भले ही आम लोगों के बीच अपनी और शो की पैठ बनाना उद्देश्य हो, लेकिन करण जौहर हम आम लोगों की फितरत से वाकिफ तो हैं. कॉफी विद करण सीजन 7 में सोनम कपूर के साथ पहुंचे अर्जुन कपूर से तमाम तरह के सवाल किये. जब मौका लगा तो ये भी पूछ लिया कि वो गर्ल फ्रेंड मलाइका अरोड़ा से शादी कब कर रहे हैं? करण का सवाल वही था जो शायद हमारे आपके मन में है. सवाल पर अर्जुन ने क्या जवाब दिया? उस पर कुछ कहने से पहले हमें इस बात को समझना होगा कि बड़े लोगों की यूं तो सींगे नहीं होती, बावजूद इसके वो अलग होते हैं. उसके ठाठ-बाट, आदतें, शौक हम आम लोगों से बिलकुल अलग होते हैं. हमारे में क्या है? पढ़ाई-लिखाई, कुछ बनना, नौकरी करना... इतना करने के बाद ही हमारे घरों के बड़े हमें जिम्मेदार मानते हैं. फिर एक दिन हमारी शादी हो जाती है. हमारी सफलता का पैमाना भी बड़ा अजीब है. बैंक में जमा पैसे या फिर हमारे बच्चों की संख्या ही इस बात का निर्धारण करती है कि हम सफल हैं या नहीं. अच्छा क्योंकि हमारी लाइफ स्टाइल इन्हीं मिडिल क्लास बातों के इर्द गिर्द घूमती है इसलिए हमारे सवाल भी मिडिल क्लास होते हैं. अपनी चिंताओं को दरकिनार कर हम ये जानने को आतुर दिखते हैं कि अगर अर्जुन और उनसे उम्र में कई साल बड़ी मलाइका साथ हैं तो वो वैवाहिक बंधन में बंध क्यों नहीं रहे?
क्या सच में इस सवाल को लेकर माथापच्ची करनी चाहिए? जवाब है नहीं? शादी बच्चों का खेल नहीं है. और अगर अर्जुन और मलाइका की शादी नहीं हो रही तो देखा जाए तो ये ठीक भी है. चाहे वो अर्जुन हों या मलाइका वो जिस परिवेश से, जिस समाज से, जिस चमक दमक की दुनिया से आते हैं, वहां साथ रहना जरूरी है. साथ रहने के लिए उन्हें हमारी आपकी तरह शादी की...
भले ही आम लोगों के बीच अपनी और शो की पैठ बनाना उद्देश्य हो, लेकिन करण जौहर हम आम लोगों की फितरत से वाकिफ तो हैं. कॉफी विद करण सीजन 7 में सोनम कपूर के साथ पहुंचे अर्जुन कपूर से तमाम तरह के सवाल किये. जब मौका लगा तो ये भी पूछ लिया कि वो गर्ल फ्रेंड मलाइका अरोड़ा से शादी कब कर रहे हैं? करण का सवाल वही था जो शायद हमारे आपके मन में है. सवाल पर अर्जुन ने क्या जवाब दिया? उस पर कुछ कहने से पहले हमें इस बात को समझना होगा कि बड़े लोगों की यूं तो सींगे नहीं होती, बावजूद इसके वो अलग होते हैं. उसके ठाठ-बाट, आदतें, शौक हम आम लोगों से बिलकुल अलग होते हैं. हमारे में क्या है? पढ़ाई-लिखाई, कुछ बनना, नौकरी करना... इतना करने के बाद ही हमारे घरों के बड़े हमें जिम्मेदार मानते हैं. फिर एक दिन हमारी शादी हो जाती है. हमारी सफलता का पैमाना भी बड़ा अजीब है. बैंक में जमा पैसे या फिर हमारे बच्चों की संख्या ही इस बात का निर्धारण करती है कि हम सफल हैं या नहीं. अच्छा क्योंकि हमारी लाइफ स्टाइल इन्हीं मिडिल क्लास बातों के इर्द गिर्द घूमती है इसलिए हमारे सवाल भी मिडिल क्लास होते हैं. अपनी चिंताओं को दरकिनार कर हम ये जानने को आतुर दिखते हैं कि अगर अर्जुन और उनसे उम्र में कई साल बड़ी मलाइका साथ हैं तो वो वैवाहिक बंधन में बंध क्यों नहीं रहे?
