क्रिकेट भारत में धर्म की तरह है. यही एक ऐसी चीज है जो असल मायने में जाति-देश-धर्म-राजनीति से परे जाकर समूचे देश को एक सूत्र में बांधने के काम आता है. क्रिकेट के लिए लोगों का जुनून भी देखते बनता है. मगर क्रिकेट के प्रशंसकों का मूड नवंबर में ख़त्म हुई टी 20 विश्वकप में टीम इंडिया के लचर प्रदर्शन की वजह से खराब है. एक तो टीम पाकिस्तान के हाथों हार गई और अंतिम चार में भी जगह बनाने में नाकाम रही. टीम इंडिया ने भले मूड खराब किया है मगर क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाले दर्शकों के मनोरंजन का पूरा इंतजाम अमेजन प्राइम वीडियो ने किया है.
अमेजन ने इनसाइड एज के तीसरे सीजन की तारीख बता दी है. 3 दिसंबर से शो का नया सीजन स्ट्रीम होगा. बहुत से दर्शक इसका इंतज़ार भी कर रहे होंगे. इनसाइड एज को करण अंशुमान का क्रिएशन है. इसकी कहानी में स्पॉट फिक्सिंग, कॉरपोरेट-माफिया की घुसपैठ, क्रिकेट से जुड़े बिजनेस, उसके पीछे की राजनीति, खिलाड़ियों की मसालेदार निजी जिंदगी, नशाखोरी, खिलाड़ियों के बीच वर्चस्व जैसी तमाम चीजें आईपीएल से जुड़े विवादों से हू-ब-हू प्रेरित दिखती हैं.
टीम में सिलेक्शन, क्षेत्रवाद, जातिवाद और क्रिकेट के भ्रष्टाचार की भी कहानी नजर आती है. अब तक के दो सीजन में फ़िल्मी सितारों का टीम मालिक बनना और उनके निजी जीवन की महत्वाकांक्षाओं को प्रभावशाली तरीके से दिखाया गया है.
इनसाइड एज के पहले दोनों सीजन बांधकर रखते हैं. क्रिकेट से जुड़ी देसी सीरीज का बेंचमार्क है. इनसाइड एज में अब तक के दो सीजन तीसरा सीजन देखने के लिए किसी को भी प्रेरित करने के लिए काफी है....
क्रिकेट भारत में धर्म की तरह है. यही एक ऐसी चीज है जो असल मायने में जाति-देश-धर्म-राजनीति से परे जाकर समूचे देश को एक सूत्र में बांधने के काम आता है. क्रिकेट के लिए लोगों का जुनून भी देखते बनता है. मगर क्रिकेट के प्रशंसकों का मूड नवंबर में ख़त्म हुई टी 20 विश्वकप में टीम इंडिया के लचर प्रदर्शन की वजह से खराब है. एक तो टीम पाकिस्तान के हाथों हार गई और अंतिम चार में भी जगह बनाने में नाकाम रही. टीम इंडिया ने भले मूड खराब किया है मगर क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाले दर्शकों के मनोरंजन का पूरा इंतजाम अमेजन प्राइम वीडियो ने किया है.
अमेजन ने इनसाइड एज के तीसरे सीजन की तारीख बता दी है. 3 दिसंबर से शो का नया सीजन स्ट्रीम होगा. बहुत से दर्शक इसका इंतज़ार भी कर रहे होंगे. इनसाइड एज को करण अंशुमान का क्रिएशन है. इसकी कहानी में स्पॉट फिक्सिंग, कॉरपोरेट-माफिया की घुसपैठ, क्रिकेट से जुड़े बिजनेस, उसके पीछे की राजनीति, खिलाड़ियों की मसालेदार निजी जिंदगी, नशाखोरी, खिलाड़ियों के बीच वर्चस्व जैसी तमाम चीजें आईपीएल से जुड़े विवादों से हू-ब-हू प्रेरित दिखती हैं.
टीम में सिलेक्शन, क्षेत्रवाद, जातिवाद और क्रिकेट के भ्रष्टाचार की भी कहानी नजर आती है. अब तक के दो सीजन में फ़िल्मी सितारों का टीम मालिक बनना और उनके निजी जीवन की महत्वाकांक्षाओं को प्रभावशाली तरीके से दिखाया गया है.
इनसाइड एज के पहले दोनों सीजन बांधकर रखते हैं. क्रिकेट से जुड़ी देसी सीरीज का बेंचमार्क है. इनसाइड एज में अब तक के दो सीजन तीसरा सीजन देखने के लिए किसी को भी प्रेरित करने के लिए काफी है. सीरीज को कुछ इस तरह बनाया गया है कि यह आईपीएल के इवेंट का भ्रम देता है. और वास्तविक घटनाएं सीरीज के साथ जोड़ती चली जाती हैं. इनसाइड एज में थ्रिल, रोमांच और तड़क-भड़क की कोई कमी नहीं है.
शो की स्टारकास्ट ने भी लाजवाब काम किया है. विवेक ओबेरॉय, रिचा चड्ढा, सिद्धांत चतुर्वेदी, तनुज वीरवानी, अंगद बेदी, सयानी गुप्ता, आमिर बशीर, सपना पब्बी, मनु ऋषि, अमित सियाल, करण ओबेरॉय और आशा सैनी जैसे कलाकारों ने उम्दा अभिनय किया है. विवेक ओबेरॉय का कैरेक्टर निगेटिव है. वो एक ऐसे क्रिकेट माफिया के रूप में नजर आते हैं जो क्रिकेट की राजनीति और इवेंट्स को प्रभावित करते हैं. ऋचा चड्ढा फिल्म एक्ट्रेस हैं जिनका करियर ढलान पर है और टीम फ्रेंचाइजी की मालकिन हैं. गली बॉय जैसी फिल्म सड़े बड़े पैमाने पर शोहरत हासिल करने वाले सिद्धांत चतुर्वेदी ने शो में एक तेज गेंदबाज की भूमिका निभाई है. उनका किरदार ग्रामीण और दलित पृष्ठभूमि से आने वाले क्रिकेटर का है.
इनसाइड एज में कनिष्क वर्मा का निर्देशन है. यह शो ओटीटी स्पेस में उस वक्त आया था जब मनोरंजन के एक साधन के रूप में ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर एक शोर सुनने को मिल रहा था. इनसाइड एज ओटीटी पर आए उन शुरुआती शोज में शामिल किया जा सकता है जो बड़े पैमाने पर भारतीय दर्शकों को ओटीटी की ओर लेकर आया. ग्लोबल ऑडियंस का ध्यान भी इस शो की ओर गया.
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