बतौर निर्देशक विशाल भारद्वाज के बेटे आसमान भारद्वाज ने बॉलीवुड के मशहूर निर्माता बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर, तबू, नसीरुद्दीन शाह, कोंकणा सेन शर्मा और अनुराग कश्यप को लेकर प्रयोगधर्मी थ्रिलर ड्रामा कुत्ते बनाई थी. कुत्ते में गुलजार ने गीत लिखा है. विशाल भारद्वाज का संगीत है. मशहूर पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज के पोएट्री का भी इस्तेमाल हुआ है. मगर टिकट खिड़की पर पहले दिन फिल्म ने जिस तरह कलेक्शन निकाला है- उससे साबित हो रहा कि आसमान को आसमान जैसी सफलता के लिए शायद अगली फिल्म तक इंतज़ार करना पड़े. कुत्ते पहले दिन महज 1.07 करोड़ का कलेक्शन कमाने में कामयाब रही. यह किसी भी लिहाज से संतोषजनक नहीं है.
इससे लगभग दो से ढाई गुणा ज्यादा कलेक्शन तो रितेश देशमुख की वेड ने मराठी बॉक्स ऑफिस पर तीसरे हफ्ते में आज यानी 15वें दिन 1.5 करोड़ निकाले हैं. देख लीजिए. जबकि हिंदी बेल्ट में सिनेमा कारोबार का क्षेत्र मराठी से कहीं बहुत ज्यादा बड़ा है. यहां तक कि अर्जुन कपूर की फिल्म के सामने ही थलपति विजय की तमिल एक्शन एंटरटेनर वरिसु को भी हिंदी में रिलीज किया गया. फिल्म का कोई प्रमोशन नहीं हुआ और सिनेमाघरों में फिल्म को पर्याप्त स्क्रीन भी नहीं मिले. बावजूद Sacnilk के मुताबिक़ वरिसु के हिंदी वर्जन ने पहले दिन 60 लाख का कलेक्शन निकाला है.
वरिसु में कुत्ते की तरह एक भी स्टार ऐसा नहीं है जिसे लेकर माना जाए कि हिंदी बेल्ट में उसका तगड़ा फैनबेस है. बावजूद वरिसु की 60 लाख की कमाई कुत्ते के 1.07 करोड़ को देखते हुए एक बेहतरीन शुरुआत कही जा सकती है. तमिल फिल्म की एक बेहतरीन शुरुआत जिसे अनाजरंदाज नहीं किया जा सकता.
वर्ड ऑफ़ माउथ विजय के साथ
विजय की फिल्म भले हिंदी में आई है लेकिन हिंदी समीक्षकों ने उसपर...
बतौर निर्देशक विशाल भारद्वाज के बेटे आसमान भारद्वाज ने बॉलीवुड के मशहूर निर्माता बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर, तबू, नसीरुद्दीन शाह, कोंकणा सेन शर्मा और अनुराग कश्यप को लेकर प्रयोगधर्मी थ्रिलर ड्रामा कुत्ते बनाई थी. कुत्ते में गुलजार ने गीत लिखा है. विशाल भारद्वाज का संगीत है. मशहूर पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज के पोएट्री का भी इस्तेमाल हुआ है. मगर टिकट खिड़की पर पहले दिन फिल्म ने जिस तरह कलेक्शन निकाला है- उससे साबित हो रहा कि आसमान को आसमान जैसी सफलता के लिए शायद अगली फिल्म तक इंतज़ार करना पड़े. कुत्ते पहले दिन महज 1.07 करोड़ का कलेक्शन कमाने में कामयाब रही. यह किसी भी लिहाज से संतोषजनक नहीं है.
इससे लगभग दो से ढाई गुणा ज्यादा कलेक्शन तो रितेश देशमुख की वेड ने मराठी बॉक्स ऑफिस पर तीसरे हफ्ते में आज यानी 15वें दिन 1.5 करोड़ निकाले हैं. देख लीजिए. जबकि हिंदी बेल्ट में सिनेमा कारोबार का क्षेत्र मराठी से कहीं बहुत ज्यादा बड़ा है. यहां तक कि अर्जुन कपूर की फिल्म के सामने ही थलपति विजय की तमिल एक्शन एंटरटेनर वरिसु को भी हिंदी में रिलीज किया गया. फिल्म का कोई प्रमोशन नहीं हुआ और सिनेमाघरों में फिल्म को पर्याप्त स्क्रीन भी नहीं मिले. बावजूद Sacnilk के मुताबिक़ वरिसु के हिंदी वर्जन ने पहले दिन 60 लाख का कलेक्शन निकाला है.
