ArrestKanganaRanaut ट्रेंड करवाने से सच नहीं बदल जाएगा. जिनको लगता है कि कंगना अपना मतलब साध रही हैं वो शायद अंधे हैं. अगर कंगना फ़्रंटफ़ुट पर आ कर नेपोटिज़्म (Nepotism) और सुशांत सिंह की आत्महत्या (Sushant Singh Rajput Suicide) पर इस बेबाक़ी से नहीं बोलती तो शायद आज सुशांत के पिता को भी इतनी हिम्मत नहीं मिलती कि वो ‘रिया चक्रवर्ती’ (Rhea Chakraborty )के ख़िलाफ़ केस दर्ज करवा पाते. हो सकता है कि वो दीपिका पादुकोण के JN वाले मैटर और डिप्रेशन वाली बातों पर बोल रही हों जिससे सो कॉल्ड बुद्धिजीवी वर्ग या ये कहें कि लेफ्ट विंग आहत हो गया हो और एक छोटी सी बात बड़ा मुद्दा बन गई हो .
कल ही एक स्क्रीन-शॉट शेयर करते हुए टीम कंगना ने ट्वीट किया था कि दीपिका पादुकोण को JN में जाने के लिए 5 करोड़ रुपए मिले थे. आपको शायद याद हो दीपिका छपाक फ़िल्म के प्रमोशन के दौरान JN गयी थी. जिससे वो लेफ़्ट-विंग की काफ़ी प्रिये भी हो गयी. उसके बाद कंगना ने एक और टॉपिक उठाया कि जहां डिप्रेशन पर बात करके दीपिका, डिप्रेशन की ब्रांड-अंबेसडर बन गयी वहीं सुशांत के लिए वो शर्मिंदगी की बात हो गयी.
बॉलीवुड का दोहरा चेहरा यहां भी दिख रहा. कंगना ने सुशांत के पिता द्वारा रजिस्टर FIR का ज़िक्र करते हुए कहा कि सुशांत की महिला मित्र यानि रिया चक्रवर्ती उन्हें उनकी मानसिक बीमारी को ले कर ब्लैक-मेल करती थी. वो बोलती थी कि मैं तुम्हारी डिप्रेशन वाली बात सबको बता दूंगी और फिर तुम्हें कोई काम तक नहीं देगा.
इस बात को ले कर कंगना की टीम ने कई ट्वीट भी किए जिसमें उन्होंने पूछा कि दीपिका की डिप्रेशन वाली बात उन्हें स्ट्रॉंग और सुशांत को कमजोर कैसे बनाती है? इसके पीछे ज़िम्मेदार कौन...
ArrestKanganaRanaut ट्रेंड करवाने से सच नहीं बदल जाएगा. जिनको लगता है कि कंगना अपना मतलब साध रही हैं वो शायद अंधे हैं. अगर कंगना फ़्रंटफ़ुट पर आ कर नेपोटिज़्म (Nepotism) और सुशांत सिंह की आत्महत्या (Sushant Singh Rajput Suicide) पर इस बेबाक़ी से नहीं बोलती तो शायद आज सुशांत के पिता को भी इतनी हिम्मत नहीं मिलती कि वो ‘रिया चक्रवर्ती’ (Rhea Chakraborty )के ख़िलाफ़ केस दर्ज करवा पाते. हो सकता है कि वो दीपिका पादुकोण के JN वाले मैटर और डिप्रेशन वाली बातों पर बोल रही हों जिससे सो कॉल्ड बुद्धिजीवी वर्ग या ये कहें कि लेफ्ट विंग आहत हो गया हो और एक छोटी सी बात बड़ा मुद्दा बन गई हो .
कल ही एक स्क्रीन-शॉट शेयर करते हुए टीम कंगना ने ट्वीट किया था कि दीपिका पादुकोण को JN में जाने के लिए 5 करोड़ रुपए मिले थे. आपको शायद याद हो दीपिका छपाक फ़िल्म के प्रमोशन के दौरान JN गयी थी. जिससे वो लेफ़्ट-विंग की काफ़ी प्रिये भी हो गयी. उसके बाद कंगना ने एक और टॉपिक उठाया कि जहां डिप्रेशन पर बात करके दीपिका, डिप्रेशन की ब्रांड-अंबेसडर बन गयी वहीं सुशांत के लिए वो शर्मिंदगी की बात हो गयी.
बॉलीवुड का दोहरा चेहरा यहां भी दिख रहा. कंगना ने सुशांत के पिता द्वारा रजिस्टर FIR का ज़िक्र करते हुए कहा कि सुशांत की महिला मित्र यानि रिया चक्रवर्ती उन्हें उनकी मानसिक बीमारी को ले कर ब्लैक-मेल करती थी. वो बोलती थी कि मैं तुम्हारी डिप्रेशन वाली बात सबको बता दूंगी और फिर तुम्हें कोई काम तक नहीं देगा.
इस बात को ले कर कंगना की टीम ने कई ट्वीट भी किए जिसमें उन्होंने पूछा कि दीपिका की डिप्रेशन वाली बात उन्हें स्ट्रॉंग और सुशांत को कमजोर कैसे बनाती है? इसके पीछे ज़िम्मेदार कौन है?
अब आप ही सोचिए और बताइए क्या कंगना के ये सवाल वाजिब नहीं है? क्यों नहीं सवाल करना चाहिए? अगर कंगना रिपब्लिक टीवी पर आ कर इतनी बेबाक़ी से नहीं बात करती तो शायद सुशांत सिंह के चाहने वालों की हिम्मत अब तक टूट चुकी होती. मुंबई पुलिस का रवैया आप सबके सामने है ही, तो बताइए क्या कंगना को चुप हो जाना चाहिए.
वहीं कुछ लोग कह रहें कि कंगना बेवजह अपनी साथ वाली अभिनेत्रियों पर कटाक्ष कर रही हैं. तो जो लोग ये बोल रहें हैं वो बड़े गेम को समझ ही नहीं पा रहें हैं. क्यों आपको नहीं दिखा रहा कि बॉलीवुड के ये माफिया अपने बच्चों को अंडर-ग्राउंड करके स्वरा, तापसी और ऋचा जैसी आउटसाईडर को आपस में भिड़वा रहें हैं. ये बात ख़ुद ये अभिनेत्रियां नहीं समझ रहीं कि इनको इस्तेमाल किया जा रहा है. कंगना जो बोल रही है भले ही उनका तरीक़ा ब्लंट हो मगर बोल वो सच ही रही है.
तो ऐसे में अरेस्ट कंगना ट्रेंड करना कोई बड़ी बात नहीं है. और सच का रास्ता वैसे भी आसान कहां होता है. कंगना की ये लड़ाई सच और झूठ की ही लड़ाई बन चुकी है. उम्मीद है और दुआ भी यही है कि जीत सच्चाई की ही हो!
ये भी पढ़ें -
Sushant Singh Rajput की मौत पर Swamy का CBI जांच की मांग कहानी का क्लाइमेक्स है!
Sushant Singh Rajput-Rhea Chakraborty: 'प्रेम' ऐसा तो नहीं हो सकता?
Nepotism के मुद्दे पर अनुराग कश्यप अपनी दलीलों और माफी के बीच घिर गए
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.