किसी सितारे से किस तरह की सामाजिक जवाबदेही की उम्मीद की जानी चाहिए. ये सवाल उस वक्त अहम हो जाता है जब वो सितारा कोई और नहीं सदी का महानायक करार दिया गया अमिताभ बच्चन हो. ऐसा सितारा जिसे उसके प्रशंसक डूबकर चाहते हों और सिर-माथे पर बिठाते हों. दिमाग में ये बातें घूमने की वजहें हैं. दरअसल, बिग बी ने पान मसाला का एक विज्ञापन किया है जिसे लेकर बहस शुरू हो गई है. बहस भी तब शुरू हुई जब एक यूजर ने सीधे सोशल मीडिया पर अमिताभ से सवाल कर दिया और उस पर महानायक ने जवाब देते हुए अपना पक्ष रखा. महानायक ने रोजी-रोजगार का हवाला देते हुए जवाब दिया- "मान्यवर, क्षमा प्रार्थी हूं, किसी भी व्यवसाय में यदि किसी का भला हो रहा है, तो ये नहीं सोचना चाहिए कि हम उसके साथ क्यों जुड़ रहे हैं. हां यदि व्यवसाय है तो उसमें हमें भी अपने व्यवसाय के बारे में सोचना पड़ता है."
"अब आपको ये लग रहा है कि मुझे ये नहीं करना चाहिए था, लेकिन इसको करने से, हां मुझे भी धनराशि मिलती है, लेकिन हमारे इंडस्ट्री में जो बहुत से लोग काम कर रहे हैं. जो कि कर्मचारी हैं, उनको भी काम मिलता है और धन भी. मान्यवर टटपूंजिया शब्द आपके मुख से शोभा नहीं देता और न ही हमारी इंडस्ट्री के अन्य कलाकारों को भी शोभित करता है. आदर सहित नमस्कार करता हूं." यहां अमिताभ सिर्फ अपना ही बचाव नहीं कर रहे हैं बल्कि ऐसा करने वाले दूसरे फ़िल्मी सितारों के प्रवक्ता की तरह जवाब भी दे रहे हैं.
स्वाभाविक था कि अमिताभ का यह जवाब सोशल मीडिया पर नोटिस किया गया और लोग अपना पक्ष रख रहे हैं. शराब या तंबाकू का प्रचार करने वाले अमिताभ पहले शख्स नहीं हैं. उनसे पहले कई दिग्गज फिल्मी सितारों ने पान मसाला का विज्ञापन देख भी रहे होंगे और इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कुछ उसके इस्तेमाल लिए प्रेरित भी हो रहे होंगे. विज्ञापन करने...
किसी सितारे से किस तरह की सामाजिक जवाबदेही की उम्मीद की जानी चाहिए. ये सवाल उस वक्त अहम हो जाता है जब वो सितारा कोई और नहीं सदी का महानायक करार दिया गया अमिताभ बच्चन हो. ऐसा सितारा जिसे उसके प्रशंसक डूबकर चाहते हों और सिर-माथे पर बिठाते हों. दिमाग में ये बातें घूमने की वजहें हैं. दरअसल, बिग बी ने पान मसाला का एक विज्ञापन किया है जिसे लेकर बहस शुरू हो गई है. बहस भी तब शुरू हुई जब एक यूजर ने सीधे सोशल मीडिया पर अमिताभ से सवाल कर दिया और उस पर महानायक ने जवाब देते हुए अपना पक्ष रखा. महानायक ने रोजी-रोजगार का हवाला देते हुए जवाब दिया- "मान्यवर, क्षमा प्रार्थी हूं, किसी भी व्यवसाय में यदि किसी का भला हो रहा है, तो ये नहीं सोचना चाहिए कि हम उसके साथ क्यों जुड़ रहे हैं. हां यदि व्यवसाय है तो उसमें हमें भी अपने व्यवसाय के बारे में सोचना पड़ता है."
"अब आपको ये लग रहा है कि मुझे ये नहीं करना चाहिए था, लेकिन इसको करने से, हां मुझे भी धनराशि मिलती है, लेकिन हमारे इंडस्ट्री में जो बहुत से लोग काम कर रहे हैं. जो कि कर्मचारी हैं, उनको भी काम मिलता है और धन भी. मान्यवर टटपूंजिया शब्द आपके मुख से शोभा नहीं देता और न ही हमारी इंडस्ट्री के अन्य कलाकारों को भी शोभित करता है. आदर सहित नमस्कार करता हूं." यहां अमिताभ सिर्फ अपना ही बचाव नहीं कर रहे हैं बल्कि ऐसा करने वाले दूसरे फ़िल्मी सितारों के प्रवक्ता की तरह जवाब भी दे रहे हैं.
