'मुल्क', 'आर्टिकल 15', 'थप्पड़' और 'गुलाब गैंग' जैसी फिल्मों के जरिए गंभीर और संवेदनशील सामाजिक मुद्दे उठाने वाले फिल्म मेकर अनुभव सिन्हा इस बार समाज से आगे बढ़ते हुए पूरे देश की बात करते नजर आ रहे हैं. जी हां, उनकी हालिया रिलीज फिल्म अनेक में नॉर्थ ईस्ट इंडिया के राजनीतिक टकराव की सनसनीखेज कहानी पेश की गई है. ''इंडिया, इंडिया...कितना अच्छा लगता है ये सुनकर इंडिया, इंडिया...मैं इसी इंडिया की सुरक्षा के लिए काम करता हूं''...इस फिल्म में आयुष्मान खुराना का किरदार जब ये डायलॉग बोलता है, तो समझ में आ जाता है मेकर्स इस फिल्म के जरिए किस तरह का राष्ट्रीय संदेश देना चाह रहे हैं.
फिल्म 'अनेक' में न तो मसाला मिलेगा, न ही रोमांस का तड़का, लेकिन राष्ट्रियता की भावना से पूरी तरह से ओतप्रोत है. ऐसे में ये एक जरूरी फिल्म बन जाती है, जिसे देश के हर नागरिक को देखनी चाहिए. लेकिन टॉम क्रूज की फिल्म 'टॉप गन: मेवरिक' के सामने ये फिल्म बॉक्स ऑफिस कितना टिक पाएगी ये कहना मुश्किल है. क्योंकि बॉक्स ऑफिस पर कार्तिक आर्यन की फिल्म 'भूल भुलैया 2' के सामने जो हाल कंगना रनौत की एक्शन प्रधान फिल्म 'धाकड़' हुआ, वो हाल 'टॉप गन' के सामने 'अनेक' का भी हो सकता है. चुनाव की बारी आते ही ज्यादातर दर्शक 'अनेक' के मुकाबले 'टॉप गन' को चुन सकते हैं.
अनुभव सिन्हा के निर्देशन में बनी फिल्म 'अनेक' में आयुष्मान खुराना के साथ एंड्रिया केविचुसा, मनोज पाहवा, जे डी चक्रवर्ती, कुमुद मिश्रा और मेघना मलिक जैसे कलाकार अहम किरदारों में देखे जा सकते हैं. इस फिल्म के जरिए नागालैंड की रहने वाली एंड्रिया केविचुसा ने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया है. पहली फिल्म में ही वो अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रही हैं....
'मुल्क', 'आर्टिकल 15', 'थप्पड़' और 'गुलाब गैंग' जैसी फिल्मों के जरिए गंभीर और संवेदनशील सामाजिक मुद्दे उठाने वाले फिल्म मेकर अनुभव सिन्हा इस बार समाज से आगे बढ़ते हुए पूरे देश की बात करते नजर आ रहे हैं. जी हां, उनकी हालिया रिलीज फिल्म अनेक में नॉर्थ ईस्ट इंडिया के राजनीतिक टकराव की सनसनीखेज कहानी पेश की गई है. ''इंडिया, इंडिया...कितना अच्छा लगता है ये सुनकर इंडिया, इंडिया...मैं इसी इंडिया की सुरक्षा के लिए काम करता हूं''...इस फिल्म में आयुष्मान खुराना का किरदार जब ये डायलॉग बोलता है, तो समझ में आ जाता है मेकर्स इस फिल्म के जरिए किस तरह का राष्ट्रीय संदेश देना चाह रहे हैं.
फिल्म 'अनेक' में न तो मसाला मिलेगा, न ही रोमांस का तड़का, लेकिन राष्ट्रियता की भावना से पूरी तरह से ओतप्रोत है. ऐसे में ये एक जरूरी फिल्म बन जाती है, जिसे देश के हर नागरिक को देखनी चाहिए. लेकिन टॉम क्रूज की फिल्म 'टॉप गन: मेवरिक' के सामने ये फिल्म बॉक्स ऑफिस कितना टिक पाएगी ये कहना मुश्किल है. क्योंकि बॉक्स ऑफिस पर कार्तिक आर्यन की फिल्म 'भूल भुलैया 2' के सामने जो हाल कंगना रनौत की एक्शन प्रधान फिल्म 'धाकड़' हुआ, वो हाल 'टॉप गन' के सामने 'अनेक' का भी हो सकता है. चुनाव की बारी आते ही ज्यादातर दर्शक 'अनेक' के मुकाबले 'टॉप गन' को चुन सकते हैं.
