अनुभूति कश्यप के निर्देशन में बनी कॉमेडी ड्रामा डॉक्टर जी सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. यह निर्देशक के रूप में उनकी डेब्यू फिल्म बताई जा रही है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेट दिया है. फिल्म एक ऐसे मुद्दे पर बात करती है जो अभी भी तमाम लोगों को असहज करने वाला नजर आता है. असल में गायनोकोलॉजिस्ट को लेकर हमारे देश में आम धारणा है कि यह सिर्फ और सिर्फ महिलओं का पेशा है. महिलाओं के निजी अंगों को जांचने और इलाज करने वाली डॉक्टर कोई महिला ही हो सकती है पुरुष नहीं. जबकि विकसित देशों में ऐसी धारणा नहीं है. यह मध्यपूर्व के देशों, भारतीय उपमहाद्वीप में स्थानीय सामजिक बाध्यताओं की वजह से एक अघोषित नियम बना नजर आता है. हकीकत में यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है.
दिक्कत यह है कि इसके लिए सामजिक बंदिशों में जकड़े डॉक्टर भी तैयार ननजर नहीं आते. मरीजों की सोच तो रूढ़ीवाद से ग्रस्त ही रहती है. यही वजह है भारतीय उपमहाद्वीप, खाड़ी देशों और सामजिक रूप से रूढ़ीवाद के शिकार तमाम देशों में गायनी में सिर्फ और सिर्फ महिलाएं नजर आती हैं. डॉक्टर जी की कहानी असल में एक पुरुष गायनोकोलॉजिस्ट के बहाने तमाम चीजों को कॉमिक अंदाज में दिखाने का प्रयास है. जंगली पिक्चर्स ने फिल्म का निर्माण किया है. मुख्य भूमिका आयुष्मान खुराना ने निभाई है. वे इसी तरह के मुद्दों पर बनी कई फिल्मों के जरिए पहले भी दर्शकों का मनोरंजन कर चुके हैं. शेफाली शाह, शीबा चड्ढा और रकुलप्रीत सिंह भी अहम भूमिकाओं में हैं. सोशल मीडिया पर फिल्म के बारे में प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं.
लोगों ने फिल्म की कहानी को मनोरंजक माना है
सोशल मीडिया पर ज्यादातर दर्शक एक उलझाऊ विषय को भावुकता और कॉमेडी में मनोरंजक पा रहे हैं....
अनुभूति कश्यप के निर्देशन में बनी कॉमेडी ड्रामा डॉक्टर जी सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. यह निर्देशक के रूप में उनकी डेब्यू फिल्म बताई जा रही है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेट दिया है. फिल्म एक ऐसे मुद्दे पर बात करती है जो अभी भी तमाम लोगों को असहज करने वाला नजर आता है. असल में गायनोकोलॉजिस्ट को लेकर हमारे देश में आम धारणा है कि यह सिर्फ और सिर्फ महिलओं का पेशा है. महिलाओं के निजी अंगों को जांचने और इलाज करने वाली डॉक्टर कोई महिला ही हो सकती है पुरुष नहीं. जबकि विकसित देशों में ऐसी धारणा नहीं है. यह मध्यपूर्व के देशों, भारतीय उपमहाद्वीप में स्थानीय सामजिक बाध्यताओं की वजह से एक अघोषित नियम बना नजर आता है. हकीकत में यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है.
दिक्कत यह है कि इसके लिए सामजिक बंदिशों में जकड़े डॉक्टर भी तैयार ननजर नहीं आते. मरीजों की सोच तो रूढ़ीवाद से ग्रस्त ही रहती है. यही वजह है भारतीय उपमहाद्वीप, खाड़ी देशों और सामजिक रूप से रूढ़ीवाद के शिकार तमाम देशों में गायनी में सिर्फ और सिर्फ महिलाएं नजर आती हैं. डॉक्टर जी की कहानी असल में एक पुरुष गायनोकोलॉजिस्ट के बहाने तमाम चीजों को कॉमिक अंदाज में दिखाने का प्रयास है. जंगली पिक्चर्स ने फिल्म का निर्माण किया है. मुख्य भूमिका आयुष्मान खुराना ने निभाई है. वे इसी तरह के मुद्दों पर बनी कई फिल्मों के जरिए पहले भी दर्शकों का मनोरंजन कर चुके हैं. शेफाली शाह, शीबा चड्ढा और रकुलप्रीत सिंह भी अहम भूमिकाओं में हैं. सोशल मीडिया पर फिल्म के बारे में प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं.