स्वाभाविक था कि अमिताभ का यह जवाब सोशल मीडिया पर नोटिस किया गया और लोग अपना पक्ष रख रहे हैं. शराब या तंबाकू का प्रचार करने वाले अमिताभ पहले शख्स नहीं हैं. उनसे पहले कई दिग्गज फिल्मी सितारों ने पान मसाला का विज्ञापन देख भी रहे होंगे और इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कुछ उसके इस्तेमाल लिए प्रेरित भी हो रहे होंगे. विज्ञापन करने वालों में सलमान खान शाहरुख खान अजय देवगन, मनोज बाजपेयी जैसे दिग्गज शामिल हैं. कई सितारों ने शराब का भी विज्ञापन किया है। और ऐसा भी नहीं है कि हल्ला सिर्फ अमिताभ के विज्ञापन पर ही मचा है.
कम से कम अमिताभ से एक जिम्मेदारी की अपेक्षा थी. यह जिम्मेदारी तब और बढ़ जाती है जब ड्रग्स मामलों को लेकर फिल्म इंडस्ट्री के नामचीन चेहरे सवालों के घेरे में हैं. सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि महानायक पोलियो जैसे सरकारी हेल्थ कैंपेन का ब्रांड अम्बेसडर भी रह चुके हैं. एक तरफ अमिताभ जैसे सितारे स्वास्थ्य चेतावनी देते नजर आते हैं, थियेटर में उनकी फिल्मों के चलने से पहले तंबाकू, सिगरेट और शराब से होने वाले नुकसान को लेकर सचेत किया जाता है. वहीं दूसरी तरफ अपने प्रशंसकों को पान मसाला जैसी हानिकारक चीजों को इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करते नजर आते हैं. असमंजस यह है कि अमिताभ की कौन सी चीज के साथ प्रशंसक जाएं? पोलियो से जंग के खिलाफ दो बूंद जिंदगी का संदेश माने, सिगरेट तम्बाकू छोड़ दें या फिर पान मसाले का एक पाउच मुंह में दबाकर कैंसर जैसी बीमारी को न्यौता दें. है ना हैरानी वाली बात. जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ भारत में हर साल 10 लाख से ज्यादा लोग तंबाकू के कैंसर से जान गंवा बैठते हैं.
साल 2016 में जेम्स बांड फेम हॉलीवुड एक्टर पियर्स ब्रासनन ने एक पान मसाला का विज्ञापन किया था. विज्ञापन पर उनकी खूब आलोचना हुई. यहां तक कि एक्टर को सामने आना पड़ा और उन्होंने बताया कि उनसे धोखे में ये विज्ञापन शूट करवाया गया था. उन्होंने तब माफी भी मांगी थी. लेकिन कभी यह तर्क देते नजर नहीं आए कि व्यवसाय है, इससे किसी का फायदा होता है तो इसमें क्या बुराई है. और यह भी कि लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले विज्ञापन के बदले उन्हें मोटी रकम मिलती है, इससे लोगों का रोजी रोजगार चलता है.
हैरानी की बात यही है कि लगभग एक जैसे विज्ञापन पर दो सितारों के अलग-अलग नजरिए देखने को मिल रहे हैं. उनके जवाब में उनकी जिम्मेदारी भी दिख रही है. जिस लोक ने महानायक के रूप में अमिताभ को गढ़ा, पैसों की वजह से उसके लिए उनकी कोई जिमेदारी नहीं दिखती यह दुर्भाग्य से काम नहीं हैं. अमिताभ से पूछना चाहिए कि व्यवसाय तो बहुत सारी-गलत चीजों का है और तमाम लोग उसी के जरिए आमदनी भी कर रहे हैं. अपना घर बार चला रहे हैं. तो क्या उसे जायज ठहराया जा सकता है? सिर्फ इस बिना पर कि उसी व्यवसाय के विज्ञापन के जरिए अमिताभ जैसों को भी फीस मिल रही है. वसूली, कालाबाजारी, सट्टेबाजी भी तो व्यवसाय की तरह ही कुछ लोग ऑपरेट करते हैं. अमिताभ के तर्क की कसौटी में तो ये सभी चीजें भी अपनी जगह सही दिख रही हैं.
अमिताभ से ऐसे जवाब की अपेक्षा नहीं थी.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.