अनुभव सिन्हा के निर्देशन में बनी फिल्म 'अनेक' में आयुष्मान खुराना के साथ एंड्रिया केविचुसा, मनोज पाहवा, जे डी चक्रवर्ती, कुमुद मिश्रा और मेघना मलिक जैसे कलाकार अहम किरदारों में देखे जा सकते हैं. इस फिल्म के जरिए नागालैंड की रहने वाली एंड्रिया केविचुसा ने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया है. पहली फिल्म में ही वो अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रही हैं. भूषण कुमार के साथ फिल्म का निर्माण करने वाले अनुभव सिन्हा ने सीमा अग्रवाल और यश केसवानी के साथ मिलकर फिल्म की कहानी भी लिखी है. निर्माण, निर्देशन, लेखन और डायलॉग में अहम भूमिका निभाने वाले अनुभव की झलक पूरे फिल्म में दिखती है.
फिल्म 'अनेक' के बारे में समीक्षकों और दर्शकों की सकारात्मक समीक्षा देखने को मिल रही है. सभी का यही कहना है कि ये फिल्म देश के हर नागरिक को जरूर देखनी चाहिए. इसके जरिए अपने ही देश के एक हिस्से में रहने वाले लोगों के समूह का दर्द समझने में मदद मिलेगी, जिनके बारे में हम शायद ही जान पाते हैं. ऐसा लगता है कि वो किसी दूसरे मुल्क के रहने वाले लोग हैं. यही वजह है कि वहां के कुछ लोग अपने लिए अगल देश की मांग भी करते रहे हैं. नॉर्थ ईस्ट में अलगावादियों के रूप में आज भी आतंकी मौजूद हैं, जो लोगों को बरगलाते हैं. उनको हिंदुस्तान के खिलाफ भड़काते हैं. वहां कई ग्रुप आज भी सक्रिय हैं.
फिल्म समीक्षक रेखा खान ने लिखा है, ''फिल्म आपको मेन स्ट्रीम इंडिया और अलगाव की अंतर्धाराओं के साथ आमने-सामने लाता है. फिल्मकार के रूप में अनुभव सिन्हा एक अरसे से अनछुए विषयों पर फिल्में बुनते है, जिनका सामाजिक सरोकार तो होता ही है, लेकिन उसमें कोई न कोई ऐसा मुद्दा जरूर होता है, जिसे अनदेखा किया गया हो. इस बार नॉर्थ ईस्ट के उन तमाम राज्यों की और हमारा ध्यान आकर्षित करते हैं, जो सालों से अलगाववादी राजनीति से प्रभावित रहे हैं. फिल्म यहां के लोगों के साथ होने वाले भेदभाव, सरकार का रवैया और अलगाववादी ताकतों के चित्रण के साथ उस दुनिया में ले जाते हैं, जिसके बारे में जानकारी सीमित है.
तान्या अरोड़ा ने लिखा है, ''फिल्म देखते हुए लगता है कि आप डाक्यू ड्रामा देख रहे हैं, लेकिन यह आपको शिक्षित नहीं करता है जितना वृत्तचित्र करता है. हिंसाग्रस्त राज्य की पृष्ठभूमि में यह काल्पनिक कहानी तमाम वास्तविक मुद्दों को पिरोने के बावजूद प्रभावित नहीं कर पाती है. फिल्म का दारोमदार आयुष्मान खुराना के कंधों पर है. उन्होंने अपने किरदार साथ न्याय किया है. फिल्म से एंड्रिया ने बॉलीवुड में कदम रखा है. देश के प्रति उनका जज्बा स्क्रीन पर देखना सुखद लगता है. अबरार की भूमिका में मनोज पाहवा का अभिनय सराहनीय है. सामाजिक कार्यकर्ता और विद्रोही की भूमिका में मिपहम ओटसल प्रभावित करते हैं.''
सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, लेकिन ज्यादातर यूजर फिल्म की तारीफ करते हुए नजर आ रहे हैं. ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा है, ''बहुत दिनों के बाद कोई शानदार फिल्म देखी है. शाबाश आयुष्मान खुरान...यह सिर्फ तुम ही कर सकते हो.'' एक दूसरे यूजर ने लिखा है, ''अनेक...क्या फिल्म है...मस्ट वाच फिल्म है. मैं इसे 5 में से 5 स्टार दूंगा. इंडिया को इस फिल्म को ऑस्कर में भेजनी चाहिए.'' पूनम जोशी लिखती हैं, ''कल रात फिल्म अनेक देखी. पूर्वोत्तर भारत में इस बार भारत की अपनी सीमाओं के भीतर अधिक संघर्ष के बारे में एक अत्यंत प्रासंगिक, विचारोत्तेजक कहानी. गुड लक आयुष्मान.''
फिल्म 'अनेक' के बारे में सोशल मीडिया पर समीक्षकों-दर्शकों की राय...
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