मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में एक बेहद हैरान कर देना वाला खुलासा है. इसे खुलासे के साथ सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के बाद से ही देश की आर्थिक राजधानी में सक्रिय नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो सवालों के घेरे में आ गया है. इसमें सबसे बड़ा आरोप ब्यूरो के जोनल हेड समीर वानखेड़े पर लगा है. यह खुलासा कोई और नहीं बल्कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान केस में एनसीबी की तरफ से गवाह बनाए गए एक शख्स प्रभाकर सैल ने किया है. प्रभाकर आर्यन खान के साथ एनसीबी कस्टडी में सेल्फी लेकर सुर्खियों में आए केपी गोसावी का बॉडीगार्ड बताया जा रहा है. उसका आरोप है कि समीर वानखेड़े ने केपी गोसावी के साथ साठ-गांठ करके पैसे लिए हैं. इतना ही नहीं आर्यन खान को केस से बरी करने के लिए 18 करोड़ रुपए की मांग की गई थी, जिसमें से 8 करोड़ वानखेड़े को मिलने वाले थे. बाकी पैसे गोसावी और सैम डिसूजा सहित कुछ लोगों के बीच बंटने वाले थे.
प्रभाकर सैल ने समीर वानखेड़े से जान को खतरा बताते हुए खुलासा किया है कि वह एक कथित प्राइवेट डिटेक्टिव किरण गोसावी के बॉडीगार्ड के रूप में काम करता था. 2-3 अक्टूबर की रात जब क्रूज पर रेड डाली गई थी, वो गोसावी के साथ वहां मौजूद था. उसने गोसावी को सैम नाम के आदमी से एनसीबी के दफ्तर के पास मिलते देखा था. इतना ही नहीं गोसावी और सैम डिसूजा को 25 करोड़ रुपए की बात करते सुना था. उन दोनों के बीच 18 करोड़ रुपए में डील तय हुई थी. गोसावी और सैम ने कथित तौर पर 18 में से 8 करोड़ रुपए समीर वानखेड़े को देने की बात कही थी. प्रभाकर ने यह भी कहा है कि उन्होंने केपी गोसावी से यह कैश लेकर सैम डिसूजा को दिया था. इसके अलावा एनसीबी ऑफिस में उससे पंचनामा का पेपर बताकर जबरन 10 खाली कागजों पर साइन करवाया गया था. उनका आधार कार्ड मांगा गया. यहां तक कि गिरफ्तारी के बारे में नहीं बताया गया.
मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में एक बेहद हैरान कर देना वाला खुलासा है. इसे खुलासे के साथ सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के बाद से ही देश की आर्थिक राजधानी में सक्रिय नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो सवालों के घेरे में आ गया है. इसमें सबसे बड़ा आरोप ब्यूरो के जोनल हेड समीर वानखेड़े पर लगा है. यह खुलासा कोई और नहीं बल्कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान केस में एनसीबी की तरफ से गवाह बनाए गए एक शख्स प्रभाकर सैल ने किया है. प्रभाकर आर्यन खान के साथ एनसीबी कस्टडी में सेल्फी लेकर सुर्खियों में आए केपी गोसावी का बॉडीगार्ड बताया जा रहा है. उसका आरोप है कि समीर वानखेड़े ने केपी गोसावी के साथ साठ-गांठ करके पैसे लिए हैं. इतना ही नहीं आर्यन खान को केस से बरी करने के लिए 18 करोड़ रुपए की मांग की गई थी, जिसमें से 8 करोड़ वानखेड़े को मिलने वाले थे. बाकी पैसे गोसावी और सैम डिसूजा सहित कुछ लोगों के बीच बंटने वाले थे.
प्रभाकर सैल ने समीर वानखेड़े से जान को खतरा बताते हुए खुलासा किया है कि वह एक कथित प्राइवेट डिटेक्टिव किरण गोसावी के बॉडीगार्ड के रूप में काम करता था. 2-3 अक्टूबर की रात जब क्रूज पर रेड डाली गई थी, वो गोसावी के साथ वहां मौजूद था. उसने गोसावी को सैम नाम के आदमी से एनसीबी के दफ्तर के पास मिलते देखा था. इतना ही नहीं गोसावी और सैम डिसूजा को 25 करोड़ रुपए की बात करते सुना था. उन दोनों के बीच 18 करोड़ रुपए में डील तय हुई थी. गोसावी और सैम ने कथित तौर पर 18 में से 8 करोड़ रुपए समीर वानखेड़े को देने की बात कही थी. प्रभाकर ने यह भी कहा है कि उन्होंने केपी गोसावी से यह कैश लेकर सैम डिसूजा को दिया था. इसके अलावा एनसीबी ऑफिस में उससे पंचनामा का पेपर बताकर जबरन 10 खाली कागजों पर साइन करवाया गया था. उनका आधार कार्ड मांगा गया. यहां तक कि गिरफ्तारी के बारे में नहीं बताया गया.