वरिसु में कुत्ते की तरह एक भी स्टार ऐसा नहीं है जिसे लेकर माना जाए कि हिंदी बेल्ट में उसका तगड़ा फैनबेस है. बावजूद वरिसु की 60 लाख की कमाई कुत्ते के 1.07 करोड़ को देखते हुए एक बेहतरीन शुरुआत कही जा सकती है. तमिल फिल्म की एक बेहतरीन शुरुआत जिसे अनाजरंदाज नहीं किया जा सकता.
वर्ड ऑफ़ माउथ विजय के साथ
विजय की फिल्म भले हिंदी में आई है लेकिन हिंदी समीक्षकों ने उसपर लिखने से संकोच किया है. दूसरी तरफ कुत्ते को लेकर 4 और 4.5 सितारा समीक्षाओं की भरमार है. बावजूद जनादेश वरिसु के पक्ष में दिखता है. और माना जा सकता है कि वीकडेज में वर्ड ऑफ़ माउथ की वजह से वरिसु को कामयाबी मिले. इसका कलेक्शन शनिवार और रविवार के दिन बेहतर निकल कर आए. वैसे भी फिल्म ट्रेड सर्किल का मानना है कि विजय के लिहाज से उनकी यह फिल्म हिंदी के बाजार में सर्वाधिक कमाई करने जा रही है. प्रतिष्ठित फिल्म वेबसाइट कोई मोई का अनुमान है कि विजय की फिल्म कम से कम 5-10 करोड़ का लाइफ टाइम कलेक्शन हिंदी बेल्ट से निकाल सकती है जो यहां विजय के करियर की हाइएस्ट ग्रॉसर होगी. आई चौक को लगता है कि विजय की फिल्म आसानी से 10 करोड़ या उससे ज्यादा का कलेक्शन निकालेगी. क्योंकि जिस तरह का स्टार्ट है उसकी शोकेसिंग बढ़ना तय है.
कुत्ते के किए टिकट खिड़की पर आगे क्या? कुत्ते की पहले दिन की कमाई से साफ पता चल रहा कि फिल्म हिंदी बेल्ट में शुरुआत हासिल करने से पहले ही ख़त्म हो चुकी है. बॉलीवुड के नामचीन चेहरों से सजी फिल्म के पहले दिन का कलेक्शन साफ़ सबूत है कि टिकट खिड़की पर कुत्ते के किए भविष्य में कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही. लगभग तय है कि फिल्म वीकएंड में ही डूब जाएगी. मजेदार यह भी है कि कुत्ते को लेकर सोशल मीडिया पर कहीं कोई विरोध नजर नहीं आया. कम से कम कुत्ते को लेकर यह तर्क नहीं दिया जा सकता कि फिल्म निगेटिव कैम्पेन की वजह से फ्लॉप हो गई.
कुत्ते की पहले दिन की कमाई में बॉलीवुड के लिए बहुत संदेश है. हालांकि बॉलीवुड में तमाम लोगों के तेवर देखकर लगता नहीं कि उन्हें कुछ समझ आया है. वे कुत्ते के अंजाम से कोई सीख लेंगे.
क्या है कुत्ते की कहानी?
कुत्ते में पुलिस विभाग के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार को दिखाया गया है. इसमें दिखाया गया है कि वर्दी पहनकर तमाम अफसर पैसों के लिए किस तरह नेताओं और सिंडिकेट के लिए लगभग अपराधियों की तरह ही काम करते हैं. हालांकि कुत्ते पर पुलिसकर्मियों की छवि खराब करने के आरोप भी लगे. राजस्थान हाईकोर्ट में तो एक याचिका दाखिलकर फिल्म का प्रीमियर तक रोकने की मांग की गई थी. सोशल मीडिया पर मुख्यधारा की समीक्षाओं को छोड़ दिया जाए तो बहुतायत दर्शकों ने फिल्म के कॉन्टेंट की निंदा की और माना कि कुत्ते में गाली गलौज की भरमार है.
एक्ट से ज्यादा तो बंदूक, गोलीबारी और खून खराबा ही दिखाया गया है.
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