क्या सच में इस सवाल को लेकर माथापच्ची करनी चाहिए? जवाब है नहीं? शादी बच्चों का खेल नहीं है. और अगर अर्जुन और मलाइका की शादी नहीं हो रही तो देखा जाए तो ये ठीक भी है. चाहे वो अर्जुन हों या मलाइका वो जिस परिवेश से, जिस समाज से, जिस चमक दमक की दुनिया से आते हैं, वहां साथ रहना जरूरी है. साथ रहने के लिए उन्हें हमारी आपकी तरह शादी की दरकार नहीं है. इसलिए अगर हम उनकी शादी का बोझ अपने कन्धों पर रखे हुए हैं तो इसे मूर्खता से ज्यादा शायद ही कुछ और कहा जाए.
बाकी बात क्योंकि शादी की चल रही है, तो शादी में सब हरा हरा हो ये लगभग असंभव है. हो सकता है शादी के शुरूआती सालों में स्थिति अलग लगे लेकिन जैसे जैसे उम्र बढ़ती है और शादी का बंधन पुराना होता है हालात बदलते हैं. ऐसी अवस्था में कुछ चीजें हम शौक में न करके ज़माने को दिखाने के लिए मज़बूरी में करते हैं. जब वो चीजें हमसे नहीं होतीं तो छोटी छोटी बातें तनाव का कारण बनती हैं और फिर नौबत या तो डार्लिंग्स, थप्पड़ सरीखी आती है या फिर तलाक होता है.
सवाल ये है कि चाहे वो स्त्री हो या पुरुष क्या हमारा समाज तलाक को लेकर सहज है? इस सवाल का जवाब हमें हमारी कंडीशनिंग दे देती है. मन बहलाने के लिए तर्क कुछ भी दिए जा सकते हैं लेकिन हम जिस समाज में रहते हैं वहां तलाकशुदा स्त्री से लेकर पुरुष तक को अच्छी निगाह से नहीं देखा जाता, वहीं जब हम उस दुनिया में कदम रखते हैं जहां से अर्जुन और मलाइका जैसे लोग आते हैं वहां ये नार्मल है. नहीं बनी तो नहीं बनी वहां इस बात का हव्वा नहीं बनता.
बहरहाल बात करण के शो में अर्जुन की बातों की हुई थी तो जब करण ने अर्जुन से मलाइका से शादी करने को लेकर सवाल किया तो अर्जुन ने बहुत साफ़ लहजे में कह दिया कि अभी उनका मलाइका से शादी करने का कोई प्लान नहीं है.
सवाल पर अपना पक्ष रखते हुए अर्जुन ने कहा कि, ईमानदारी से कहूं, दो साल तक लॉकडाउन रहा, मैं अपने करियर पर फोकस करना चाहता था. मैं देखना चाहता हूं कि मैं कहां तक पहुंच रहा हूं. मैं बहुत ज्यादा रियलिस्टिक इंसान हूं. ऐसा नहीं है कि मुझे कुछ छिपाना है.
वहीं अर्जुन ने इस बात पर भी बल दिया कि, मैं प्रोफेशनली और ज्यादा स्टेबल होना चाहता हूं. मैं फाइनेंशियली स्टेबल होने की बात नहीं कर रहा हूं, बल्कि मैं इमोशनली होने की बात कर रहा हूं. मैं इस तरह का काम करना चाहता हूं, जिससे मुझे खुशी मिले. क्योंकि अगर मैं खुश रहूंगा, तो मैं अपने पार्टनर को भी खुश रखूंगा. मुझे ऐसा महसूस होता है कि मुझे काफी ज्यादा खुशी अपने काम से मिलती है.
करण को दिए गए अपने इंटरव्यू में अर्जुन ने इस बात को भी स्वीकारा कि मलाइका और उनके रिश्ते से उनकी फैमिली खुश है और उन्हें सपोर्ट करती है. अर्जुन ने कहा- मेरी फैमिली ने इसे आसान बनाया है. उन्होंने कहा- इसमें कोई बुराई नहीं है. आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है.
भले ही अर्जुन ने अपना पक्ष रख दिया हो. लेकिन जिस बात पर हमें गौर करना चाहिए वो ख़ुशी का कॉन्सेप्ट है. मलाइका संग अर्जुन को ख़ुशी मिल रही है वो और मलाइका दोनों ही बेवजह की उलझनों से मुक्त हैं. मुद्दा क्योंकि ख़ुशी है. यही क्या कम है कि दोनों साथ हैं और राजी ख़ुशी साथ हैं.
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