लोगों ने फिल्म की कहानी को मनोरंजक माना है
सोशल मीडिया पर ज्यादातर दर्शक एक उलझाऊ विषय को भावुकता और कॉमेडी में मनोरंजक पा रहे हैं. स्वाभाविक रूप से एक बोल्ड विषय पर कहानी को एंटरटेनिंग माना जा रहा है. वो चाहे फिल्म की पंच लाइन हो, संवादों हों या ऐसी ही लिखावट से जुड़ी दूसरी चीजें- डॉक्टर जी में दर्शक ताजगी फील कर रहे हैं. तमाम छोटी-छोटी घटनाओं के जरिए जिस तरह कहानी को विस्तार दिया गया है- लोग उसे बिल्कुल मौलिक पा रहे हैं. कई दृश्यों की चर्चा हो रही है. उदाहरण के लिए एक फीमेल डॉक्टर का चेकअप करने के दौरान उसके परिजन जिस तरह आयुष्मान पर हमला करते हैं ऐसे तमाम दृश्य मौलिक बन पड़े हैं. लोगों ने पहले पार्ट को मनोरंजक और दूसरे हिस्से को भावुक और ड्रामेटिक माना है.
जाहिर तौर पर अनुभूति कश्यप की एक जानदार कहानी को बारीकी से फिल्माने और उसे मनोरंजक बनाए रखने के लिए दर्शकों की वाहवाही मिल रही है. इस बात के लिए भी उनकी तारीफ़ हो रही कि उन्होंने एक्टर्स की परफॉर्मेंस को सहजता से निकाला है. दर्शक आयुष्मान की वजह से अगर इसे उनकी फिल्म करार दे रहे तो शायद गलत नहीं होगा. उन्होंने पहले भी इसी तरह की भूमिका के जरिए शानदार मनोरंजन किया है. आयुष्मान के साथ शेफाली शाह, शीबा चड्ढा के काम की भी जमकर तारीफ़ हो रही है. कई ने तो दोनों को उतना ही श्रेय दिया जितना आयुष्मान को मिल रहा है. रकुलप्रीत का भी काम ठीकठाक है. अभिनय प्रजेश पाहुजा आदि एक्टर्स के कॉमिक अंदाज की भी तारीफ़ हो रही है. कुल मिलाकर परफॉर्मेंस के लिहाज से भी इसे बेस्ट फिल्म बताया जा रहा है.
इंटरनेट पर फिलहाल बज नजर नहीं आ रहा
हालांकि ऐसे दर्शकों की भी कमी नहीं जो इसे एक रूटीन फिल्म बता रहे. हालांकि ऐसे दर्शकों की भी प्रतिक्रिया में डॉक्टर जी को एक बार देखे जाने वाली फिल्म करार दिया जा रहा है. फिल्म को लोगों ने पांच में ढाई से लेकर चार तक रेटिंग किया है. IMDb पर फिल्म का बहुत बज नहीं दिख रहा है. यहां डॉक्टर जी के टॉपिक पर खबर .लिखे जाने तक मात्र 14 रजिस्टर्ड यूजर्स ने 10 में से 8.6 रेट किया है. फिल्म से जुड़ी ज्यादातर प्रतिक्रियाएं पॉजिटिव हैं, लेकिन इंटरनेट पर फिल्म का बहुत बज नहीं है. सोशल मीडिया पर भी डॉक्टर जी से जुड़े टॉपिक बहुत ट्रेंड करते तो नजर नहीं आ रहे. हालांकि प्रतिक्रियाओं से माना जा सकता है कि समय के साथ फिल्म को लेकर लोगों की दिलचस्पी बढ़े. और फिल्म का मनोरंजक पक्ष एक तगड़ा वर्ड ऑफ़ माउथ क्रिएट करे.
आयुष्मान खुराना की फिल्म के बिजनेस पर लोगों की नजर रहेगी.
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