सनसनीखेज आरोपों पर क्या है एनसीबी का पक्ष
प्रभाकर सैल के इन सनसनीखेज आरोपों के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने अपने खिलाफ साजिश का अंदेशा जताया है. उन्होंने मुंबई के पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर कहा है कि किसी अनजान व्यक्ति की तरफ से मेरे खिलाफ गलत इरादों के साथ लगाए गए आरोपों पर कार्रवाई न करें. इसके अलावा डीडीजी एसडब्ल्यूआर, एनसीबी मुंबई मुथा अशोक जैन ने मीडिया को भेजे गए पत्र में कहा है, ''एनसीबी की मुंबई जोनल यूनिट के अपराध संख्या 94/2021 के गवाह प्रभाकर सैल का एक हलफनामा सोशल मीडिया के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है. उसमें उसने 2 अक्टूबर 2021 को अपनी गतिविधियों के बारे में विवरण दिया है, जिस दिन कि केस दर्ज किया गया था. वह मामले में गवाह है. केस अदालत में विचाराधीन है. ऐसे में उसे सोशल मीडिया के बजाय अदालत में अपनी बात रखनी चाहिए थी. समीर वानखेड़े ने इन आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है.''
कौन है वायरल सेल्फी लेने वाला मिस्ट्रीमैन गोसावी
केपी गोसावी कथित रूप से एक प्राइवेट डिटेक्टिव है. इस 2-3 अक्टूबर की रात आर्यन खान को एनसीबी हिरासत में लिए जाने के बाद उसके साथ सेल्फी ली थी, जो सोशल मीडिया में बहुत वायरल हुई थी. 3 अक्टूबर को NCB ने आर्यन को गिरफ्तार कर लिया था. उस समय एनसीबी ने कहा था कि वह बाहरी इन्वेस्टिगेटर्स की भी मदद लेती है. इस आरोप को लेकर समीर वानखेड़े ने मामले में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है. इतना ही नहीं केपी गोसावी क्रूज शिप ड्रग्स जब्ती मामले में एनसीबी के नौ स्वतंत्र गवाहों में से एक था. लेकिन उसका ट्रैक रिकॉर्ड ठीक नहीं है. उसके खिलाफ पुणे पुलिस ने साल 2018 में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया था. उस पर मलेशिया में नौकरी की पेशकश के बहाने पुणे के एक व्यक्ति को ठगने का मामला दर्ज होने के बाद से पुणे पुलिस उसकी तलाश कर रही है. ऐसे सवाल ये खड़ा होता है कि ऐसा शख्स एनसीबी का गवाह कैसे बन सकता है.
संदेह के घेरे में एनसीबी, सबको चाहिए इन सवालों के जवाब...
सवाल नंबर 1- क्या सचमुच आर्यन खान के छोड़ने के लिए डील हुई थी?
यह पूरा प्रकरण संदेहास्पद है. इसके पीछे कई कारण है. पहला ये कि आर्यन खान को 2 अक्टूबर की रात मुंबई से गोवा जाने वाले एक प्राइवेट क्रूज से ड्रग्स लेने के आरोप में हिरासत में लिया गया. उनके साथ तीन लोग और पकड़े गए थे, जिनको एनसीबी ने तुरंत गिरफ्तार दिखा दिया था. लेकिन आर्यन खान को एनसीबी दफ्तर लाया गया. अगले दिन यानी 3 अक्टूबर की शाम तक पूछताछ की बात होती रही. इसके बाद बताया गया कि आर्यन खान को गिरफ्तार कर लिया गया है. दूसरा, बीजेपी के एक लोकल नेता दावा किया था कि आर्यन की गिरफ्तारी उसकी सूचना पर हुई थी. तीसरा, आर्यन को एनसीबी दफ्तर लाते समय उनके साथ कथित प्राइवेट डिटेक्टिव केपी गोसावी को देखा गया. वो आर्यन को लेकर एनसीबी दफ्तर पहुंचा था. ऐसे में संदेह होना लाजिमी है कि इस प्रकरण को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जा सकता है. हो सकता है कि गोसावी के जरिए शाहरुख खान से डील चल रही हो, जब उनमें बात नहीं बनी तो आर्यन को गिरफ्तार कर लिया गया. वरना डील पक्की होते ही आर्यन को बेकसूर साबित करके छोड़ दिया जाता. समीर वानखेड़े पर एनसीबी नेता नवाब मलिक ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनकी जांच जरूरी है.
