनती है, ये सही नहीं है. यह जीवन का फलसफा है कि पल-पल बदलते मिजाज के गुलाम आदमी को आप सिर्फ इसलिए जज नहीं कर सकते थे कि कभी उसने गुस्से या भावावेश में कुछ वैसी बातें कर दी, जिससे किसी के दिल को चोट लग सकती है. आलिया भट्ट तो पिछले 2 महीने से ट्रोल हो रही हैं और लोगों ने उनकी फ़िल्म सड़क 2 के खिलाफ इतना नेगेटिव कैंपेन कर दिया है कि फिल्म पर वाकई इसका असर पड़ने वाला है. मैं आलिया की आलोचना करने वालों से बस ये सवाल करना चाहूंगा कि क्या वाकई आपके पास आलिया को ट्रोल करने के लिए या उनकी फ़िल्म सड़क 2 के बहिष्कार की मांग के पीछे वाजिब वजह है? अगर इसका जवाब मिल जाए तो बताइएगा.
जरा आलिया को जान लें ठीक से..
साल 2012 में करण जौहर की फ़िल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर से बॉलीवुड डेब्यू करने वालीं स्टार किड आलिया भट्ट को अब तक 4 बार बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल चुका है. स्टूडेंट ऑफ द ईयर के लिए बेस्ट फिमेल डेब्यू के फिल्मफेयर अवॉर्ड के बाद आलिया को इम्तियाज अली की फ़िल्म हाइवे, अभिषेक चौबे की फ़िल्म उड़ता पंजाब, मेघना गुलजार की फ़िल्म राजी और जोया अख्तर की फ़िल्म गली बॉय के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल चुका है. फ़िल्म इंडस्ट्री में फिल्मफेयर अवॉर्ड की अहमियत तो जानते हीं होंगे. यही नहीं चाहे 2 स्टेट हो, हंप्टी शर्मा की दुल्हनिया हो, बद्रीनाथ की दुल्हनिया हो, कपूर एंड संस हो, डियर जिंदगी हो या कलंक, लगभग हर फ़िल्मों के लिए आलिया की एक्टिंग की सराहना हुई और साल दर साल उनकी अदाकारी लोगों को दीवाना बनाती गई. ऐसे में कोई कैसे आलिया के टैलेंट पर सवाल उठाते हुए उन्हें नेपोटिज्म को लेकर ट्रोल करेगा या उनकी फिल्म का बहिष्कार करेगा. माना कि आलिया करण जौहर या अन्य बड़े प्रोड्यूसर की लाडली हैं, लेकिन इसका ये मतलब तो नहीं कि उनकी गैर जरूरी आलोचना हो. माना कि आलोचना हो भी गई, लेकिन सड़क 2 के बहिष्कार की कोई ठोस वजह तो ले आते. जिस तरह आलिया ने भावावेश में सुशांत का मजाक बना दिया, उसी तरह लोग भी बस भावावेश में सड़क 2 के खिलाफ कैंपेन चलाए जा रहे हैं.
आलिया आगे भी फ़िल्मों में छाई रहेगीं!
यकीन के साथ कहता हूं कि आने वाले समय में फिर से आप आलिया की फ़िल्में देखने से खुद को रोक नहीं पाएंगे और एहसास करेंगे कि आलोचना अपनी जगह, लेकिन किसी एक्ट्रेस की फ़िल्म के बहिष्कार के पीछे कोई ठोस वजह होनी चाहिए. आलिया आने वाले समय में अपने बॉयफ्रेंड रणबीर कपूर के साथ अयान मुखर्जी की फ़िल्म ब्रह्मास्त्र में नजर आने वाली हैं. उसके साथ ही वह एसएस रजामौली की फ़िल्म आरआरआर में अजय देवगन, राम चरण और जूनियर एनटीआर के साथ दिखने वाली हैं. इस साल के आखिर में वह संजय लीला भंसाली की फ़िल्म गंगुबाई काठियावाड़ी में भी लीड रोल में नजर आने वाली हैं. संजय लीला भंसाली की गंगुबाई महिला प्रधान फ़िल्म है. आलिया भट्ट फिलहाल बॉलीवुड की टॉप 5 एक्ट्रेस में से हैं, जिन्हें लोग बड़े पर्दे पर देखना चाहते हैं.
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