सवाल नंबर 2- यदि केपी गोसावी एक स्वतंत्र पंच है, तो उसको एनसीबी की रेड में जाने को कैसे मिला?
2 अक्टूबर की रात क्रूज पर रेड डालने गई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम के साथ बीजेपी का एक लोकल नेता और केपी गोसावी दोनों मौजूद थे. उस रात की फुटेज में दोनों को आर्यन खान के साथ देखा जा सकता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर किस अधिकार के साथ गोसावी को इस रेड में शामिल किया गया. यदि एनसीबी ने उसकी मदद भी ली तो क्या उसके आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में एजेंसी को पहले से खबर नहीं थी? एक आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को इतने बड़े और संवेदनशील मामले में कोई सरकारी जांच एजेंसी कैसे शामिल कर सकती है. इतना ही नहीं बाद में उसे इस केस में गवाह भी बनाया गया है. सोशल मीडिया पर सेल्फी वायरल होने के बाद गोसावी रहस्यमयी तरीके से गायब है. इस बारे में एनसीबी क्यों नहीं बता रही है कि वो कहां है?
सवाल नंबर 3- केपी गोसावी के फोन पर आर्यन खान की बात किससे हुई थी? क्या बातचीत हुई?
केपी गोसावी के बॉडीगार्ड प्रभाकर सैल ने मीडिया के सामने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि 2-3 अक्टूबर की दरमियानी रात एनसीबी दफ्तर में गोसावी आर्यन खान के ठीक बगल में बैठा हुआ है. उसके हाथ में मोबाइल है और किसी से बात कर रहा है. इसके बाद वो अपना मोबाइल आर्यन खान को दे देता है. आर्यन किसी से कुछ देर के लिए बात करते हैं. उसके बाद मोबाइल गोसाबी को वापस कर देते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि केपी गोसावी के फोन पर आर्यन खान की बात किससे हुई थी? क्या बातचीत हुई? प्रभाकर का दावा है कि उस वक्त शाहरुख खान की मैनेजर से आर्यन खान और गोसावी की बात हुई थी. इसी समय 18 करोड़ रुपए की डिमांड की गई थी. लेकिन बात में शाहरुख के मैनेजर ने फोन उठाना बंद कर दिया, तो गोसावी वहां से चला गया और आर्यन की गिरफ्तारी दिखा दी गई.
सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जिस तरह से काम किया है, उससे इसकी प्रतिष्ठा में बहुत इजाफा हुआ है. लेकिन जैसे-जैसे केस आगे बढ़ा और इसमें बॉलीवुड सेलेब्स की संलिप्तता सामने आती गई, एनसीबी की भूमिका संदिग्ध होती गई. ड्रग्स मामले में एनसीबी ने करीब दो दर्जन से ज्यादा ड्रग पैडलरों को गिरफ्तार किया. दीपिका पादुकोण, सारा अली खान और श्रद्धा कपूर से लेकर कई बड़ी फिल्मी हस्तियों से पूछताछ की है. रिया चक्रवर्ती से लेकर भारती सिंह तक कई सेलेब्स को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन पहली बार आर्यन खान के केस में एनसीबी फंसती हुई दिख रही है. क्रूज पर रेड से लेकर आर्यन की गिरफ्तारी तक, कई ऐसे लूपपोल हैं, जो जांच एजेंसी पर कई सवाल खड़े करते हैं, जिनका जवाब जरूर दिया जाना चाहिए. यहां आर्यन खान जैसे किसी बड़े सितारे के बेटे के ड्रग्स लेने की बात की तरह एनसीबी की प्रतिष्ठा भी महत्वपूर्ण है. इसे जांच एजेंसी को बरकरार रखते हुए अपने खिलाफ किए जा रहे हर सवाल का जवाब देना चाहिए.
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